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कोरोना काल में कई बच्चों ने छोड़ी पढ़ाई, बैक टू स्कूल कैंपेन के तहत ड्राॅपआउट बच्चों को वापस लाने की पहल

कोरोना काल में स्कूलों से दूर हुए छात्रों को फिर से वापस लाने के लिए झारखंड सरकार बैक टू स्कूल कैंपेन की शुरुआत की है. इसी अभियान के तहत पलामू जिले में ड्राॅपआउट बच्चों को स्कूल में वापस लाने की पहल की जा रही है.

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Published : Apr 12, 2022, 6:22 PM IST

Updated : Apr 12, 2022, 8:07 PM IST

पलामू: कोविड-19 की वजह से शैक्षणिक व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है. इस दौरान कई बच्चों ने स्कूल छोड़ दिया. पलामू में स्कूल छोड़े हुए बच्चों की संख्या जानने के लिए एक सर्वे करवाया गया. सर्वे के शुरुआती चरण में 209 बच्चे स्कूल से अनुपस्थित पाए गए. इन बच्चों ने स्कूल आना पूरी तरह से छोड़ दिया है. इन बच्चों को स्कूल वापस लाना बड़ी चुनौती बन गई है. हालांकि पलामू जिला प्रशासन ने सभी को स्कूल से जोड़ने के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरु किए गए अभियान बैक टू स्कूल कैंपेन को जिले में लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. पलामू में 2564 सरकारी स्कूल हैं, जिनमें करीब 3.5 लाख बच्चे नामांकित है.


इसे भी पढ़ें: ड्रॉपआउट बच्चों को जोड़ने के लिए विभाग बना रहा बेहतर प्लान, बैक टू स्कूल चैंपियन का होगा आयोजन

देखें पूरी खबर

घर घर जाकर बच्चों को किया जा रहा प्रोत्साहित: बैक टू स्कूल कैंपेन के तहत जिला स्तर और पंचायत स्तर पर कार्यशाला आयोजित की जा रही है. स्कूल छोड़ने वाले बच्चों का पूरा आंकड़ा जानने के लिए सर्वे का दूसरा चरण भी होगा. जिससे आने वाले दिनों में यह स्पष्ट हो जाएगा कि पलामू में कितने बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी उपेंद्र नारायण ने बताया कि राज्य सरकार बैक टू स्कूल कैंपेन के तहत स्कूल छोड़ चुके बच्चों को वापस स्कूल लाने की पूरी कोशिश कर रही है. घर घर जाकर बच्चों को स्कूल आने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. झारखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के अमरेश सिंह ने बताया कि स्कूल छोड़ चुके बच्चों को स्कूल वापस लाना बड़ी चुनौती है, शिक्षक बच्चों को वापस स्कूल से जोड़ने के लिए अभियान चला रहे हैं



बदल गया स्कूल का शैक्षणिक सत्र: कोरोना काल के दौरान स्कूलों के बंद रहने से शैक्षणिक सत्र में भी बड़ा बदलाव हुआ है. पहले सरकारी स्कूलों में 05 अप्रैल से नए सत्र की शुरुआत हो जाती थी, लेकिन अब पांचवी से लेकर 12वीं तक के नए सत्र जुलाई महीने में शुरू होगी. अधिकारियों की माने तो यह सत्र अगले 3 वर्षों तक जारी रहेगी.

पलामू: कोविड-19 की वजह से शैक्षणिक व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है. इस दौरान कई बच्चों ने स्कूल छोड़ दिया. पलामू में स्कूल छोड़े हुए बच्चों की संख्या जानने के लिए एक सर्वे करवाया गया. सर्वे के शुरुआती चरण में 209 बच्चे स्कूल से अनुपस्थित पाए गए. इन बच्चों ने स्कूल आना पूरी तरह से छोड़ दिया है. इन बच्चों को स्कूल वापस लाना बड़ी चुनौती बन गई है. हालांकि पलामू जिला प्रशासन ने सभी को स्कूल से जोड़ने के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरु किए गए अभियान बैक टू स्कूल कैंपेन को जिले में लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. पलामू में 2564 सरकारी स्कूल हैं, जिनमें करीब 3.5 लाख बच्चे नामांकित है.


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घर घर जाकर बच्चों को किया जा रहा प्रोत्साहित: बैक टू स्कूल कैंपेन के तहत जिला स्तर और पंचायत स्तर पर कार्यशाला आयोजित की जा रही है. स्कूल छोड़ने वाले बच्चों का पूरा आंकड़ा जानने के लिए सर्वे का दूसरा चरण भी होगा. जिससे आने वाले दिनों में यह स्पष्ट हो जाएगा कि पलामू में कितने बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी उपेंद्र नारायण ने बताया कि राज्य सरकार बैक टू स्कूल कैंपेन के तहत स्कूल छोड़ चुके बच्चों को वापस स्कूल लाने की पूरी कोशिश कर रही है. घर घर जाकर बच्चों को स्कूल आने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. झारखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के अमरेश सिंह ने बताया कि स्कूल छोड़ चुके बच्चों को स्कूल वापस लाना बड़ी चुनौती है, शिक्षक बच्चों को वापस स्कूल से जोड़ने के लिए अभियान चला रहे हैं



बदल गया स्कूल का शैक्षणिक सत्र: कोरोना काल के दौरान स्कूलों के बंद रहने से शैक्षणिक सत्र में भी बड़ा बदलाव हुआ है. पहले सरकारी स्कूलों में 05 अप्रैल से नए सत्र की शुरुआत हो जाती थी, लेकिन अब पांचवी से लेकर 12वीं तक के नए सत्र जुलाई महीने में शुरू होगी. अधिकारियों की माने तो यह सत्र अगले 3 वर्षों तक जारी रहेगी.

Last Updated : Apr 12, 2022, 8:07 PM IST
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