पलामू: कुख्यात अपराधी सुजीत सिन्हा के जेल में रहने के बाद पूरे गिरोह की कमान उसके बड़ा भाई अरुण सिन्हा ने संभाल रखी थी. अरुण सिन्हा छत्तीसगढ़ के रायपुर में बैठकर पूरे गिरोह का संचालन करता था. इसका खुलासा पलामू पुलिस की कार्रवाई में हुआ है. पलामू के पिपरा थाना क्षेत्र में नेशनल हाइवे 98 के कंस्ट्रक्शन कंपनी शिवालया पर 28 जून को सुजीत सिन्हा गिरोह के गुर्गों ने रंगदारी के लिए फायरिंग की थी.
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फायरिंग की घटना के बाद से पलामू पुलिस सुजीत सिन्हा गिरोह के खिलाफ अभियान चला रही है. इसी कड़ी में सुजीत सिन्हा गिरोह से जुड़े हुए रिक्की खान को पलामू पुलिस ने रांची से गिरफ्तार किया. रिक्की खान की निशानदेही पर पुलिस ने सुजीत सिन्हा के बड़े भाई अरुण सिन्हा को रायपुर से गिरफ्तार किया है. पलामू पुलिस की कार्रवाई से इस बात की भी जानकारी मिली है कि गिरोह के तार नेपाल के बाद मलेशिया से भी जुड़ा है.
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पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि सुजीत सिन्हा गिरोह की कमान अरुण सिन्हा के पास थी. अरुण सिन्हा के पास से एक आईफोन और एक मोबाइल बरामद हुआ है. मोबाइल में गिरोह से जुड़े हुए कई अहम जानकारी है. जानकारी मिलने बाद पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है. पुलिस को जानकारी मिली है कि सुजीत सिन्हा गिरोह ने रियल इस्टेट में इन्वेस्ट किया है. अरुण सिन्हा के मोबाइल में जिन लोगों से रंगदारी वसूली जानी थी और वसूली गई है उनके नाम और नंबर का ब्यौरा मिला है.
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अरुण कुमार सिन्हा पहली बार पुलिस की गिरफ्त में आया है. एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि गिरफ्तार रिक्की खान रंगदारी के पैसे को रायपुर तक पंहुचाता था. पुलिस की छापेमारी अभियान में एएसपी ऋषभ गर्ग, एसडीपीओ अजय कुमार, हरिहरगंज थाना प्रभारी सुदामा कुमार दास, पिपरा थाना प्रभारी अमित कुमार सिंह शामिल थे. अरुण कुमार सिन्हा के खिलाफ छापेमारी में छत्तीसगढ़ के रायपुर पुलिस ने भी पलामू पुलिस का सहयोग किया है.