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पाकुड़: वर्षों से वन विभाग ने नहीं कराया लकड़ियों का ऑक्शन, कीमती लकड़ियों को चटकर रहे दीमक - पाकुड़ वन विभाग लकड़ी ऑक्शन खबर

पाकुड़ जिले में वर्षों से वन विभाग की तरफ से लकड़ियों का ऑक्शन नहीं कराया गया है. इसके चलते कीमती लकड़ियों को दीमक चट कर रहे हैं.

no auction of wood from years in pakur
लकड़ियों की निलामी
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Published : Oct 29, 2020, 1:19 PM IST

पाकुड़: वन विभाग की लापरवाही के कारण जब्त की गई लाखों रुपये की लकड़ियों में दीमक लग गए हैं. अगर वन विभाग ने इस ओर समय रहते ध्यान नहीं दिया तो आने वाले समय मे वन विभाग को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ सकता है.

देखें पूरी खबर
नहीं हो रही लकड़ियों की नीलामीजिले में वन क्षेत्र अमड़ापाड़ा, लिट्टीपाड़ा, पाकुड़िया, महेशपुर के अलावा दुमका जिले के गोपीकांदर एवं काठीकुंड व शिकारीपाड़ा के जंगलों में लगे पेड़ों की कटाई वन माफियाओं की तरफ से आए दिन किया जा रहा है. वन विभाग की टीम सूचना पर छापेमारी करती है. इस दौरान जब्त की गई लकड़ियों को वन क्षेत्र कार्यालय में रखा जाता है और इसकी नीलामी की जाती है. इससे वन विभाग को राजस्व प्राप्त होती है, लेकिन बीते कुछ वर्षों से जिले के महेशपुर, अमड़ापाड़ा, हिरणपुर एवं पाकुड़ वन क्षेत्र में जब्त की गई लकड़ियों की नीलामी नहीं कराई गई. जिस कारण खुले में पड़े सागवान, शीशम, चोडरा, सखुआ जैसी कीमती लकड़ियों में दीमक लग गए हैं. वहीं समय रहते वन विभाग ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो आने वाले समय मे सभी जब्त की गई लकड़ियों को दीमक चटकर जाएंगे और विभाग को मिलने वाले राजस्व का नुकसान भी होगा.इसे भी पढ़ें-पलामू में दिनदहाड़े लूट, सीएसपी संचालक से 2.40 लाख लेकर हुए फरार


निगम को जब्त लकड़ी की गई हैंडओवर
इस मामले में वन क्षेत्र पदाधिकारी अनिल कुमार से जब कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया कि नीलामी की प्रक्रिया है और वन विकास निगम को नीलामी कराना है. लेकिन निगम की मनमानी कर कारण नीलामी अबतक नहीं हो पाई है. रेंजर ने कहा कि निगम को जब्त लकड़ी हैंडओवर किया गया है और जल्द ही इसकी नीलामी हो जाएगी. रेंजर ने कहा कि लकड़ियों को सुरक्षित रखने के लिए वन विभाग के पास कोई वैसा स्थान नहीं है इसलिए जब्त लकड़ियों को खुले में रख दिया जाता है.

पाकुड़: वन विभाग की लापरवाही के कारण जब्त की गई लाखों रुपये की लकड़ियों में दीमक लग गए हैं. अगर वन विभाग ने इस ओर समय रहते ध्यान नहीं दिया तो आने वाले समय मे वन विभाग को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ सकता है.

देखें पूरी खबर
नहीं हो रही लकड़ियों की नीलामीजिले में वन क्षेत्र अमड़ापाड़ा, लिट्टीपाड़ा, पाकुड़िया, महेशपुर के अलावा दुमका जिले के गोपीकांदर एवं काठीकुंड व शिकारीपाड़ा के जंगलों में लगे पेड़ों की कटाई वन माफियाओं की तरफ से आए दिन किया जा रहा है. वन विभाग की टीम सूचना पर छापेमारी करती है. इस दौरान जब्त की गई लकड़ियों को वन क्षेत्र कार्यालय में रखा जाता है और इसकी नीलामी की जाती है. इससे वन विभाग को राजस्व प्राप्त होती है, लेकिन बीते कुछ वर्षों से जिले के महेशपुर, अमड़ापाड़ा, हिरणपुर एवं पाकुड़ वन क्षेत्र में जब्त की गई लकड़ियों की नीलामी नहीं कराई गई. जिस कारण खुले में पड़े सागवान, शीशम, चोडरा, सखुआ जैसी कीमती लकड़ियों में दीमक लग गए हैं. वहीं समय रहते वन विभाग ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो आने वाले समय मे सभी जब्त की गई लकड़ियों को दीमक चटकर जाएंगे और विभाग को मिलने वाले राजस्व का नुकसान भी होगा.इसे भी पढ़ें-पलामू में दिनदहाड़े लूट, सीएसपी संचालक से 2.40 लाख लेकर हुए फरार


निगम को जब्त लकड़ी की गई हैंडओवर
इस मामले में वन क्षेत्र पदाधिकारी अनिल कुमार से जब कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया कि नीलामी की प्रक्रिया है और वन विकास निगम को नीलामी कराना है. लेकिन निगम की मनमानी कर कारण नीलामी अबतक नहीं हो पाई है. रेंजर ने कहा कि निगम को जब्त लकड़ी हैंडओवर किया गया है और जल्द ही इसकी नीलामी हो जाएगी. रेंजर ने कहा कि लकड़ियों को सुरक्षित रखने के लिए वन विभाग के पास कोई वैसा स्थान नहीं है इसलिए जब्त लकड़ियों को खुले में रख दिया जाता है.

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