ETV Bharat / state

Pakur News: जल सहिया करेंगी ग्रामीण इलाकों में गुणवत्ता की जांच, मुहैया कराएगा जाएगा किट

पाकुड़ में जल की गुणवत्ता की जांच को लेकर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग गंभीर नजर आ रहा है. जिले के ग्रामीण इलामकों में लोग फ्लोराइड युक्त पानी पी कर गंभीर समस्याओं का शिकार हो रहे हैं. इससे निपटने के लिए विभाग गंभीर है.

Pakur News
पाकुड़ में जल की गुणवत्ता की जांच को लेकर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग गंभीर
author img

By

Published : Aug 8, 2023, 1:42 PM IST

देखें पूरी खबर

पाकुड़: पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ग्रामीण इलाकों में जल की गुणवत्ता की जांच कराएगा. इसके लिए विभाग ने जल सहिया, आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका, एसएचजी ग्रुप से जुड़ी सखी दीदी एवं स्वास्थ्य विभाग की सहियाओं को किट मुहैया कराया है ताकि वे ग्रामीण इलाकों में पहुंचकर चापानल, कुएं के जल की जांच कर सकें.

ये भी पढ़ें: Pakur News: गई 'शहरी जलापूर्ति योजना' पानी में, लोगों की प्यास बुझाने में सरकार अब भी नाकाम!

अधिकांश कुएं का पानी प्रदूषित: पेयजल एवं स्वच्छता विभाग से दी गयी जानकारी के मुताबिक जिले के ग्रामीण इलाकों में अधिकांश लोग चापानल एवं कुएं का पानी पीने के लिए उपयोग करते हैं. खास कर मानसून के समय पानी में आयरन, फ्लोराइड, आर्सेनिक, नाइट्रेट अधिक मात्रा में पाया जाता है और इसे पीने से लोगों में कई तरह की बीमारियां होती हैं.

ज्यादा फ्लोराइड हानिकारक: इससे बचाव के लिए पेजयल एवं स्वच्छता विभाग जल की गुणवत्ता की जांच कराता है. जिससे फ्लोराइड, आर्सेनिक ज्यादा मात्रा में पाए जाने पर चापानल को बंद कराने का काम किया जाता है. साथ ही लोगों को इसका पानी नहीं पीने की सलाह दी जाती है. बताया गया कि जल जांच के दौरान आर्सेनिक, फ्लोराइड पाए जाने पर उस जल की जिला मुख्यालय में बनाये गए लैब में भी जांच की जाती है.

इन इलाकों पर विशेष ध्यान: जानकारी के अनुसार जिले में खासकर महेशपुर, पाकुड़िया एवं लिट्टीपाड़ा प्रखंड में विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इन क्षेत्रों में आर्सेनिक एवं फ्लोराइड की मात्रा पानी में पाई गई थी. वैसे कुछ चापानलों को बंद भी कराया गया है. बताया गया कि प्रत्येक गांव के पांच-पांच महिलाओं को इसके लिए प्रशिक्षण देकर जांच किट भी मुहैया कराया जा रहा है. जिससे कि एक भी गांव न छूटे और लोग कैमिकल युक्त पानी पीने से बच सके.

देखें पूरी खबर

पाकुड़: पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ग्रामीण इलाकों में जल की गुणवत्ता की जांच कराएगा. इसके लिए विभाग ने जल सहिया, आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका, एसएचजी ग्रुप से जुड़ी सखी दीदी एवं स्वास्थ्य विभाग की सहियाओं को किट मुहैया कराया है ताकि वे ग्रामीण इलाकों में पहुंचकर चापानल, कुएं के जल की जांच कर सकें.

ये भी पढ़ें: Pakur News: गई 'शहरी जलापूर्ति योजना' पानी में, लोगों की प्यास बुझाने में सरकार अब भी नाकाम!

अधिकांश कुएं का पानी प्रदूषित: पेयजल एवं स्वच्छता विभाग से दी गयी जानकारी के मुताबिक जिले के ग्रामीण इलाकों में अधिकांश लोग चापानल एवं कुएं का पानी पीने के लिए उपयोग करते हैं. खास कर मानसून के समय पानी में आयरन, फ्लोराइड, आर्सेनिक, नाइट्रेट अधिक मात्रा में पाया जाता है और इसे पीने से लोगों में कई तरह की बीमारियां होती हैं.

ज्यादा फ्लोराइड हानिकारक: इससे बचाव के लिए पेजयल एवं स्वच्छता विभाग जल की गुणवत्ता की जांच कराता है. जिससे फ्लोराइड, आर्सेनिक ज्यादा मात्रा में पाए जाने पर चापानल को बंद कराने का काम किया जाता है. साथ ही लोगों को इसका पानी नहीं पीने की सलाह दी जाती है. बताया गया कि जल जांच के दौरान आर्सेनिक, फ्लोराइड पाए जाने पर उस जल की जिला मुख्यालय में बनाये गए लैब में भी जांच की जाती है.

इन इलाकों पर विशेष ध्यान: जानकारी के अनुसार जिले में खासकर महेशपुर, पाकुड़िया एवं लिट्टीपाड़ा प्रखंड में विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इन क्षेत्रों में आर्सेनिक एवं फ्लोराइड की मात्रा पानी में पाई गई थी. वैसे कुछ चापानलों को बंद भी कराया गया है. बताया गया कि प्रत्येक गांव के पांच-पांच महिलाओं को इसके लिए प्रशिक्षण देकर जांच किट भी मुहैया कराया जा रहा है. जिससे कि एक भी गांव न छूटे और लोग कैमिकल युक्त पानी पीने से बच सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.