पाकुड़: कोविड-19 को लेकर जारी गाइडलाइन की वजह से इस बार मूर्तिकारों को भी निराश होना पड़ रहा है. पूर्व की तरह इस वर्ष दुर्गा पूजा का त्यौहार प्रतिमा स्थापित कर कम स्थानों पर होगी. जिसके चलते जिले के मूर्तिकारों को प्रतिमा बनाने के लिए आर्डर काफी कम संख्या में मिला है. इतना ही नहीं सरकार के जारी गाइडलाइन के मुताबिक मां दुर्गा सहित अन्य देवी देवताओं की स्थापित की जाने वाली प्रतिमा की ऊंचाई निर्धारित कर देने के कारण भी मूर्तिकारों के पारंपरिक पेशे पर प्रतिकूल असर पड़ा है.
4 फीट की होगी मां दुर्गा की प्रतिमा
पहले 5 से 10 फीट तक की प्रतिमा का निर्माण दुर्गा पूजा के मौके पर किया करते थे और इनके मेहनत का मेहताना भी अच्छा मिल जाया करता था. जिसके चलते उनका और उनके परिवार का भरण पोषण ठीकठाक हुआ करता था. कोविड-19 के चलते पूजा समिति के आयोजकों को 4 फीट से ज्यादा ऊंची प्रतिमा पंडालों एवं मंडलों में स्थापित नहीं करने की हिदायत दी गयी है. जिसका असर मूर्तिकारों के कारोबार पर असर पड़ा है. मूर्तिकारों के मुताबिक सरकार के जारी गाइडलाइन की वजह से दुर्गा पूजा के इस मौके पर उन्हें सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है. मूर्तिकारों ने बताया कि रंग, कपड़ा के अलावे प्रतिमा निर्माण में लगने वाले सामानों की कीमतें बढ़ गयी है, तो दूसरी ओर प्रतिमा की ऊंचाई निर्धारित कर दिए जाने के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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गाइडलाइंस से हो रही दिक्कत
कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन में प्रतिमा 4 फीट का निर्माण कराने, थीम आधारित पंडाल का निर्माण नहीं कराने, विद्युत सज्जा व तोरण द्वार का निर्माण पर रोक, मास्को व सेनेटाइजर का उपयोग करने, पूजा पंडाल और मंडप में सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन कराने, एक समय में 7 लोगों से ज्यादा पंडाल में प्रवेश नहीं करने देने, मेला का आयोजन नहीं कराने, मंदिरों एवं पूजा मंडप में प्रसाद, भोग का वितरण नहीं करने, पूजा स्थलों के आसपास फास्ट फूड की दुकान नहीं लगाने, रावण वध पर रोक आदि जारी गाइडलाइन के कारण इन कारोबार से जुड़े कारोबारियों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.