पाकुड़: कोरोना संक्रमण से बचाव और रोकथाम को लेकर जारी लॉकडाउन और अनलॉक वन का असर इस बार 283 साल पुरानी ऐतिहासिक पाकुड़ की रथ मेला पर भी पड़ने वाला है. कोरोना काल में पाकुड़ में रथ यात्रा नहीं लगेगा. रथ मेले की चर्चा आम सहित खास लोगों में अभी से होने लगी है. बता दें कि संथाल परगना प्रमंडल के दुमका का हिजला मेला, गोड्डा का गांधी मेला और पाकुड़ जिले का रथ मेला विख्यात है.
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बता दें कि वर्षों से चली आ रही रथ मेला में जिले के अलावे राज्य के निकटवर्ती दूसरे जिले सहित पश्चिम बंगाल से भी हजारों श्रद्धालु रथयात्रा में हिस्सा लेने एवं रथ मेला का आनंद उठाने पूरे परिवार के साथ हर वर्ष पहुंचते हैं. पहली बार रथ मेला नहीं लगने और रथयात्रा नहीं निकाले जाने की वजह से श्रद्धालुओं का आना यहां वर्षो की अपेक्षा कम होगा. लॉकडाउन लागू होने के बाद से सड़क और रेल मार्ग पर यातायात पूरी तरह प्रभावित हुए हैं. लोग एक स्थान से दूसरे स्थान आने जाने के लिए सिर्फ चारपहिया वाहन का सहारा ले पा रहे हैं. बसों का पहिया जहां रुका हुआ है तो रेल पटरियों पर रेलगाड़ियों के चक्के नहीं दौड़ रहे हैं. यदि दोनों मार्गों पर पहिया दौड़ता तो कम से कम रथयात्रा के मौके पर पूजा अर्चना करने कम संख्या में ही सही श्रद्धालु जिला मुख्यालय जरूर पहुंचते.