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लॉकर घोटाला के बाद पलामू में बैंक खाता घोटाला, डिप्टी मैनेजर निकला मास्टर माइंड - झारखंड समाचार

पलामू में लॉकर घोटाला होने के बाद अब पलामू में बैंक खाता घोटाला (bank locker scam in palamu) सामने आया है. यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब नेशनल में लोगों के खाते से पैसा अवैध रूप से निकाल लिया गया है. इस मामले में भी डिप्टी बैंक मैनेजर की मिली भगत सामने आ रही है.

bank account scam in palamu
bank account scam in palamu
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Published : Jan 8, 2022, 5:31 PM IST

Updated : Jan 8, 2022, 6:23 PM IST

पलामू: यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और में पंजाब नेशनल बैंक में लॉकर घोटाला के बाद पलामू में बैंक खाता घोटाला (bank account scam in palamu ) का मामला सामने आया है. पलामू में लॉकर घोटाला घोटाले के मास्टर माइंड बैंक मैनेजर ही खाता घोटाला का मास्टर माइंड है. बैंक मैनेजर और ग्राहक सेवा ने पूरे घोटाले को अंजाम दिया गया है. पूरे मामले में मेदिनीनागर टाउन थाना में आरोपी डिप्टी बैंक मैनेजर प्रशांत कुमार और ग्राहक सेवा केंद्र संचालक ज्ञानचंद कुमार और अरुण कुमार सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया.

पलामू में बैंक खाता घोटाला मामले में मेदिनीनागर टाउन थाना की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. दरसल लक्ष्मी देवी नाम की मृत महिला के परिजन जब बैंक खाते से रुपए निकालने के लिए पहुंचे तो पता चला कि उनके खाते से 19 हजार रुपये गायब हैं. वहीं, राजपुरी देवी नाम की महिला के बैंक खाते से 1.10 लाख गायब हैं. दोनों के परिजन खाता से रुपये निकलने की शिकायत लेकर बैंक पंहुचे थे. पूरे मामले में बैंक ने जांच किया तो पाया कि तत्कालीन बैंक मैनेजर प्रशांत कुमार की अनुमति के बाद बैंक खाते से रुपय की निकासी हुई है. टाउन थानेदार अरुण कुमार माहथा ने बताया कि पुलिस मामले में अनुसंधान कर रही है. आवेदन मिलने के बाद एफआईआर दर्ज किया गया है.

ये भी पढ़ें: पलामू लॉकर घोटाला: दो किलो सोने के जेवरात की हुई पहचान, 100 ग्राम के दावेदार नहीं आए सामने

ग्राहक सेवा केंद्र और बैंक मैनेजर की मिलीभगत से हुआ घोटाला
दरअसल, मैनेजर बैंक खाते पर निगरानी रखता था. जिस खाते से लंबे वक्त से लेनदेन नहीं होती थी और मोटी रकम उस खाते में जमा रहती थी उस खाते की पूरी जानकारी ग्राहक सेवा केंद्र के संचालकों को उपलब्ध करवाई जाती थी. ग्राहक सेवा केंद्र उन खातों के वाउचर तैयार करता था और ग्राहक से मिलता जुलता हस्ताक्षर करता था. बाद में डिप्टी बैंक मैनेजर प्रशांत कुमार उस हस्ताक्षर को वेरीफाई कर खाते से रुपए की निकासी करवाता था. इस पूरे खेल में बैंक के और भी कई कर्मी भी उसका सहयोग करते थे. पूरे मामले में पंजाब नेशनल बैंक के मैनेजर ने मेदिनीनगर टाउन थाना में आवेदन देकर एफआईआर दर्ज करवाई है.

अरुण कुमार, इंस्पेक्टर
लॉकर घोटाले की तरह ही लॉकडाउन में खाता घोटाला हुआ कोरोना काल के दौरान ही पलामू में लॉकर घोटाला की तरह खाता घोटाला को अंजाम दिया गया. डिप्टी बैंक मैनेजर ने सदर प्रखंड के सुआ कौड़िया के ग्राहक सेवा केंद्र को घोटाले के लिए केंद्र बनाया. लॉकर घोटाला में शामिल एक दैनिक बैंक कर्मी मनोज सिंह भी सुआ कौड़िया का रहने वाला है. उसी ने बैंक मैनेजर और ग्राहक सेवा के के केंद्र के बीच कड़ी को मिलाया था. यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और वर्तमान में पंजाब नेशनल बैंक के डाल्टनगंज शाखा में लॉकर घोटाले को अंजाम दिया गया था जिसमें करोड़ों के जेवरात गायब कर दिए गए थे.

