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यहां पुरखा बाबा का भजन सुनते ही दूसरी दुनिया में चले जाते हैं श्रद्धालु, अनोखी है मान्यता - श्रद्धालु

पाकुड़ के पाकुड़िया प्रखंड के शीतपुर गांव में मकर संक्रांति के मौके पर लगने वाले गर्म कुंड मेले की एक अलग की मान्यता है. श्रद्धालुओं में आस्था है कि यहां के गर्म कुंड में नहाने से हर रोग से मुक्ति मिलती है और सारे पाप भी धुल जाते हैं.

Purkha Baba Worship, Purkha Baba Fair, Devotees in Pakur, पाकुड़ में पुरखा बाबा की पूजा, पुरखा बाबा मेला, श्रद्धालु
गर्म कुंड मेला
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Published : Jan 15, 2020, 8:29 PM IST

पाकुड़: क्या आपने सुना है कि भजन सुनते ही लोग दूसरी दुनिया में चले जाते हैं. जी हां ऐसा ही कुछ जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर पाकुड़िया प्रखंड के शीतपुर गांव में मकर संक्रांति के मौके पर लगने वाले गर्म कुंड मेले में देखने को मिला.

देखें पूरी खबर

असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ से भी आते हैं लोग
इस मेले में झारखंड ही नहीं बल्कि देश के असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ से सफाहोड़ आदिवासी गरम कुंड में नहाने आते हैं. सफाहोड़ आदिवासी इस कुंड से निकलने वाले गर्म पानी में नहाने के बाद इष्ट देवता की पूजा अर्चना घंटों करते हैं और भक्ति भजन में लीन हो जाते हैं.

ये भी पढ़ें- युवती का अधजला शव बरामद, दुष्कर्म के बाद हत्या की आशंका

ये है मान्यता
लोगों में मान्यता है कि इस कुंड में स्नान करने से इस जन्म ही नहीं बल्कि पिछले जन्मों का भी पाप धूल जाता है. शरीर में यदि किसी तरह का रोग हो वह भी खत्म हो जाता है. शीतपुर गरम कुंड में पूजा-अर्चना करने आए पुरखा बाबा नंदलाल टूडू से यहां के महत्व के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि इस कुंड में वही लोग नहा पाते हैं जो धार्मिक हों और उसका मन साफ हो.

ये भी पढ़ें- पलामू में सड़क दुर्घटना में हर सप्ताह 5 लोगों की जाती है जान, ज्यादातर युवा हो रहे शिकार

सारे कष्ट होते हैं दूर
पुरखा बाबा ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति का मन साफ नहीं है तो वह इस कुंड के गर्म पानी को बर्दाश्त नहीं कर पाएगा. वहीं पुरखा बाबा जगदीश सोरेन का कहना है कि यह स्थान सिंहराय बाबा का धाम है. कुंड में नहाकर पूजा-अर्चना करने से उनके सभी कष्टों का निवारण होता है. उन्होंने बताया कि यहां पुरखा बाबा के भजन गाते ही खासकर महिलाएं झूम उठती हैं और दूसरे दुनिया में चली जाती हैं.

पाकुड़: क्या आपने सुना है कि भजन सुनते ही लोग दूसरी दुनिया में चले जाते हैं. जी हां ऐसा ही कुछ जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर पाकुड़िया प्रखंड के शीतपुर गांव में मकर संक्रांति के मौके पर लगने वाले गर्म कुंड मेले में देखने को मिला.

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असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ से भी आते हैं लोग
इस मेले में झारखंड ही नहीं बल्कि देश के असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ से सफाहोड़ आदिवासी गरम कुंड में नहाने आते हैं. सफाहोड़ आदिवासी इस कुंड से निकलने वाले गर्म पानी में नहाने के बाद इष्ट देवता की पूजा अर्चना घंटों करते हैं और भक्ति भजन में लीन हो जाते हैं.

