पलामू: कथित बकोरिया मुठभेड़ में मारे गए सभी 12 शवों के विसरा की जांच सात वर्षों के बाद भी पुलिस नहीं करा पाई है. इसका खुलासा सीबीआई की ओर से स्वास्थ्य विभाग से रिपोर्ट मांगे जाने के बाद हुआ है. स्वास्थ्य विभाग ने पूरे मामले में एक बार फिर से मुकदमे के अनुसंधान अधिकारी को पत्र लिखकर विसरा जांच कराने के लिए कहा है.
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बता दें कि कथित बकोरिया मुठभेड़ की जांच सीबीआई कर रही है. इसके लिए सीबीआई की एक टीम पलामू में कैंप कर रही है. इससे पहले सीबीआई ने सभी 12 शवों की विसरा रिपोर्ट मांगी थी, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग विसरा रिपोर्ट की खोजबीन करने लगा. इसी दौरान पता चला कि 2015 में पोस्टमार्टम हुआ था लेकिन आज तक उसके विसरा की जांच नहीं हुई है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार विसरा की जांच करवाने की जिम्मेदारी मुकदमे का अनुसंधान कर रहे अधिकारी की होती है. लेकिन आज तक मुकदमा का अनुसंधान करने वाले पुलिस अधिकारी ने विसरा जांच ही नहीं कराया. स्वास्थ्य विभाग ने पूरे मामले में एक बार फिर से मुकदमे के अनुसंधान अधिकारी को पत्र लिखकर विसरा जांच कराने के लिए कहा है. 08 जून 2015 को कथित बकोरिया मुठभेड़ में मारे माओवादी टॉप कमांडर आरके उर्फ अनुराग की लाश समेत 12 शवों का पोस्टमार्टम पलामू के तत्कालीन सदर अस्पताल में किया गया था. अब यह सदर अस्पताल मेडिकल कॉलेज बन गया है.
जांच के लिए सीबीआई टीम ने पलामू में किया कैंपः बता दें कि कथित बकोरिया मुठभेड़ की जांच के लिए सीबीआई की टीम फिलहाल पलामू में कैंप कर रखा है. सीबीआई की टीम पलामू स्थित अपने कैंप कार्यालय में रूकी हुई है. सीबीआई की टीम के यहां पहुंचने के बाद एक बार फिर से इस कथित मुठभेड़ की जांच तेज होने की उम्मीद है. सीबीआई की टीम पलामू में कई लोगों से पूछताछ करने वाली है. 8 जून 2015 को बकोरिया के भलवही घाटी में कथित तौर पर 12 नक्सली मारे गए थे. मारे गए नक्सलियों में टॉप कमांडर आरके उर्फ अनुराग और उसका बेटा-भतीजा शामिल थे. कथित मुठभेड़ में 04 नाबालिग एक पारा शिक्षक और उसका भाई भी मारे गए थे. सीआईडी जांच की धीमी गति के बाद हाई कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए सीबीआई जांच का आदेश दिया था. हाईकोर्ट के आदेश पर 2018 से सीबीआई की टीम कथित बकोरिया मुठभेड़ की जांच कर रही है. मुठभेड़ के मामले में तत्कालीन डीजीपी डीके पांडेय, तत्कालीन आईजी आईजी ए नटराजन, तत्कालीन डीआईजी, एसपी, सीआरपीएफ डीआईजी, कमांडेंट, थानेदार समेत कई टॉप अधिकारियों से सीबीआई की टीम पूछताछ कर चुकी है. सीबीआई मुठभेड़ मामले में 500 से अधिक लोगों के बयान को कलमबद्ध किया गया है.