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ग्रामीण विकास के मंत्री के जिले की सड़कें खस्ताहाल, सांसत में मुसाफिरों की जान - पाकुड़-हिरणपुर मुख्य सड़क

झारखंड सरकार आवागमन व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए भले ही सड़कों का जाल बिछाने का दावा कर रही है, लेकिन यहां की अधिकतर सड़कें गड्ढों में तब्दील हो गईं हैं. ग्रामीण विकास मंत्री के जिले की सड़कों की ऐसी दुर्दशा यहां की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर रही है. पाकुड़ से दुमका रोड हो या गोड्डा और साहिबगंज को जोड़ने वाली पाकुड़-हिरणपुर मुख्य सड़क किसी पर चलना भी आसान नहीं है. इन खस्ताहाल सड़कों पर हादसे का खतरा मंडराता रहता है.

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जर्जर सड़क से लोग परेशान
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Published : Aug 23, 2020, 3:28 PM IST

पाकुड़: सरकार और जिला प्रशासन की लापरवाही से जिले में सड़कों की हालत दिन ब दिन बदतर होती जा रही है. गांव को प्रखंड और जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली सड़क हो या जिला मुख्यालय को पड़ोसी जिलों से जोड़ने वाली सड़क सबका हाल एक सा है. इन सड़कों की हालत इतनी खस्ता हो गईं है कि इन पर पैदल चलना भी टेढ़ी खीर है. इन पर हादसों का भी खतरा मंडराता रहता है. इससे लोग परेशान हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी

इन सड़कों की हालत खराब

पाकुड़ से दुमका, गोड्डा और साहिबगंज को जोड़ने वाली पाकुड़-हिरणपुर मुख्य सड़क खस्ताहाल है, जिससे राहगीरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पाकुड़-हिरणपुर मुख्य सड़क गड्ढों में तब्दील हो चुकी है. बरसात में इन गड्ढों में पानी भर गया है. गड्ढों के कारण सड़कों पर मोटरसाइकिल और साइकिल से चलना मुश्किल है. संथाल परगना प्रमंडल का हिरणपुर खासकर साप्ताहिक मवेशी हाट के लिए विख्यात है. इस हाट में न केवल झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार बल्कि उत्तर प्रदेश के भी कारोबारी आते थे. लेकिन आजकल सड़क खराब रहने के कारण लोग इस बाजार से किनारा करने लगे हैं. हालांकि इसी खस्ताहाल सड़क के रास्ते गोड्डा होते हुए पाकुड़ सहित हिरणपुर के आसपास के पत्थर खदानों और क्रशरों से सैकड़ों वाहन बिहार और झारखंड राज्य के दूसरे जिलों में पत्थरों की ढुलाई कर रहे हैं. सरकार को इस सड़क से करोड़ों का राजस्व भी मिल रहा है, लेकिन कोई इसकी हालत को लेकर गंभीर नहीं है.

पाकुड़-हिरणपुर मुख्य सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे

पाकुड़-हिरणपुर मुख्य सड़क पर हिरणपुर थाना और हाईस्कूल मोड़ के पास सड़क के गड्ढे में पानी रहने के कारण आए दिन हादसे होते रहत हैं, लेकिन शासन और प्रशासन के कानों पर जू तक नही रेंग रही है. लोग तो यह कहकर सरकार का मजाक उड़ाने लगे हैं कि जब राज्य का मुखिया ही खजाना खाली होने का दावा करे और कोषागारों से राशि की निकासी प्रभावित हो तो निर्माण कार्य कैसे होगा.

इसे भी पढे़ं:- खिलाड़ियों को रहती है उम्मीद कि मदद करेगी सरकार, लेकिन मिलता है सिर्फ आश्वासन

ग्रामीण विकास मंत्री के जिले की सड़क का हाल बुरा

झारखंड सरकार भले ही आवागमन व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सड़कों का जाल बिछाने का दावा कर रही है, लेकिन इस दावे की पोल हिरणपुर आते आते खुल रहा है. पाकुड़ जिले के ही विधायक आलमगीर आलम झारखंड सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री हैं, प्रो. स्टीफन मरांडी यहीं से जुड़े हैं और जिले की ही लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र दिनेश विलियम मरांडी सत्तपक्ष के विधायक हैं, बावजूद पाकुड़-हिरणपुर मुख्य सड़क का ये हाल है.

