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पाकुड़ में पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन बंद रहने से लोग परेशान, एसोसिएशन ने दी आंदोलन की चेतावनी

कोरोना काल के शुरुआती दौर में ही पाकुड़ से चलने वाली कई पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया है. जो अब तक शुरू नहीं किया गया है. जिसके कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. रेलवे पैसेंजर एसोसिएशन के सचिव राणा शुक्ला ने बताया कि पैसेंजर ट्रेनों के परिचालन के लिए कई बार अधिकारियों से अनुरोध किया गया. लेकिन अब तक किसी ने नहीं सुनी.

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Published : Oct 19, 2021, 9:09 PM IST

Updated : Oct 19, 2021, 9:20 PM IST

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यात्रियों को हो रही परेशानी

पाकुड़: कोरोना संक्रमण के दौरान प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री हर तबके के लोगों की जरूरत को पूरा करने और उनकी दिक्कतों को दूर करने की दिशा में हर रोज नए कदम उठा रहे हैं. लोगों को इसका फायदा भी मिल रहा है. लेकिन भारतीय रेल को साधारण लोगों की दिक्कतों से कोई मतलब नहीं है.

इसे भी पढे़ं: पलामू रेलवे स्टेशन में यात्रियों और स्टेशन मास्टर में झड़प, रिजर्वेशन टिकट की कालाबाजारी का आरोप



रेलवे को पिछड़े इलाकों और गरीब लोगों की परेशानियों से कोई लेना-देना नहीं रह गया है. यही वजह है कि रेल यात्री ही नहीं, बल्कि रेलवे से सीधे जुड़े छोटे-मोटे कारोबारी और कुली आदि यह कहते नहीं थक रहे की रेल होता यदि मेहरबान, तो रेलयात्री नहीं होते परेशान. कोरोना के बहाने पूर्व रेलवे कोलकाता के जीएम हो या हावड़ा डिवीजन के डिवीजनल मैनेजर सभी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं. झारखंड के सबसे पिछड़े जिले पाकुड़ में पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन शुरू नहीं किया गया है. जिसके कारण लोगों को रोज कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.

देखें पूरी खबर

पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन नहीं होने से लोग परेशान

पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन नहीं होने के कारण अतिरिक्त खर्च कर सड़क मार्ग से यात्रियों को कोटलपोखर, गुमानी, बरहरवा, साहिबगंज के अलावा पश्चिम बंगाल के राजग्राम, मुरारोई, नलहाटी, रामपुरहाट, सैंथिया, बोलपुर, बर्धमान आदि स्थानों में जाने के लिए आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान होना पड़ रहा है. रेलवे दबे जुबान से यह तर्क दे रहा है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन हावड़ा डिवीजन में शुरू नहीं किया जा रहा है. ऐसे में यह सवाल भी उठ रहा है कि यदि रेल डिवीजन झारखंड में होता तो पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन में कोई दिक्कत नहीं होती. झारखंड के लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थानों में जाने के लिए जूझना नहीं पड़ता.

इसे भी पढे़ं: झारखंड और गोवा के बीच रेल मार्ग सेवा शुरू, रांची में बीजेपी सांसदों ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

रेलवे पैसेंजर एसोसिएशन ने दी आंदोलन की चेतावनी


कई महीने से साहिबगंज-बर्धमान, रामपुरहाट-साहिबगंज, हावड़ा-राजगीर, बर्धमान- मालदा, विश्वभारती पैसेंजर, बामदेव पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन पाकुड़ रेलखंड से नहीं हो रहा है. जिसके कारण लोग अपने जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ हावड़ा डिवीजन के डिवीजनल मैनेजर और पूर्व रेलवे कोलकाता के महाप्रबंधक को रोज कोस रहे हैं. ईस्टर्न रेलवे पैसेंजर एसोसिएशन के सचिव राणा शुक्ला ने बताया कि पैसेंजर ट्रेनों को बीते कई महीने से बंद रखा गया है. जिस कारण यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है. इस समस्या को कई बार रेल के वरिय अधिकारियों के सामने रखा गया. लेकिन इस ओर ध्यान नही दिया गया. उन्होंने बताया कि अब एक ही उपाय है कि पैसेंजर ट्रेनों को चालू कराने के लिए हमे आंदोलन करना होगा.

पाकुड़: कोरोना संक्रमण के दौरान प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री हर तबके के लोगों की जरूरत को पूरा करने और उनकी दिक्कतों को दूर करने की दिशा में हर रोज नए कदम उठा रहे हैं. लोगों को इसका फायदा भी मिल रहा है. लेकिन भारतीय रेल को साधारण लोगों की दिक्कतों से कोई मतलब नहीं है.

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रेलवे को पिछड़े इलाकों और गरीब लोगों की परेशानियों से कोई लेना-देना नहीं रह गया है. यही वजह है कि रेल यात्री ही नहीं, बल्कि रेलवे से सीधे जुड़े छोटे-मोटे कारोबारी और कुली आदि यह कहते नहीं थक रहे की रेल होता यदि मेहरबान, तो रेलयात्री नहीं होते परेशान. कोरोना के बहाने पूर्व रेलवे कोलकाता के जीएम हो या हावड़ा डिवीजन के डिवीजनल मैनेजर सभी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं. झारखंड के सबसे पिछड़े जिले पाकुड़ में पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन शुरू नहीं किया गया है. जिसके कारण लोगों को रोज कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.

देखें पूरी खबर

पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन नहीं होने से लोग परेशान

पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन नहीं होने के कारण अतिरिक्त खर्च कर सड़क मार्ग से यात्रियों को कोटलपोखर, गुमानी, बरहरवा, साहिबगंज के अलावा पश्चिम बंगाल के राजग्राम, मुरारोई, नलहाटी, रामपुरहाट, सैंथिया, बोलपुर, बर्धमान आदि स्थानों में जाने के लिए आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान होना पड़ रहा है. रेलवे दबे जुबान से यह तर्क दे रहा है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन हावड़ा डिवीजन में शुरू नहीं किया जा रहा है. ऐसे में यह सवाल भी उठ रहा है कि यदि रेल डिवीजन झारखंड में होता तो पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन में कोई दिक्कत नहीं होती. झारखंड के लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थानों में जाने के लिए जूझना नहीं पड़ता.

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रेलवे पैसेंजर एसोसिएशन ने दी आंदोलन की चेतावनी


कई महीने से साहिबगंज-बर्धमान, रामपुरहाट-साहिबगंज, हावड़ा-राजगीर, बर्धमान- मालदा, विश्वभारती पैसेंजर, बामदेव पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन पाकुड़ रेलखंड से नहीं हो रहा है. जिसके कारण लोग अपने जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ हावड़ा डिवीजन के डिवीजनल मैनेजर और पूर्व रेलवे कोलकाता के महाप्रबंधक को रोज कोस रहे हैं. ईस्टर्न रेलवे पैसेंजर एसोसिएशन के सचिव राणा शुक्ला ने बताया कि पैसेंजर ट्रेनों को बीते कई महीने से बंद रखा गया है. जिस कारण यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है. इस समस्या को कई बार रेल के वरिय अधिकारियों के सामने रखा गया. लेकिन इस ओर ध्यान नही दिया गया. उन्होंने बताया कि अब एक ही उपाय है कि पैसेंजर ट्रेनों को चालू कराने के लिए हमे आंदोलन करना होगा.

Last Updated : Oct 19, 2021, 9:20 PM IST
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