पलामूः पशु तस्करों का नेटवर्क यूपी से पश्चिम बंगाल तक फैला हुआ है. पूरे नेटवर्क का संचालन झारखंड और बिहार से हो रहा है. पशु तस्करी को लेकर कड़े कानून लागू होने के बाद तस्करों ने कई नए तरीके अपनाए हैं. इसका खुलासा तमाम आरोपियों के पकड़े जाने और पशु तस्करी में इस्तेमाल किए वाहनों की जब्ती से हुआ है. पुलिस ने एक पखवाड़े में 25 से अधिक ऐसे वाहनों को जब्त किया है, जबकि 600 से अधिक पशुओं को बरामद किया है. इधर पशु तस्करी के मास्टर माइंड कुदुस अंसारी को भी पलामू पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी ने तस्करी गिरोह के बड़े नेटवर्क का खुलासा किया है. कड़े कानून लागू होने के बाद तस्कर कंटेनर, टैंकर और डाक पार्सल गाड़ी का इस्तेमाल कर रहे हैं.
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सीमा पार करवाने पर हर गाड़ी से कुदूस को मिलता था 10 हजार
कुदूस अंसारी पशु तस्करों का मास्टरमाइंड था. कुदूस पलामू से गाड़ी पार करवाने के एवज में 10 हजार रुपये वसूलता था. कुदूस ही तय करता था कि किस रूट से पशुओं की गाड़ी जाएगी. कुदूस यूपी बॉर्डर से लोहरदगा तक का रूट तय करता था. पशु तस्कर का नेटवर्क पलामू के अलावा चतरा में भी फैला हुआ है. बिहार के औरंगाबाद के बारुण से पूरे नेटवर्क का संचालन होता है. बारुण में ही पशुओं को जमा किया जाता है.
तस्कर 54 थानों को करते हैं मैनेज
तस्कर यूपी से बंगाल तक 54 थाना को मैनेज करते हैं. तस्करों के इस नेटवर्क का बड़ी कड़ी कुदूस अंसारी अंसारी था, जो 20 से अधिक थानों पर निगरानी रखता था. तस्कर एक-एक जगह को मैनेज करने के लिए पांच से दस हजार रुपये खर्च करते हैं. एक गाड़ी पशु यूपी से 50 हजार में निकलती थी. बंगाल जाने तक उसकी पशुओं से लदी गाड़ी की कीमत तीन लाख रुपये तक हो जाती है. पिछले एक वर्ष में पलामू पुलिस ने 100 से अधिक वाहनों को जब्त किया है, जबकि 1200 से अधिक पशुओं को मुक्त करवाया है.