पलामूः एक शादी समारोह से तीन बाल मजदूरों को मुक्त कराया गया है. सभी बाल मजदूरों को बाल गृह में रखा गया है और उनकी काउंसेलिंग की जा रही. दरअसल, पलामू जिला प्रशासन को सूचना मिली थी कि एक शादी समारोह में बच्चों से काम कराया जा रहा है. इस सूचना पर जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी, चाइल्ड लाइन और सीडब्ल्यूसी ने मिलकर छापेमारी की. छापेमारी में तीन बच्चों को रिकवर किया गया है.
ये भी पढ़ें-पलामू में नाबालिग के साथ दुष्कर्म, पीड़िता अस्पताल में भर्ती, आरोपी फरार
बारात में लाइट सिस्टम ढो रहे थे बच्चेः तीनों बच्चे शादी समारोह में बारात के साथ लाइट सिस्टम को अपने पास सिर पर रखे हुए थे. रिकवर किए गए तीनों बाल मजदूर पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं और स्कूली बच्चे हैं. तीनों बच्चों के परिजनों को बाल कल्याण समिति ने पत्र भेजकर कार्यालय बुलाया है. सभी के परिजनों की काउंसेलिंग की जाएगी और बच्चों के पुनर्वास के लिए कई पहल की जाएगी. रिकवर करने के बाद सीडब्ल्यूसी और चाइल्ड लाइन में बच्चों का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ एफआईआर की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है. लाइट सिस्टम के संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी.
मेदनीनगर टाउन थाना क्षेत्र से बच्चों को किया गया रिकवरः इस संबंध में जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश कुमार ने बताया कि बाल मजदूरों को लेकर अभियान चलाया जा रहा है. इसी कड़ी में पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदनीनगर टाउन थाना क्षेत्र के बस स्टैंड के पास से तीन बच्चों को रिकवर किया गया है. तीनों बच्चे लाइट सिस्टम को सिर पर रखे हुए थे और सभी को 200 से 300 रुपए की मजदूरी का भुगतान होना था. रिकवर हुए तीनों बच्चे दलित समुदाय से हैं. बताते चलें कि पलामू में बाल मजदूरों की रिकवरी के लिए कई अभियान चलाया गए हैं, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है किसी शादी समारोह से बाल मजदूरों को रिकवर किया गया है. पिछले दो वर्षों के दौरान पलामू के इलाके में आधा दर्जन से अधिक बच्चों को रिकवर किया गया है.