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महेशपुर जलापूर्ति योजना में लापरवाही, ग्रामीणों को हो रही पानी की समस्या

पाकुड़ महेशपुर जलापूर्ति योजना में अधिकारियों के लापरवाही के कारण ग्रामीणों को पानी नहीं मिल रहा. ग्रामीणों का कहना है कि अभियंता और ठेकेदार की मनमानी के कारण टंकी से पानी नहीं मिल रहा है.

महेशपुर जलापूर्ति योजना
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Published : Aug 8, 2019, 1:44 PM IST

पाकुड़: झारखंड राज्य के पाकुड़ जिले में विकास हो या कल्याणकारी योजनाएं ठेकेदार एवं अभियंताओं की मनमानी की भेंट चढ़ गया है. अभियंता और ठेकेदार मनमानी कर रहे और पब्लिक शासन और प्रशासन को कोस रहे है. ऐसी ही एक योजना जिले के महेशपुर प्रखंड मुख्यालय के ग्रामीणों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. ये योजना है 6 करोड़ 38 लाख 52 हजार रुपए की.

देखें पूरी खबर


ग्रामीणों का कहना है कि अभियंता और ठेकेदार की मनमानी के कारण टंकी से पानी नहीं मिल रहा है. पेयजल स्वच्छता विभाग ने महेशपुर प्रखंड मुख्यालय के लोगों को पाइप लाइन के जरिए शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए महेशपुर जलापूर्ति योजना की स्वीकृति दी. इस योजना को पूरा करने के लिए संवेदक अजय कुमार झा के साथ एकरारनामा किया गया और 7 दिसंबर 2018 तक इसे पूरा करने की तिथि मुकर्रर की गयी.


अभियंता और ठेकेदार ने इस योजना को पूरा करने में ऐसी मनमानी की कि जनमिनार आज चुने लगा है. इस योजना को समय पर तो पूरा नहीं किया जा सका है, लेकिन इसमें बरती गयी अनियमितता और लापरवाही इसकी गुणवत्ता पर सवाल खड़ा कर रहा है. फिलवक्त योजना के संवेदक द्वारा चु रहे जलमिनार को दुरूस्त करने का काम जोर शोर से किया जा रहा है. इस योजना का लाभ लोगों को दिलाने में पेयजल स्वच्छता विभाग अब तक सफल नहीं हो पाया है.

ये भी पढ़ें: पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का निधन, पूरे देश में शोक की लहर, ट्वीट कर मंत्री और नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
इस मामले में डीसी कुलदीप चौधरी ने बताया कि मामले की जानकारी मिलते ही पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता को गुणवत्ता और कार्य की प्रगति की जांच के लिए भेजा गया है. डीसी ने बताया कि जांच रिपोर्ट में यदि किसी प्रकार की गुणवत्ता में लापरवाही पाई जाती है तो कार्य एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

पाकुड़: झारखंड राज्य के पाकुड़ जिले में विकास हो या कल्याणकारी योजनाएं ठेकेदार एवं अभियंताओं की मनमानी की भेंट चढ़ गया है. अभियंता और ठेकेदार मनमानी कर रहे और पब्लिक शासन और प्रशासन को कोस रहे है. ऐसी ही एक योजना जिले के महेशपुर प्रखंड मुख्यालय के ग्रामीणों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. ये योजना है 6 करोड़ 38 लाख 52 हजार रुपए की.

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ग्रामीणों का कहना है कि अभियंता और ठेकेदार की मनमानी के कारण टंकी से पानी नहीं मिल रहा है. पेयजल स्वच्छता विभाग ने महेशपुर प्रखंड मुख्यालय के लोगों को पाइप लाइन के जरिए शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए महेशपुर जलापूर्ति योजना की स्वीकृति दी. इस योजना को पूरा करने के लिए संवेदक अजय कुमार झा के साथ एकरारनामा किया गया और 7 दिसंबर 2018 तक इसे पूरा करने की तिथि मुकर्रर की गयी.


अभियंता और ठेकेदार ने इस योजना को पूरा करने में ऐसी मनमानी की कि जनमिनार आज चुने लगा है. इस योजना को समय पर तो पूरा नहीं किया जा सका है, लेकिन इसमें बरती गयी अनियमितता और लापरवाही इसकी गुणवत्ता पर सवाल खड़ा कर रहा है. फिलवक्त योजना के संवेदक द्वारा चु रहे जलमिनार को दुरूस्त करने का काम जोर शोर से किया जा रहा है. इस योजना का लाभ लोगों को दिलाने में पेयजल स्वच्छता विभाग अब तक सफल नहीं हो पाया है.

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इस मामले में डीसी कुलदीप चौधरी ने बताया कि मामले की जानकारी मिलते ही पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता को गुणवत्ता और कार्य की प्रगति की जांच के लिए भेजा गया है. डीसी ने बताया कि जांच रिपोर्ट में यदि किसी प्रकार की गुणवत्ता में लापरवाही पाई जाती है तो कार्य एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

Intro:बाइट : तमाल बनर्जी, स्थानीय (लाल पंजाबी)
बाइट : धनेश्वर हेम्ब्रम, प्रमुख, महेशपुर प्रखण्ड (टोपी पहने)
बाइट : कुलदीप चौधरी, डीसी पाकुड़

पाकुड़ : झारखंड राज्य के पाकुड़ जिले में विकास हो या कल्याणकारी योजनाए ठेकेदार एवं अभियंताओ की मनमानी की भेंट चढ़ गया है। अभियंता और ठेकेदार मनमानी कर रहे और पब्लिक शासन और प्रशासन को कोस रहे है।


Body:ऐसी ही एक योजना जिले के महेशपुर प्रखंड मुख्यालय के ग्रामीणो के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। वह योजना है 6 करोड़ 38 लाख 52 हजार रूपये की महेशपुर ग्रामीण जलापूर्ति योजना। लोग रोज यह कह रहे है कि अभियंता और ठेकेदार ने की मनमानी इसलिए टंकी से नही मिल रहा हमलोगो को पीने का पानी। पेयजल स्वच्छता विभाग ने महेशपुर प्रखंड मुख्यालय के लोगो को पाइप लाइन के जरीये शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए महेशपुर ग्रामीण जलापूर्ति योजना की स्वीकृति दी। इस योजना को पूरा करने के लिए संवेदक अजय कुमार झा के साथ एकरारनामा किया गया और 7 दिसम्बर 2018 तक इसे पूरा करने की तिथि मुकर्रर की गयी। काम शुरू किया गया। जलमिनार सहित पम्प हाउस आदि काम भी कराये गये।

अभियंता एवं ठेकेदार ने इस योजना को पूरा करने में ऐसी मनमानी की कि बनाया गया जनमिनार आज चुने लगा है। इस योजना को समय पर तो पूरा नही किया जा सका है परंतु इसमें बरती गयी अनियमितता व लापरवाही इसकी गुणवत्ता पर सवाल खड़ा कर रहा है। फिलवक्त योजना के संवेदक द्वारा चु रहे जलमिनार को दुरूस्त करने का काम जोरशोर से किया जा रहा है। इस योजना का लाभ लोगो को दिलाने में पेयजल स्वच्छता विभाग अबतक सफल नही हो पाया है।





Conclusion:इस मामले में डीसी कुलदीप चौधरी ने बताया कि मामले की जानकारी मिलते ही पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता को गुणवत्ता व कार्य की प्रगति की जांच के लिए भेजा गया है। डीसी ने बताया कि जांच रिपोर्ट में यदि किसी प्रकार की गुणवत्ता में लापरवाही पाई जाती है तो कार्य एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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