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धोनी के 'हमर' की कीमत से भी ज्यादा है इस सांप का दाम, मिलने पर मारने जा रहे थे लोग

पाकुड़ में वन विभाग को एक नया मेहमान रेड सैंड बोआ सांप मिला है. विभागीय जानकारी के मुताबिक रेड सैंड बोआ ज्यादातर राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, आंध्र प्रदेश के मैदानी और दलदली इलाको में पाए जाते हैं. इसकी कीमत करोड़ों में बताई जा रही है. वहीं चीन में एड्स का इलाज के लिए इसकी तस्करी होने की कई बार खबरें आई हैं. लोग वहां इसका दवा बनाने में इस्तमाल करते हैं.

पाकुड़ में मिला रेड सैंड बोआ सांप
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Published : Mar 8, 2019, 1:17 PM IST

पाकुड़: वन विभाग को एक नया मेहमान रेड सैंड बोआ सांप मिला है. वन विभाग ने रेड सैंड बोआ की न केवल जान बचाई है, बल्कि उसे सुरक्षित जंगलों में भेजने की तैयारी भी कर रहा है.

पाकुड़ में मिला रेड सैंड बोआ सांप

करोड़ों में है कीमत
रेड सैंड बोआ सांप के मिलने की सूचना पर लोग वन प्रमंडल कार्यालय इसे देखने के लिए भी पहुंच रहे हैं. जानकारों के मुताबिक रेड सैंड बोआ की कीमत करोड़ों में है. इसे चीन में दवा और तंत्र मंत्र की सिद्धी के लिए ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है.

वन विभाग को दी गई सूचना
जिला मुख्यालय के कुमार कालीदास मेमोरियल कॉलेज के पास एक निर्माणाधीन मकान से रेड सैंड बोआ (दो मुंहा सांप) पाया गया. इसे लोग मारने के लिए ले जा रहे थे कि संजीव कुमार झा नाम के व्यक्ति ने इसकी सूचना वन विभाग को दी. सूचना मिलते ही वन क्षेत्र पदाधिकारी अनिल कुमार सिंह दल बल के साथ पहुंचे और सांप को अपने कब्जे में लिया.

अंधविश्वास के कारण तस्करी
ऐसा माना जाता है कि दो मुंहा सांप का घर में आना सौभाग्य की बात है. विभागीय जानकारी के मुताबिक रेड सैंड बोआ ज्यादातर राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, आंध्र प्रदेश के मैदानी और दलदली इलाको में पाए जाते हैं. वन क्षेत्र पदाधिकारी श्री सिंह ने बताया कि चीन में एड्स का इलाज के लिए इसकी तस्करी होने की कई बार खबरें आई हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. उन्होंने बताया कि अंधविश्वास के कारण लोग रेड सेंट बोआ की तस्करी करते हैं.

ये भी पढ़ें- सीवरेज-ड्रेनेज के डीपीआर में गड़बड़ी: HC ने 29 मार्च तक मांगा जवाब

धोनी की कार के बराबर है सांप
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस सांप की कीमत एक करोड़ के लगभग है. लोग इसका दवा बनाने में भी इस्तमाल करते हैं. वहीं क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी ने जो कार रखी है उसकी भी कीमत इसी के आस पास है.

पाकुड़: वन विभाग को एक नया मेहमान रेड सैंड बोआ सांप मिला है. वन विभाग ने रेड सैंड बोआ की न केवल जान बचाई है, बल्कि उसे सुरक्षित जंगलों में भेजने की तैयारी भी कर रहा है.

पाकुड़ में मिला रेड सैंड बोआ सांप

करोड़ों में है कीमत
रेड सैंड बोआ सांप के मिलने की सूचना पर लोग वन प्रमंडल कार्यालय इसे देखने के लिए भी पहुंच रहे हैं. जानकारों के मुताबिक रेड सैंड बोआ की कीमत करोड़ों में है. इसे चीन में दवा और तंत्र मंत्र की सिद्धी के लिए ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है.

