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पाकुड़ के मलेरिया जोन लिट्टीपाड़ा प्रखंड के 23 गांव का सर्वे, चिन्हित कर मरीजों का होगा इलाज

Village survey by Health Department in Pakur. पाकुड़ में मरेलिया का प्रकोप फैलने के बाद जिला के मरेलिया जोन लिट्टीपाड़ा प्रखंड में स्वास्थ्य विभाग द्वारा 23 गांव का सर्वे कराया जा रहा है. जिसमें ग्रामीणों के स्वास्थ्य और रक्त जांच की जाएगी. इसके बाद उन्हें चिन्हित कर उनका इलाज कराया जाएगा.

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 28, 2023, 3:33 PM IST

Survey of 23 villages of malaria zone of Littipara block in Pakur
पाकुड़ के मलेरिया जोन लिट्टीपाड़ा प्रखंड के 23 गांव का सर्वे
पाकुड़ के मलेरिया जोन लिट्टीपाड़ा प्रखंड के 23 गांव का सर्वे

पाकुड़ः जिले में बीमारी के प्रकोप के बाद पाकुड़ के मरेलिया जोन लिट्टीपाड़ा प्रखंड के 23 गांव का सर्वे हो रहा है. स्वास्थ्य विभाग अब घर-घर सर्वे करने का काम शुरू कर दिया है. सर्वे कार्य में चिकित्सक के अलावा मल्टी पर्पस वर्कर, रोजगार, पंचायत सचिव, पंचायत के मुखिया को लगाया गया है.

इस टीम में शामिल घर घर पहुंच कर परिवार के सभी सदस्यों का स्वास्थ्य जांच के साथ यह जानकारी लेंगे कि स्वास्थ्य संबंधित क्या समस्या है. इस बीच अगर कोई बीमार व्यक्ति मिले तो उनकी रक्त जांच के साथ दवा दिया जाएगा और गंभीर स्थिति में पाया गया तो उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक लिट्टीपाड़ा प्रखंड के तिसरो, जालोकुंडी, बड़ा मालीपाड़ा, कुनीबोना, पथरिया, करमाटांड़, बोहरा, कुसभीला, लब्दाघाटी, सिमॉओरि, डुमगो, छोटा पोखरिया, नावाडीह, पकरिया, मालगोड़ा, मकरो, छोटा मारगो, गोकुलपुर, खैराबनी, छोटा जारा, जामकुन्दर, दुमरहीर, साधोतारी गांव को चिन्हित किया गया है. इन गांव में घर घर सर्वे का काम किया जाएगा.

इसके साथ ही बड़ा कुटलो गांव के संथाली टोला, बुचु टोला एवं पहाड़िया टोला में विशेष अभियान चलाया जाएगा. इन इलाकों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा सर्वे के बाद फोकल स्प्रे (छिड़काव), फॉगिंग की जाएगी ताकि ग्रामीणों को मलेरिया, ब्रेन मलेरिया, डेंगू, कालाजार जैसी बीमारियों से मुक्ति मिले.

पाकुड़ सिविल सर्जन डॉ मंटू कुमार टेकरीवाल ने बताया कि इस प्रो जोन इलाके में बीच-बीच में सर्वे काम पूर्व से चलते आ रहे हैं. साल में दो बार छिड़काव करते हैं. लेकिन इन इलाकों के लोग जागरूक नहीं रहने के कारण 35 प्रतिशत घरों में छिड़काव कार्य पूरा नहीं हो पाता है. इस कारण मलेरिया जैसी बीमारी पनपने लगती है और लोग इसका शिकार होते हैं. सिविल सर्जन ने बताया कि चिन्हित 23 गांव में फॉगिंग कराने का आदेश जारी किया गया और इस पर जल्द कार्य भी शुरू कर दी जाएगी. सिविल सर्जन ने बताया कि मेडिकेटेड मच्छरदानी उपलब्ध नहीं है. इसको लेकर उपायुक्त से कहा गया है और उपायुक्त ने भरोसा दिलाया है कि जल्द ही मच्छरदानी की व्यवस्था करायी जाएगी.

बता दें कि जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिन्हित इन 23 गांव में पूर्व में भी मलेरिया, ब्रेन मेलरिया, डेंगू एवं कालाजार के मरीज पाए गए. इसलिए इन इलाकों को चिन्हित कर घर घर सर्वे का काम किया जा रहा है. लिट्टीपाड़ा प्रखंड के चिन्हित यह गांव घने जंगल एवं पहाड़ी इलाका है. अधिकांश इलाकों में आवागमन के लिए सड़क नहीं है और यहां के लोग आज भी झरना, नदी नालों का जमा पानी पीने को विवश हैं. इन्ही कारणों से अधिकांश ग्रामीण मलेरिया, ब्रेन मलेरिया, डेंगू व कालाजार की चपेट में आ जाते है. यहां सबसे बड़ी समस्या लोग आज भी बीमार पड़ने पर ओझागुनी से झाड़ फूंक कराते हैं और झोलाछाप डॉक्टरों के चंगुल में पड़ जाते हैं, जिसके चलते बीमारी से कई बार उनको जान भी गंवानी पड़ती है.

