पाकुड़: मानसून के आगमन के पर बालू घाटों और नदियों से बालू उठाव पर पूरी तरह से रोक लगा दिया गया है. एनजीटी के आदेश पर 10 जून से 15 अक्टूबर तक नदियों से बालू का उठाव नहीं किया जाना है. यदि जिले में इसका उल्लंघन करते पाया गया तो सीधे उस प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी.
राष्ट्रीय हरित अधिकरण के निर्देश पर जिले के बालू घाटों से उत्खनन का कार्य रोक दिया गया है. यदि इसका कोई उल्लंघन करते पाया गया तो सीधे उस प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी. उक्त जानकारी उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने दी. डीसी ने बताया कि मानसून को देखते हुए 10 जून से 15 अक्टूबर तक जिले के सभी नदियों के बालू घाटों में बालू उठाव पर पूर्णतः रोक लगा दी गई है. डीसी ने कहा कि अवैध तरीके से बालू का उठाव न हो इस पर जिला प्रशासन की नजर रहेगी और छापेमारी के लिए जिला टास्क फोर्स को विशेष दिशा-निर्देश भी दिया गया है.
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उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने बताया कि जिले के महेशपुर और अमड़ापाड़ा प्रखंड के कई स्थानों को चिन्हित किया गया और वहां से अवैध बालू उत्खनन की संभावना है. इसके लिए डीटीएफ की टीम को एक्टिव रहने और कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. इधर, बालू का उठाव पर रोक लगने से जिले में चल रहे कई विकास और कल्याणकारी योजनों पर भी असर पड़ेगा. जिले के महेशपुर और अमड़ापाड़ा प्रखंड बांसलोई नदी में बालू का उठाव अधिक होता है. यहां लोग ज्यादातर अवैध तरीके से बालू का उत्खनन कर जिले के हिरणपुर पाकुड़, पाकुड़िया और महेशपुर के रास्ते दूसरे राज्यों में भी ले जाते हैं. हाल के दिनों में डीटीएफ की टीम ने छापेमारी कर दर्जनों ट्रैक्टरों को जब्त किया था. चालक और मालिक के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराया गया था.