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ये है मान्यता
लोगों में मान्यता है कि इस कुंड में स्नान करने से इस जन्म ही नहीं बल्कि पिछले जन्मों का भी पाप धूल जाता है. शरीर में यदि किसी तरह का रोग हो वह भी खत्म हो जाता है. शीतपुर गरम कुंड में पूजा-अर्चना करने आए पुरखा बाबा नंदलाल टूडू से यहां के महत्व के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि इस कुंड में वही लोग नहा पाते हैं जो धार्मिक हों और उसका मन साफ हो.

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सारे कष्ट होते हैं दूर
पुरखा बाबा ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति का मन साफ नहीं है तो वह इस कुंड के गर्म पानी को बर्दाश्त नहीं कर पाएगा. वहीं पुरखा बाबा जगदीश सोरेन का कहना है कि यह स्थान सिंहराय बाबा का धाम है. कुंड में नहाकर पूजा-अर्चना करने से उनके सभी कष्टों का निवारण होता है. उन्होंने बताया कि यहां पुरखा बाबा के भजन गाते ही खासकर महिलाएं झूम उठती हैं और दूसरे दुनिया में चली जाती हैं.

Intro:बाइट 1 : देव् सोरेन, पुरखा बाबा (सफेद गंजी)
बाइट 2 : नंदलाल टुडू, पुरखा बाबा (सिर पर जटा)
बाइट 3 : सोनोति टुडू, पुरोहित (महिला)
बाइट 4 : जगदीश सोरेन, पुरखा बाबा (गले मे रुपये का माला)
बाइट 5 : कपिल घोष, शैलानी, (ब्लू जैकेट)
बाइट 6 : सनातन मुर्मू, स्थानीय (काला चश्मा)

पाकुड़ : क्या आपने सुना है कि भजन सुनते ही लोग दूसरे दुनिया में चले जाते हैं। जी हां ऐसा ही कुछ जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर पाकुड़िया प्रखंड के शीतपुर गांव में मकर संक्रांति के मौके पर लगने वाले गर्म कुंड मेला में देखने को मिला।


Body:इस मेले में झारखंड ही नहीं बल्कि देश के असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ से सफाहोड़ आदिवासी गरम कुंड में नहाने आते हैं सफाहोड़ आदिवासी इस कुंड से निकलने वाले गरम पानी में नहाने के बाद इष्ट देवता की पूजा अर्चना घंटों करते हैं और भक्ति भजन में लीन हो जाते हैं। लोगों में मान्यता है कि इस कुंड में स्नान करने से इस जन्म ही नहीं बल्कि पिछले जन्मों का भी पाप धूल जाता है और शरीर में यदि कोई प्रकार का रोग हो वह भी खत्म हो जाता है। शीतपुर गरम कुंड में पूजा-अर्चना करने आए पुरखा बाबा नंदलाल टूडू से यहां के महत्व के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि इस कुंड में वही लोग नहा पाते हैं जो धार्मिक हो और उसका मन साफ हो। उन्होंने बताया यदि किसी व्यक्ति व्यक्ति का मन साफ नहीं हो इस कुंड के गरम पानी को बर्दाश्त नहीं कर पाएगा। वही पुरखा बाबा जगदीश सोरेन का कहना है कि यह स्थान सिंहराय बाबा का धाम है। कुंड में नहाकर पूजा अर्चना जो करते हैं उनके सारे कष्टों का निवारण होता है। उन्होंने बताया कि यहां पुरखा बाबा के भजन गाते ही खासकर महिलाएं झूम उठती है और दूसरे दुनिया में चली जाती है। उन्होंने बताया कि पूजा-अर्चना के बाद पुरखा बाबा लोगों को आशीर्वाद देते हैं ताकि सभी के जीवन सुखमय व्यतीत हो पाए।


Conclusion:शीतपुर गरम कुंड स्थान पर मेला का भी आयोजन किया जाता है। इस मेले में बच्चों के मनोरंजन के साथ-साथ खिलौने, मिठाई की दुकानें भी लगाई जाती है। इस मेले में खासकर लोग जलेबी की ज्यादा खरीदारी करते हैं।
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