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पलामू में 40 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं एनीमिक, ग्रामीण इलाके की महिलाओं में जागरूकता की कमी - Women suffer from anemia

झारखंड सरकार गर्भवती महिलाओं को स्वस्थ्य रखने के लिए कई योजनाएं चला रही है. राज्य के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं और किशोरियों को आयरन की गोली दी जा रही है. बावजूद जागरूकता की कमी के कारण महिलाएं एनीमिया की शिकार हो रही हैं. पलामू में लगभग 40 प्रतिशत महिलाएं एनीमिक हैं.

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एनीमिक की संख्या में बढ़ोतरी
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Published : Mar 16, 2021, 9:54 PM IST

Updated : Mar 17, 2021, 8:25 PM IST

पलामू: झारखंड सरकार गर्भवती महिलाओं को स्वस्थ्य रखने के लिए कई योजना चला रही हैं. स्वास्थ्य केंद्र स्तर से गर्भवती और किशोरी को आयरन की गोली उपलब्ध करवाई जाती है, ताकि वो एनीमिया का शिकार नहीं हों. बावजूद पलामू में महिला और किशोरी बड़ी संख्या में एनीमिक हैं. जिले में करीब 56 हजार गर्भवती महिलाएं स्वास्थ्य विभाग से निबंधित हैं, जिनमें से 326 महिलाएं गंभीर रूप से एनीमिक हैं, जिनका ह्यूमोग्लोबिन 6 प्रतिशत से कम है, जबकि 40 प्रतिशत महिलाएं एनीमिक हैं, जिनका ह्यूमोग्लोबिन 6 से 11 प्रतिशत के बीच है. पलामू में तीन लाख के करीब किशोरी है, जिसमें 70 हजार से अधिक एनीमिक हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी


इसे भी पढे़ं: प्राइवेट अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं की जान से हो रहा खिलवाड़, नॉर्मल की जगह करते हैं सिजेरियन डिलीवरी



ग्रामीण इलाके की महिलाओं में जागरूकता की कमी
मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल के डॉक्टर कादिर परवेज बताते हैं, कि पलामू में गर्भवती महिलाओं का एनीमिक होने का बड़ा कारण यह भी है, कि बड़ी संख्या में महिलाएं डॉक्टर की बात नहीं मानती हैं और दवाओं का इस्तेमाल नहीं करती हैं, ग्रामीण इलाके में सरकारी तंत्र और सलाह को लेकर ग्रामीणों में जागरूकता की कमी है.

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कई महिलाएं गंभीर रूप से ग्रसित

महिलाओं को जागरूक करने की कोशिश

पलामू की हैदरनगर की नाजरा खातून बताती हैं कि महिलाएं घर के काम में अधिक ध्यान देती हैं, खुद पर ध्यान नहीं देती हैं, जिस कारण वो इसका शिकार हो रही हैं, आंगनबाड़ी से पोषाहार और राशन मिल रहा है. वहीं आंगनबाड़ी सेविका अफसाना खातून बताती हैं कि महिलाओं में जागरूकता की कमी है, महिलाएं जागरूक नहीं हैं, उन्हें जागरूक करने की कोशिश की जा रही है, उन्हें बार-बार सलाह दी जा रही है, कि वे अपने खान-पान पर ध्यान दें.

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किशोरियां भी एनीमिया की शिकार


इसे भी पढे़ं: पलामूः जमीन को लेकर आंदोलन, कागजात की मांग को लेकर ग्रामीणों का धरना


हर गांव में होगी ह्यूमोग्लोबिन की जांच
पलामू राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के डीपीएम दीपक कुमार बताते हैं कि महिलाओं के एनीमिक होने को लेकर नीति आयोग भी गंभीर है, मामले में कई निर्देश जारी किए गए हैं, स्वास्थ्य विभाग लगातार सभी पर नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने बताया कि महिलाओं में जागरूकता को लेकर हर गांव में ह्यूमोग्लोबिन शुगर जांच की व्यवस्था की जाएगी, इसे लेकर सभी सहिया को निर्देश जारी किया गया है, स्वास्थ्य विभाग सभी से बार-बार अपील कर रही है, कि वह डॉक्टर की सलाह को मानें और दवाओं का सेवन करें.

पलामू: झारखंड सरकार गर्भवती महिलाओं को स्वस्थ्य रखने के लिए कई योजना चला रही हैं. स्वास्थ्य केंद्र स्तर से गर्भवती और किशोरी को आयरन की गोली उपलब्ध करवाई जाती है, ताकि वो एनीमिया का शिकार नहीं हों. बावजूद पलामू में महिला और किशोरी बड़ी संख्या में एनीमिक हैं. जिले में करीब 56 हजार गर्भवती महिलाएं स्वास्थ्य विभाग से निबंधित हैं, जिनमें से 326 महिलाएं गंभीर रूप से एनीमिक हैं, जिनका ह्यूमोग्लोबिन 6 प्रतिशत से कम है, जबकि 40 प्रतिशत महिलाएं एनीमिक हैं, जिनका ह्यूमोग्लोबिन 6 से 11 प्रतिशत के बीच है. पलामू में तीन लाख के करीब किशोरी है, जिसमें 70 हजार से अधिक एनीमिक हैं.

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ग्रामीण इलाके की महिलाओं में जागरूकता की कमी
मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल के डॉक्टर कादिर परवेज बताते हैं, कि पलामू में गर्भवती महिलाओं का एनीमिक होने का बड़ा कारण यह भी है, कि बड़ी संख्या में महिलाएं डॉक्टर की बात नहीं मानती हैं और दवाओं का इस्तेमाल नहीं करती हैं, ग्रामीण इलाके में सरकारी तंत्र और सलाह को लेकर ग्रामीणों में जागरूकता की कमी है.

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कई महिलाएं गंभीर रूप से ग्रसित

महिलाओं को जागरूक करने की कोशिश

पलामू की हैदरनगर की नाजरा खातून बताती हैं कि महिलाएं घर के काम में अधिक ध्यान देती हैं, खुद पर ध्यान नहीं देती हैं, जिस कारण वो इसका शिकार हो रही हैं, आंगनबाड़ी से पोषाहार और राशन मिल रहा है. वहीं आंगनबाड़ी सेविका अफसाना खातून बताती हैं कि महिलाओं में जागरूकता की कमी है, महिलाएं जागरूक नहीं हैं, उन्हें जागरूक करने की कोशिश की जा रही है, उन्हें बार-बार सलाह दी जा रही है, कि वे अपने खान-पान पर ध्यान दें.

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किशोरियां भी एनीमिया की शिकार


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हर गांव में होगी ह्यूमोग्लोबिन की जांच
पलामू राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के डीपीएम दीपक कुमार बताते हैं कि महिलाओं के एनीमिक होने को लेकर नीति आयोग भी गंभीर है, मामले में कई निर्देश जारी किए गए हैं, स्वास्थ्य विभाग लगातार सभी पर नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने बताया कि महिलाओं में जागरूकता को लेकर हर गांव में ह्यूमोग्लोबिन शुगर जांच की व्यवस्था की जाएगी, इसे लेकर सभी सहिया को निर्देश जारी किया गया है, स्वास्थ्य विभाग सभी से बार-बार अपील कर रही है, कि वह डॉक्टर की सलाह को मानें और दवाओं का सेवन करें.

Last Updated : Mar 17, 2021, 8:25 PM IST
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