पाकुड़: क्या आपने सुना है कि भजन सुनते ही लोग दूसरी दुनिया में चले जाते हैं. जी हां ऐसा ही कुछ जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर पाकुड़िया प्रखंड के शीतपुर गांव में मकर संक्रांति के मौके पर लगने वाले गर्म कुंड मेले में देखने को मिला.
असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ से भी आते हैं लोग
इस मेले में झारखंड ही नहीं बल्कि देश के असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ से सफाहोड़ आदिवासी गरम कुंड में नहाने आते हैं. सफाहोड़ आदिवासी इस कुंड से निकलने वाले गर्म पानी में नहाने के बाद इष्ट देवता की पूजा अर्चना घंटों करते हैं और भक्ति भजन में लीन हो जाते हैं.
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ये है मान्यता
लोगों में मान्यता है कि इस कुंड में स्नान करने से इस जन्म ही नहीं बल्कि पिछले जन्मों का भी पाप धूल जाता है. शरीर में यदि किसी तरह का रोग हो वह भी खत्म हो जाता है. शीतपुर गरम कुंड में पूजा-अर्चना करने आए पुरखा बाबा नंदलाल टूडू से यहां के महत्व के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि इस कुंड में वही लोग नहा पाते हैं जो धार्मिक हों और उसका मन साफ हो.
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सारे कष्ट होते हैं दूर
पुरखा बाबा ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति का मन साफ नहीं है तो वह इस कुंड के गर्म पानी को बर्दाश्त नहीं कर पाएगा. वहीं पुरखा बाबा जगदीश सोरेन का कहना है कि यह स्थान सिंहराय बाबा का धाम है. कुंड में नहाकर पूजा-अर्चना करने से उनके सभी कष्टों का निवारण होता है. उन्होंने बताया कि यहां पुरखा बाबा के भजन गाते ही खासकर महिलाएं झूम उठती हैं और दूसरे दुनिया में चली जाती हैं.