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पशु तस्करों का नेटवर्क यूपी से बंगाल तक फैला, तस्कर डाक पार्सल वैन और कंटेनर का कर रहे इस्तेमाल

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Published : Jan 9, 2021, 7:53 PM IST

Updated : Jan 9, 2021, 9:18 PM IST

पलामू पुलिस ने पशु तस्कर के मास्टर माइंड कुदुस अंसारी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. गिरफ्तार आरोपी की ही निगरानी में पशुओं को बंगाल भेजा जाता था.

animal smuggler mastermind arrested in palamu
पशु तस्कर का मास्टरमाइंड गिरफ्तार

पलामूः पशु तस्करों का नेटवर्क यूपी से पश्चिम बंगाल तक फैला हुआ है. पूरे नेटवर्क का संचालन झारखंड और बिहार से हो रहा है. पशु तस्करी को लेकर कड़े कानून लागू होने के बाद तस्करों ने कई नए तरीके अपनाए हैं. इसका खुलासा तमाम आरोपियों के पकड़े जाने और पशु तस्करी में इस्तेमाल किए वाहनों की जब्ती से हुआ है. पुलिस ने एक पखवाड़े में 25 से अधिक ऐसे वाहनों को जब्त किया है, जबकि 600 से अधिक पशुओं को बरामद किया है. इधर पशु तस्करी के मास्टर माइंड कुदुस अंसारी को भी पलामू पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी ने तस्करी गिरोह के बड़े नेटवर्क का खुलासा किया है. कड़े कानून लागू होने के बाद तस्कर कंटेनर, टैंकर और डाक पार्सल गाड़ी का इस्तेमाल कर रहे हैं.

देखें पूरी खबर
यूपी और बिहार से पश्चिम बंगाल तक भेजे जाते हैं मवेशीकुदूस अंसारी ने पुलिस के सामने कई बड़े खुलासे किए हैं. उसने बताया कि यूपी और बिहार से पशुओं की तस्करी कर पश्चिम बंगाल तक भेजे जाते हैं. एएसपी के विजयशंकर ने बताया कि कुदूस तस्करों का बड़ा नेटवर्क था. इसकी गिरफ्तारी से तस्करों पर लगाम लगेगी. कुदूस के निगरानी में ही पशुओं को पश्चिम बंगाल भेजा जाता था. वहीं एएसपी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी पर पलामू में कई मामले दर्ज हैं. बताया कि टाउन, सदर, पड़वा, छतरपुर, सतबरवा, हरिहरगंज, नावाबाजार थाना में एफआईआर दर्ज हैं.

इसे भी पढ़ें- रांची: ओरमांझी में मिली सिर कटी लाश का मजिस्ट्रेट की निगरानी में शुक्रवार रात फिर हुआ पोस्टमार्टम


सीमा पार करवाने पर हर गाड़ी से कुदूस को मिलता था 10 हजार
कुदूस अंसारी पशु तस्करों का मास्टरमाइंड था. कुदूस पलामू से गाड़ी पार करवाने के एवज में 10 हजार रुपये वसूलता था. कुदूस ही तय करता था कि किस रूट से पशुओं की गाड़ी जाएगी. कुदूस यूपी बॉर्डर से लोहरदगा तक का रूट तय करता था. पशु तस्कर का नेटवर्क पलामू के अलावा चतरा में भी फैला हुआ है. बिहार के औरंगाबाद के बारुण से पूरे नेटवर्क का संचालन होता है. बारुण में ही पशुओं को जमा किया जाता है.

तस्कर 54 थानों को करते हैं मैनेज
तस्कर यूपी से बंगाल तक 54 थाना को मैनेज करते हैं. तस्करों के इस नेटवर्क का बड़ी कड़ी कुदूस अंसारी अंसारी था, जो 20 से अधिक थानों पर निगरानी रखता था. तस्कर एक-एक जगह को मैनेज करने के लिए पांच से दस हजार रुपये खर्च करते हैं. एक गाड़ी पशु यूपी से 50 हजार में निकलती थी. बंगाल जाने तक उसकी पशुओं से लदी गाड़ी की कीमत तीन लाख रुपये तक हो जाती है. पिछले एक वर्ष में पलामू पुलिस ने 100 से अधिक वाहनों को जब्त किया है, जबकि 1200 से अधिक पशुओं को मुक्त करवाया है.