पाकुड़-हिरणपुर सड़क नेशनल हाईवे में शामिल

पाकुड़-हिरणपुर मुख्य सड़क को पथ निर्माण विभाग की ओर से नेशनल हाईवे में शामिल कर लिया गया है. पाकुड़-धुलियान मुख्य सड़क से प्रतिदिन 7 से 8 सौ पत्थरों से लदे वाहनों के अलावा अन्य भारी वाहनों का परिचालन होता था. उस पर चांदपुर के निकट स्थित वर्षाें पुराने पुल को इसलिए तोड़ दिया गया है कि यहां नए पुल का निर्माण होगा. चांदपुर पुल के तोड़ दिये जाने के बाद पाकुड़-हिरणपुर मुख्य सड़क की अहमियत बढ़ गई है, क्योंकि यही एक प्रमुख रास्ता से जिससे बिहार तक पत्थर जाता है.

पाकुड़: सरकार और जिला प्रशासन की लापरवाही से जिले में सड़कों की हालत दिन ब दिन बदतर होती जा रही है. गांव को प्रखंड और जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली सड़क हो या जिला मुख्यालय को पड़ोसी जिलों से जोड़ने वाली सड़क सबका हाल एक सा है. इन सड़कों की हालत इतनी खस्ता हो गईं है कि इन पर पैदल चलना भी टेढ़ी खीर है. इन पर हादसों का भी खतरा मंडराता रहता है. इससे लोग परेशान हैं.

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इन सड़कों की हालत खराब

पाकुड़ से दुमका, गोड्डा और साहिबगंज को जोड़ने वाली पाकुड़-हिरणपुर मुख्य सड़क खस्ताहाल है, जिससे राहगीरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पाकुड़-हिरणपुर मुख्य सड़क गड्ढों में तब्दील हो चुकी है. बरसात में इन गड्ढों में पानी भर गया है. गड्ढों के कारण सड़कों पर मोटरसाइकिल और साइकिल से चलना मुश्किल है. संथाल परगना प्रमंडल का हिरणपुर खासकर साप्ताहिक मवेशी हाट के लिए विख्यात है. इस हाट में न केवल झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार बल्कि उत्तर प्रदेश के भी कारोबारी आते थे. लेकिन आजकल सड़क खराब रहने के कारण लोग इस बाजार से किनारा करने लगे हैं. हालांकि इसी खस्ताहाल सड़क के रास्ते गोड्डा होते हुए पाकुड़ सहित हिरणपुर के आसपास के पत्थर खदानों और क्रशरों से सैकड़ों वाहन बिहार और झारखंड राज्य के दूसरे जिलों में पत्थरों की ढुलाई कर रहे हैं. सरकार को इस सड़क से करोड़ों का राजस्व भी मिल रहा है, लेकिन कोई इसकी हालत को लेकर गंभीर नहीं है.

पाकुड़-हिरणपुर मुख्य सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे

पाकुड़-हिरणपुर मुख्य सड़क पर हिरणपुर थाना और हाईस्कूल मोड़ के पास सड़क के गड्ढे में पानी रहने के कारण आए दिन हादसे होते रहत हैं, लेकिन शासन और प्रशासन के कानों पर जू तक नही रेंग रही है. लोग तो यह कहकर सरकार का मजाक उड़ाने लगे हैं कि जब राज्य का मुखिया ही खजाना खाली होने का दावा करे और कोषागारों से राशि की निकासी प्रभावित हो तो निर्माण कार्य कैसे होगा.

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ग्रामीण विकास मंत्री के जिले की सड़क का हाल बुरा

झारखंड सरकार भले ही आवागमन व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सड़कों का जाल बिछाने का दावा कर रही है, लेकिन इस दावे की पोल हिरणपुर आते आते खुल रहा है. पाकुड़ जिले के ही विधायक आलमगीर आलम झारखंड सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री हैं, प्रो. स्टीफन मरांडी यहीं से जुड़े हैं और जिले की ही लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र दिनेश विलियम मरांडी सत्तपक्ष के विधायक हैं, बावजूद पाकुड़-हिरणपुर मुख्य सड़क का ये हाल है.

पाकुड़-हिरणपुर सड़क नेशनल हाईवे में शामिल

पाकुड़-हिरणपुर मुख्य सड़क को पथ निर्माण विभाग की ओर से नेशनल हाईवे में शामिल कर लिया गया है. पाकुड़-धुलियान मुख्य सड़क से प्रतिदिन 7 से 8 सौ पत्थरों से लदे वाहनों के अलावा अन्य भारी वाहनों का परिचालन होता था. उस पर चांदपुर के निकट स्थित वर्षाें पुराने पुल को इसलिए तोड़ दिया गया है कि यहां नए पुल का निर्माण होगा. चांदपुर पुल के तोड़ दिये जाने के बाद पाकुड़-हिरणपुर मुख्य सड़क की अहमियत बढ़ गई है, क्योंकि यही एक प्रमुख रास्ता से जिससे बिहार तक पत्थर जाता है.

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