इसे भी पढ़ें- पाकुड़ में पांच बच्चे की मौत के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप, मलेरिया के बाद झाड़ फूंक से मौत मामले की जांच शुरू

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पाकुड़ के मलेरिया जोन लिट्टीपाड़ा प्रखंड के 23 गांव का सर्वे

पाकुड़ः जिले में बीमारी के प्रकोप के बाद पाकुड़ के मरेलिया जोन लिट्टीपाड़ा प्रखंड के 23 गांव का सर्वे हो रहा है. स्वास्थ्य विभाग अब घर-घर सर्वे करने का काम शुरू कर दिया है. सर्वे कार्य में चिकित्सक के अलावा मल्टी पर्पस वर्कर, रोजगार, पंचायत सचिव, पंचायत के मुखिया को लगाया गया है.

इस टीम में शामिल घर घर पहुंच कर परिवार के सभी सदस्यों का स्वास्थ्य जांच के साथ यह जानकारी लेंगे कि स्वास्थ्य संबंधित क्या समस्या है. इस बीच अगर कोई बीमार व्यक्ति मिले तो उनकी रक्त जांच के साथ दवा दिया जाएगा और गंभीर स्थिति में पाया गया तो उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक लिट्टीपाड़ा प्रखंड के तिसरो, जालोकुंडी, बड़ा मालीपाड़ा, कुनीबोना, पथरिया, करमाटांड़, बोहरा, कुसभीला, लब्दाघाटी, सिमॉओरि, डुमगो, छोटा पोखरिया, नावाडीह, पकरिया, मालगोड़ा, मकरो, छोटा मारगो, गोकुलपुर, खैराबनी, छोटा जारा, जामकुन्दर, दुमरहीर, साधोतारी गांव को चिन्हित किया गया है. इन गांव में घर घर सर्वे का काम किया जाएगा.

इसके साथ ही बड़ा कुटलो गांव के संथाली टोला, बुचु टोला एवं पहाड़िया टोला में विशेष अभियान चलाया जाएगा. इन इलाकों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा सर्वे के बाद फोकल स्प्रे (छिड़काव), फॉगिंग की जाएगी ताकि ग्रामीणों को मलेरिया, ब्रेन मलेरिया, डेंगू, कालाजार जैसी बीमारियों से मुक्ति मिले.

पाकुड़ सिविल सर्जन डॉ मंटू कुमार टेकरीवाल ने बताया कि इस प्रो जोन इलाके में बीच-बीच में सर्वे काम पूर्व से चलते आ रहे हैं. साल में दो बार छिड़काव करते हैं. लेकिन इन इलाकों के लोग जागरूक नहीं रहने के कारण 35 प्रतिशत घरों में छिड़काव कार्य पूरा नहीं हो पाता है. इस कारण मलेरिया जैसी बीमारी पनपने लगती है और लोग इसका शिकार होते हैं. सिविल सर्जन ने बताया कि चिन्हित 23 गांव में फॉगिंग कराने का आदेश जारी किया गया और इस पर जल्द कार्य भी शुरू कर दी जाएगी. सिविल सर्जन ने बताया कि मेडिकेटेड मच्छरदानी उपलब्ध नहीं है. इसको लेकर उपायुक्त से कहा गया है और उपायुक्त ने भरोसा दिलाया है कि जल्द ही मच्छरदानी की व्यवस्था करायी जाएगी.

बता दें कि जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिन्हित इन 23 गांव में पूर्व में भी मलेरिया, ब्रेन मेलरिया, डेंगू एवं कालाजार के मरीज पाए गए. इसलिए इन इलाकों को चिन्हित कर घर घर सर्वे का काम किया जा रहा है. लिट्टीपाड़ा प्रखंड के चिन्हित यह गांव घने जंगल एवं पहाड़ी इलाका है. अधिकांश इलाकों में आवागमन के लिए सड़क नहीं है और यहां के लोग आज भी झरना, नदी नालों का जमा पानी पीने को विवश हैं. इन्ही कारणों से अधिकांश ग्रामीण मलेरिया, ब्रेन मलेरिया, डेंगू व कालाजार की चपेट में आ जाते है. यहां सबसे बड़ी समस्या लोग आज भी बीमार पड़ने पर ओझागुनी से झाड़ फूंक कराते हैं और झोलाछाप डॉक्टरों के चंगुल में पड़ जाते हैं, जिसके चलते बीमारी से कई बार उनको जान भी गंवानी पड़ती है.

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