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इनमें न तो प्रशासन और न ही मौत का कोई खौफ, दूसरे राज्य में इनका रोज का है आना-जाना

कोरोना वायरस से पूरी दुनिया तबाह है. इसके कारण कई देश में लॉकडाउन लगा दिया गया है. भारत में भी 40 दिनों का लॉकडाउन लगा हुआ है. इस दौरान झारखंड सरकार भी हर स्तर से लोगों को जागरूक कर रही है. लोगों को समझाया जा रहा है कि वो सोशल डिस्टेंस और लॉकडाउन का पालन करें, लेकिन लोग है कि मानते ही नहीं.

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Published : May 1, 2020, 7:42 PM IST

People from rural areas are not following the lockdown in pakur
कोरोना वायरस

पाकुड़: शासन और प्रशासन झारखंड को कोरोना मुक्त बनाने को लेकर हर स्तर पर काम कर रहा है. लॉकडाउन का सख्ती से अनुपालन हो या सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रखने का मामला, जरूरतमंद परिवारों के लिए भोजन की व्यवस्था हो या बुनियादी आवश्यकताएं पूरी करने का युद्धस्तर पर काम हो रहा है.

देखिए पूरी खबर

प्रशासन और शासन दोनों ही कोरोना वायरस और भगाने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग पर विशेष ध्यान दे रहा है ताकि कोई कोरोना के जद में नहीं आए, लेकिन लोग हैं कि मानते ही नहीं. लॉकडाउन का पालन और सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रखने के लिए सिविल और पुलिस प्रशासन के अधिकारी दिन रात एक किए हुए हैं, लेकिन झारखंड के अंतिम छोर में बसा पाकुड़ जिले के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग प्रशासन के आदेश निर्देशों को ताक पर रखकर अपने घर से तो निकल ही रहे हैं. निकटवर्ती पश्चिम बंगाल से भी आना जाना भी कर रहे हैं.

सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ रही धज्जियां

इलाके में प्रशासन के लाख समझाने के बावजूद लोग सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा रहे हैं. इनमें प्रशासन का कोई खौफ नहीं है. प्रशासन द्वारा निकटवर्ती पश्चिम बंगाल से झारखंड की सीमा में लोगों के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए चेक पोस्ट बनाए हैं. यहां दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी पूरी मुस्तैदी से निर्देशों का अनुपालन कराने के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल से सदर प्रखंड के कई गांवों के लोग दूसरे रास्ते का सहारा लेकर न केवल आ रहे हैं बल्कि पाकुड़ के ग्रामीण इलाकों के लोग पश्चिम बंगाल भी जा रहे हैं.

शहर के लोग कर रहे लॉकडाउन का पालन

हालांकि, शहरी इलाकों में लोग प्रशासन के आदेश निर्देशों का पालन कर रहे हैं और यहां अधिकारियों को बहुत ज्यादा परेशानी नहीं हो रही है. यदि जिले के सदर प्रखंड के ग्रामीण इलाकों में सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का अनुपालन कड़ाई से सुनिश्चित नहीं कराया गया तो आने वाले दिनों में न केवल प्रशासन को बल्कि गांव में रहने वाले लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

ये भी पढ़ें: रांची का ये परिवार भूखा रहनें को है मजबूर, जानिए इनका दर्द

इस मामले में डीसी कुलदीप चौधरी का कहना है कि पश्चिम बंगाल से सटे इलाकों के पंचायत प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उन्हें निर्देश दिया गया है कि गांव में कोई भी बाहरी लोग प्रवेश न करें. यदि कोई आ जाता है तो इसकी सूचना प्रशासन को तुरंत दे. डीसी ने कहा कि यदि दिए गए निर्देशों का अनुपालन नहीं किया गया तो संबंधित मुखियाओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

पाकुड़: शासन और प्रशासन झारखंड को कोरोना मुक्त बनाने को लेकर हर स्तर पर काम कर रहा है. लॉकडाउन का सख्ती से अनुपालन हो या सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रखने का मामला, जरूरतमंद परिवारों के लिए भोजन की व्यवस्था हो या बुनियादी आवश्यकताएं पूरी करने का युद्धस्तर पर काम हो रहा है.

देखिए पूरी खबर

प्रशासन और शासन दोनों ही कोरोना वायरस और भगाने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग पर विशेष ध्यान दे रहा है ताकि कोई कोरोना के जद में नहीं आए, लेकिन लोग हैं कि मानते ही नहीं. लॉकडाउन का पालन और सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रखने के लिए सिविल और पुलिस प्रशासन के अधिकारी दिन रात एक किए हुए हैं, लेकिन झारखंड के अंतिम छोर में बसा पाकुड़ जिले के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग प्रशासन के आदेश निर्देशों को ताक पर रखकर अपने घर से तो निकल ही रहे हैं. निकटवर्ती पश्चिम बंगाल से भी आना जाना भी कर रहे हैं.

सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ रही धज्जियां

इलाके में प्रशासन के लाख समझाने के बावजूद लोग सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा रहे हैं. इनमें प्रशासन का कोई खौफ नहीं है. प्रशासन द्वारा निकटवर्ती पश्चिम बंगाल से झारखंड की सीमा में लोगों के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए चेक पोस्ट बनाए हैं. यहां दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी पूरी मुस्तैदी से निर्देशों का अनुपालन कराने के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल से सदर प्रखंड के कई गांवों के लोग दूसरे रास्ते का सहारा लेकर न केवल आ रहे हैं बल्कि पाकुड़ के ग्रामीण इलाकों के लोग पश्चिम बंगाल भी जा रहे हैं.

शहर के लोग कर रहे लॉकडाउन का पालन

हालांकि, शहरी इलाकों में लोग प्रशासन के आदेश निर्देशों का पालन कर रहे हैं और यहां अधिकारियों को बहुत ज्यादा परेशानी नहीं हो रही है. यदि जिले के सदर प्रखंड के ग्रामीण इलाकों में सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का अनुपालन कड़ाई से सुनिश्चित नहीं कराया गया तो आने वाले दिनों में न केवल प्रशासन को बल्कि गांव में रहने वाले लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

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इस मामले में डीसी कुलदीप चौधरी का कहना है कि पश्चिम बंगाल से सटे इलाकों के पंचायत प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उन्हें निर्देश दिया गया है कि गांव में कोई भी बाहरी लोग प्रवेश न करें. यदि कोई आ जाता है तो इसकी सूचना प्रशासन को तुरंत दे. डीसी ने कहा कि यदि दिए गए निर्देशों का अनुपालन नहीं किया गया तो संबंधित मुखियाओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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