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पीटीआर में हिरण और चीतल को किया जाएगा शिफ्ट, बिरसा मुंडा जैविक उद्यान से लाए जाएंगे 250 हिरण

Palamu Tiger Reserve. पलामू टाइगर रिजर्व में हिरण और चीतल को शिफ्ट किया जा रहा है. रांची के बिरसा मुंडा जैविक उद्यान से 250 हिरण पीटीआर में शिफ्ट किया जाएगा.

Palamu Tiger Reserve
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 3, 2024, 5:24 PM IST

पलामू: फरवरी के दूसरे सप्ताह में पलामू टाइगर रिजर्व में हिरण और चीतल को शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. इसके अलावा रांची के ओरमांझी स्थित भगवान बिरसा मुंडा जैविक उद्यान से भी 250 हिरण लाये जाने हैं. पलामू टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने राष्ट्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से अनुमति मांगी है. दरअसल, पलामू टाइगर रिजर्व में चार अलग-अलग इलाकों में हिरण और चीतल के लिए सॉफ्ट रिलीज सेंटर बनाए जा रहे हैं. जिसमें से एक सॉफ्ट रिलीज सेंटर बूढ़ापहाड़ के इलाके में है. चारों सॉफ्ट रिलीज सेंटर में हिरण और चीतल को शिफ्ट किया जाना है. पलामू टाइगर रिजर्व के बेतला नेशनल पार्क क्षेत्र में हिरण और चीतल मौजूद हैं, अन्य क्षेत्रों में ये मौजूद नहीं हैं. पीटीआर प्रबंधन पीटीआर के अन्य क्षेत्रों में हिरणों की उपस्थिति की जांच के लिए चार सॉफ्ट रिलीज सेंटर बना रहा है.

बोमा तकनीक का होगा इस्तेमाल: पीटीआर प्रबंधन हिरण और चीतल को शिफ्ट करने के लिए बोमा तकनीक का इस्तेमाल करेगा. बोमा तकनीक से हिरण और चीतल को पकड़ा जाएगा. पलामू टाइगर रिजर्व के कर्मियों को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का बोमा तकनीकी विशेष प्रशिक्षण दिया गया है. हिरण और चीतल को शिफ्ट करने के लिए एक विशेष वाहन तैयार किया गया है. पलामू टाइगर रिजर्व जनवरी के दूसरे सप्ताह में हिरण और चीतल को शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर देगा. पीटीआर निदेशक कुमार आशुतोष ने बताया कि बोमा तकनीक से हिरण और चीतल को शिफ्ट किया जाएगा. पहले चरण में, लगभग 200 हिरणों को बेतला राष्ट्रीय उद्यान से स्थानांतरित किया जाएगा, जबकि लगभग 250 हिरणों को बिरसा मुंडा जैविक उद्यान से स्थानांतरित किया जाएगा.

बेतला नेशनल पार्क में छह हजार से ज्यादा हिरण मौजूद: पलामू टाइगर रिजर्व के नेशनल पार्क क्षेत्र में छह हजार से अधिक हिरण और चीतल मौजूद हैं. वे अन्य क्षेत्रों में मौजूद नहीं हैं. पीटीआर बाघों के लिए प्रसिद्ध है, बाघों का पसंदीदा भोजन हिरण और चीतल है. पीटीआर प्रबंधन सभी क्षेत्रों के बाघों को भोजन उपलब्ध कराना चाहता है, इसलिए सॉफ्ट रिलीज सेंटर बनाया जा रहा है. पीटीआर के कोर और बफर क्षेत्रों में अलग-अलग सॉफ्ट रिलीज सेंटर बनाए गए हैं. पीटीआर प्रबंधन का कहना है कि बिरसा मुंडा जैविक फार्म से हिरण आयात करने के बाद प्रजनन में बदलाव आएगा. हालांकि, जो हिरण युवा हैं, उन्हें शिफ्ट किया जाएगा.

पलामू: फरवरी के दूसरे सप्ताह में पलामू टाइगर रिजर्व में हिरण और चीतल को शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. इसके अलावा रांची के ओरमांझी स्थित भगवान बिरसा मुंडा जैविक उद्यान से भी 250 हिरण लाये जाने हैं. पलामू टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने राष्ट्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से अनुमति मांगी है. दरअसल, पलामू टाइगर रिजर्व में चार अलग-अलग इलाकों में हिरण और चीतल के लिए सॉफ्ट रिलीज सेंटर बनाए जा रहे हैं. जिसमें से एक सॉफ्ट रिलीज सेंटर बूढ़ापहाड़ के इलाके में है. चारों सॉफ्ट रिलीज सेंटर में हिरण और चीतल को शिफ्ट किया जाना है. पलामू टाइगर रिजर्व के बेतला नेशनल पार्क क्षेत्र में हिरण और चीतल मौजूद हैं, अन्य क्षेत्रों में ये मौजूद नहीं हैं. पीटीआर प्रबंधन पीटीआर के अन्य क्षेत्रों में हिरणों की उपस्थिति की जांच के लिए चार सॉफ्ट रिलीज सेंटर बना रहा है.

बोमा तकनीक का होगा इस्तेमाल: पीटीआर प्रबंधन हिरण और चीतल को शिफ्ट करने के लिए बोमा तकनीक का इस्तेमाल करेगा. बोमा तकनीक से हिरण और चीतल को पकड़ा जाएगा. पलामू टाइगर रिजर्व के कर्मियों को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का बोमा तकनीकी विशेष प्रशिक्षण दिया गया है. हिरण और चीतल को शिफ्ट करने के लिए एक विशेष वाहन तैयार किया गया है. पलामू टाइगर रिजर्व जनवरी के दूसरे सप्ताह में हिरण और चीतल को शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर देगा. पीटीआर निदेशक कुमार आशुतोष ने बताया कि बोमा तकनीक से हिरण और चीतल को शिफ्ट किया जाएगा. पहले चरण में, लगभग 200 हिरणों को बेतला राष्ट्रीय उद्यान से स्थानांतरित किया जाएगा, जबकि लगभग 250 हिरणों को बिरसा मुंडा जैविक उद्यान से स्थानांतरित किया जाएगा.

बेतला नेशनल पार्क में छह हजार से ज्यादा हिरण मौजूद: पलामू टाइगर रिजर्व के नेशनल पार्क क्षेत्र में छह हजार से अधिक हिरण और चीतल मौजूद हैं. वे अन्य क्षेत्रों में मौजूद नहीं हैं. पीटीआर बाघों के लिए प्रसिद्ध है, बाघों का पसंदीदा भोजन हिरण और चीतल है. पीटीआर प्रबंधन सभी क्षेत्रों के बाघों को भोजन उपलब्ध कराना चाहता है, इसलिए सॉफ्ट रिलीज सेंटर बनाया जा रहा है. पीटीआर के कोर और बफर क्षेत्रों में अलग-अलग सॉफ्ट रिलीज सेंटर बनाए गए हैं. पीटीआर प्रबंधन का कहना है कि बिरसा मुंडा जैविक फार्म से हिरण आयात करने के बाद प्रजनन में बदलाव आएगा. हालांकि, जो हिरण युवा हैं, उन्हें शिफ्ट किया जाएगा.

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