वन विभाग को दी गई सूचना
जिला मुख्यालय के कुमार कालीदास मेमोरियल कॉलेज के पास एक निर्माणाधीन मकान से रेड सैंड बोआ (दो मुंहा सांप) पाया गया. इसे लोग मारने के लिए ले जा रहे थे कि संजीव कुमार झा नाम के व्यक्ति ने इसकी सूचना वन विभाग को दी. सूचना मिलते ही वन क्षेत्र पदाधिकारी अनिल कुमार सिंह दल बल के साथ पहुंचे और सांप को अपने कब्जे में लिया.

अंधविश्वास के कारण तस्करी
ऐसा माना जाता है कि दो मुंहा सांप का घर में आना सौभाग्य की बात है. विभागीय जानकारी के मुताबिक रेड सैंड बोआ ज्यादातर राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, आंध्र प्रदेश के मैदानी और दलदली इलाको में पाए जाते हैं. वन क्षेत्र पदाधिकारी श्री सिंह ने बताया कि चीन में एड्स का इलाज के लिए इसकी तस्करी होने की कई बार खबरें आई हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. उन्होंने बताया कि अंधविश्वास के कारण लोग रेड सेंट बोआ की तस्करी करते हैं.

ये भी पढ़ें- सीवरेज-ड्रेनेज के डीपीआर में गड़बड़ी: HC ने 29 मार्च तक मांगा जवाब

धोनी की कार के बराबर है सांप
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस सांप की कीमत एक करोड़ के लगभग है. लोग इसका दवा बनाने में भी इस्तमाल करते हैं. वहीं क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी ने जो कार रखी है उसकी भी कीमत इसी के आस पास है.

Intro:बाइट: अनिल कुमार सिंह, रेंजर, वन क्षेत्र पाकुड़
पाकुड़: वन विभाग को एक नया मेहमान रेड सेंट बोआ सांप मिला है। वन विभाग रेड सेंट बोआ की न केवल जान बचायी है बल्कि उसे सुरक्षित जंगलो में भेजने की तैयारी भी कर रहा है।




Body:रेड सेंट बोआ सांप के मिलने की सूचना पर लोग वन प्रमंडल कार्यालय इसे देखने के लिए भी पहुंच रहे है। जानकारो के मुताबिक रेड सेंट बोआ की कीमत करोड़ो की है। इसे चीन में दवा एवं तंत्रमंत्र की सिद्धी के लिए ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।
जिला मुख्यालय के कुमार कालीदास मेमोरियल काॅलेज के निकट एक घर निर्माण के दौरान रेड सेंट बोआ (दो मुँहा सांप) पाया गया। इसे लोेग मारने के लिए ले जा रहे थे कि संजीव कुमार झा नामक व्यक्ति ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही वन क्षेत्र पदाधिकारी अनिल कुमार सिंह सदलबल पहुंचे और रेड सेंट बोआ के अपने कब्जे में लिया। ऐसा माना जाता है कि दो मुँहा सांप का घर में आना सौभाग्य की निशानी है। जानकारो के मुताबिक इस सांप को दवाईयो के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है जिसके चलते इसकी कीमत करोड़ो रूप्ये तक बाजार में है।
विभागीय जानकारी के मुताबिक रेड सेंट बोआ ज्यादातर राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, आंध्रप्रदेश के मैदानी और दलदली इलाको में पाये जाते है।


Conclusion:पाये गये रेड सेंट बोआ के लेकर वन क्षेत्र पदाधिकारी श्री सिंह ने बताया कि चीन में एड्स का इलाज के लिए इसकी तस्करी होने की कई बार खबरे आयी है लेकिन ऐसा नही है। उन्होने बताया कि अंधविश्वास के कारण लोग रेड सेंट बोआ की तस्करी करते है।
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