पलामूः पशु तस्करों का नेटवर्क यूपी से पश्चिम बंगाल तक फैला हुआ है. पूरे नेटवर्क का संचालन झारखंड और बिहार से हो रहा है. पशु तस्करी को लेकर कड़े कानून लागू होने के बाद तस्करों ने कई नए तरीके अपनाए हैं. इसका खुलासा तमाम आरोपियों के पकड़े जाने और पशु तस्करी में इस्तेमाल किए वाहनों की जब्ती से हुआ है. पुलिस ने एक पखवाड़े में 25 से अधिक ऐसे वाहनों को जब्त किया है, जबकि 600 से अधिक पशुओं को बरामद किया है. इधर पशु तस्करी के मास्टर माइंड कुदुस अंसारी को भी पलामू पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी ने तस्करी गिरोह के बड़े नेटवर्क का खुलासा किया है. कड़े कानून लागू होने के बाद तस्कर कंटेनर, टैंकर और डाक पार्सल गाड़ी का इस्तेमाल कर रहे हैं.

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यूपी और बिहार से पश्चिम बंगाल तक भेजे जाते हैं मवेशीकुदूस अंसारी ने पुलिस के सामने कई बड़े खुलासे किए हैं. उसने बताया कि यूपी और बिहार से पशुओं की तस्करी कर पश्चिम बंगाल तक भेजे जाते हैं. एएसपी के विजयशंकर ने बताया कि कुदूस तस्करों का बड़ा नेटवर्क था. इसकी गिरफ्तारी से तस्करों पर लगाम लगेगी. कुदूस के निगरानी में ही पशुओं को पश्चिम बंगाल भेजा जाता था. वहीं एएसपी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी पर पलामू में कई मामले दर्ज हैं. बताया कि टाउन, सदर, पड़वा, छतरपुर, सतबरवा, हरिहरगंज, नावाबाजार थाना में एफआईआर दर्ज हैं.

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सीमा पार करवाने पर हर गाड़ी से कुदूस को मिलता था 10 हजार
कुदूस अंसारी पशु तस्करों का मास्टरमाइंड था. कुदूस पलामू से गाड़ी पार करवाने के एवज में 10 हजार रुपये वसूलता था. कुदूस ही तय करता था कि किस रूट से पशुओं की गाड़ी जाएगी. कुदूस यूपी बॉर्डर से लोहरदगा तक का रूट तय करता था. पशु तस्कर का नेटवर्क पलामू के अलावा चतरा में भी फैला हुआ है. बिहार के औरंगाबाद के बारुण से पूरे नेटवर्क का संचालन होता है. बारुण में ही पशुओं को जमा किया जाता है.

तस्कर 54 थानों को करते हैं मैनेज
तस्कर यूपी से बंगाल तक 54 थाना को मैनेज करते हैं. तस्करों के इस नेटवर्क का बड़ी कड़ी कुदूस अंसारी अंसारी था, जो 20 से अधिक थानों पर निगरानी रखता था. तस्कर एक-एक जगह को मैनेज करने के लिए पांच से दस हजार रुपये खर्च करते हैं. एक गाड़ी पशु यूपी से 50 हजार में निकलती थी. बंगाल जाने तक उसकी पशुओं से लदी गाड़ी की कीमत तीन लाख रुपये तक हो जाती है. पिछले एक वर्ष में पलामू पुलिस ने 100 से अधिक वाहनों को जब्त किया है, जबकि 1200 से अधिक पशुओं को मुक्त करवाया है.

Last Updated : Jan 9, 2021, 9:18 PM IST
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