पलामू: यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और में पंजाब नेशनल बैंक में लॉकर घोटाला के बाद पलामू में बैंक खाता घोटाला (bank account scam in palamu ) का मामला सामने आया है. पलामू में लॉकर घोटाला घोटाले के मास्टर माइंड बैंक मैनेजर ही खाता घोटाला का मास्टर माइंड है. बैंक मैनेजर और ग्राहक सेवा ने पूरे घोटाले को अंजाम दिया गया है. पूरे मामले में मेदिनीनागर टाउन थाना में आरोपी डिप्टी बैंक मैनेजर प्रशांत कुमार और ग्राहक सेवा केंद्र संचालक ज्ञानचंद कुमार और अरुण कुमार सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया.

पलामू में बैंक खाता घोटाला मामले में मेदिनीनागर टाउन थाना की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. दरसल लक्ष्मी देवी नाम की मृत महिला के परिजन जब बैंक खाते से रुपए निकालने के लिए पहुंचे तो पता चला कि उनके खाते से 19 हजार रुपये गायब हैं. वहीं, राजपुरी देवी नाम की महिला के बैंक खाते से 1.10 लाख गायब हैं. दोनों के परिजन खाता से रुपये निकलने की शिकायत लेकर बैंक पंहुचे थे. पूरे मामले में बैंक ने जांच किया तो पाया कि तत्कालीन बैंक मैनेजर प्रशांत कुमार की अनुमति के बाद बैंक खाते से रुपय की निकासी हुई है. टाउन थानेदार अरुण कुमार माहथा ने बताया कि पुलिस मामले में अनुसंधान कर रही है. आवेदन मिलने के बाद एफआईआर दर्ज किया गया है.

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ग्राहक सेवा केंद्र और बैंक मैनेजर की मिलीभगत से हुआ घोटाला
दरअसल, मैनेजर बैंक खाते पर निगरानी रखता था. जिस खाते से लंबे वक्त से लेनदेन नहीं होती थी और मोटी रकम उस खाते में जमा रहती थी उस खाते की पूरी जानकारी ग्राहक सेवा केंद्र के संचालकों को उपलब्ध करवाई जाती थी. ग्राहक सेवा केंद्र उन खातों के वाउचर तैयार करता था और ग्राहक से मिलता जुलता हस्ताक्षर करता था. बाद में डिप्टी बैंक मैनेजर प्रशांत कुमार उस हस्ताक्षर को वेरीफाई कर खाते से रुपए की निकासी करवाता था. इस पूरे खेल में बैंक के और भी कई कर्मी भी उसका सहयोग करते थे. पूरे मामले में पंजाब नेशनल बैंक के मैनेजर ने मेदिनीनगर टाउन थाना में आवेदन देकर एफआईआर दर्ज करवाई है.

अरुण कुमार, इंस्पेक्टर
लॉकर घोटाले की तरह ही लॉकडाउन में खाता घोटाला हुआ कोरोना काल के दौरान ही पलामू में लॉकर घोटाला की तरह खाता घोटाला को अंजाम दिया गया. डिप्टी बैंक मैनेजर ने सदर प्रखंड के सुआ कौड़िया के ग्राहक सेवा केंद्र को घोटाले के लिए केंद्र बनाया. लॉकर घोटाला में शामिल एक दैनिक बैंक कर्मी मनोज सिंह भी सुआ कौड़िया का रहने वाला है. उसी ने बैंक मैनेजर और ग्राहक सेवा के के केंद्र के बीच कड़ी को मिलाया था. यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और वर्तमान में पंजाब नेशनल बैंक के डाल्टनगंज शाखा में लॉकर घोटाले को अंजाम दिया गया था जिसमें करोड़ों के जेवरात गायब कर दिए गए थे.
Last Updated : Jan 8, 2022, 6:23 PM IST
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