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प्राइवेट स्कूल को टक्कर दे रहे सरकारी विद्यालय, गांव के बच्चे भी बन रहे स्मार्ट

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Published : Feb 21, 2020, 2:56 PM IST

बच्चों को पढ़ाई की ओर आकर्षित करने के लिए सरकार समय-समय पर कई योजनाएं लाती रहती है. भारत सरकार की ऐसी ही एक योजना से बच्चों में पढ़ाई के प्रति ललक बढ़ी है. आकांक्षी जिला अंतर्गत पाकुड़ के दर्जनों सरकारी विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों को स्मार्ट क्लास के जरिए उन्हें प्राइवेट स्कूल की तर्ज पर शिक्षा दी जा रही है.

education for children in pakur
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पाकुड़: गांव और पहाड़ों पर रहने वाले ग्रामीण बच्चों की बौद्धिक और तार्किक क्षमता बढ़ाने में स्मार्ट क्लास मददगार साबित हो रहा है. आकांक्षी जिला अंतर्गत झारखंड शिक्षा परियोजना जिले के दर्जनों सरकारी विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों को स्मार्ट क्लास के जरिए उन्हें प्राइवेट स्कूल की तर्ज पर शिक्षा दी जा रही है.

देखिए स्पेशल स्टोरी

दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले गांव के बच्चे सरकारी स्कूलों में संचालित स्मार्ट क्लास का भरपूर लाभ उठा रहे हैं. इस दौरान वे खेल-खेल में पढ़ाई का भी लाभ उठा रहे हैं. संचालित स्मार्ट क्लास में पढ़ रहे गरीब परिवार के बच्चों को बराबर की शिक्षा मुहैया कराने का काम इन दिनों जोर-शोर से हो रहा है. छात्र हो या छात्रा सभी स्मार्ट क्लास में न केवल गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा ग्रहण कर रहे बल्कि उनका लर्निंग स्तर भी बढ़ रहा है.

पहाड़ा हो या ककहरा या किताबी शिक्षा के साथ-साथ नैतिक शिक्षा बच्चों को देने का काम भी स्मार्ट क्लास के जरिए शिक्षा विभाग कर रहा है. अपने-अपने कक्षा में पढ़ाई के बाद बच्चे प्रतिदिन स्मार्ट क्लास से भी अपनी बौद्धिक और तार्किक क्षमता बढ़ा रहे हैं. स्कूली बच्चों को ज्ञानवर्धक कहानियां, महापुरुषों की जीवनी की भी जानकारी स्मार्ट क्लास में दी जा रही है. इतना ही नहीं विद्यालयो में बाला पैंटिंग भी कराया गया है ताकि गांव के बच्चे इससे भी पढ़ाई कर सके.

ये भी पढ़ें: यहां आलू से बनाई जाती है जलेबी, शिवरात्री में होती भारी डिमांड

अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी जयेंद्र मिश्र ने बताया कि जिले के 59 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास संचालित हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि बच्चों का लर्निंग लेवल सुधारने के लिए आकांक्षी जिला मद से स्मार्ट क्लास चलाए जा रहे हैं. विभाग का मकसद बच्चों का लर्निंग लेवल ऊपर उठाना ताकि वह पढ़ाई के साथ-साथ पेंटिंग, खेलकूद आदि गतिविधियों में अव्वल रहे.

प्राइवेट स्कूल को टक्कर दे रहे सरकारी विद्यालय, गांव के बच्चे भी बन रहे स्मार्ट

पाकुड़: गांव और पहाड़ों पर रहने वाले ग्रामीण बच्चों की बौद्धिक और तार्किक क्षमता बढ़ाने में स्मार्ट क्लास मददगार साबित हो रहा है. आकांक्षी जिला अंतर्गत झारखंड शिक्षा परियोजना जिले के दर्जनों सरकारी विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों को स्मार्ट क्लास के जरिए उन्हें प्राइवेट स्कूल की तर्ज पर शिक्षा दी जा रही है.

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दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले गांव के बच्चे सरकारी स्कूलों में संचालित स्मार्ट क्लास का भरपूर लाभ उठा रहे हैं. इस दौरान वे खेल-खेल में पढ़ाई का भी लाभ उठा रहे हैं. संचालित स्मार्ट क्लास में पढ़ रहे गरीब परिवार के बच्चों को बराबर की शिक्षा मुहैया कराने का काम इन दिनों जोर-शोर से हो रहा है. छात्र हो या छात्रा सभी स्मार्ट क्लास में न केवल गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा ग्रहण कर रहे बल्कि उनका लर्निंग स्तर भी बढ़ रहा है.

पहाड़ा हो या ककहरा या किताबी शिक्षा के साथ-साथ नैतिक शिक्षा बच्चों को देने का काम भी स्मार्ट क्लास के जरिए शिक्षा विभाग कर रहा है. अपने-अपने कक्षा में पढ़ाई के बाद बच्चे प्रतिदिन स्मार्ट क्लास से भी अपनी बौद्धिक और तार्किक क्षमता बढ़ा रहे हैं. स्कूली बच्चों को ज्ञानवर्धक कहानियां, महापुरुषों की जीवनी की भी जानकारी स्मार्ट क्लास में दी जा रही है. इतना ही नहीं विद्यालयो में बाला पैंटिंग भी कराया गया है ताकि गांव के बच्चे इससे भी पढ़ाई कर सके.

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अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी जयेंद्र मिश्र ने बताया कि जिले के 59 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास संचालित हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि बच्चों का लर्निंग लेवल सुधारने के लिए आकांक्षी जिला मद से स्मार्ट क्लास चलाए जा रहे हैं. विभाग का मकसद बच्चों का लर्निंग लेवल ऊपर उठाना ताकि वह पढ़ाई के साथ-साथ पेंटिंग, खेलकूद आदि गतिविधियों में अव्वल रहे.

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