पाकुड़: झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता और बोरियो विधायक लोबिन हेम्ब्रम शनिवार को अपनी ही सरकार के मुखिया की गलत नीतियों के खिलाफ सड़क पर उतर गए. विधायक ने हेमंत सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नियोजन नीति लागू नहीं किया गया तो इसका परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा.
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महेशपुर प्रखंड में आदिवासी मूलवासी खतियानी महासभा की ओर से पांच सूत्री मांगों को लेकर जनसभा का आयोजन किया गया. जनसभा को संबोधित करते हुए झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि पूर्व की सरकार हो या फिर वर्तमान हेमंत की सरकार. दोनों सरकारों ने स्थानीय नियोजन नीति लागू नहीं की. उन्होंने कहा कि हमने विधानसभा सत्र में इस मामले को प्रमुखता से उठाया है. सरकार अबतक यहां का कौन स्थानीय है इसे परिभाषित करने में नाकाम साबित हुई है.
विधायक ने कहा कि बाहरी लोगों को नौकरी और रोजगार का मौका सरकार दे रही है. समय रहते हमारी सरकार ने अपनी नियत और नीति नहीं बदली तो आने वाले दिनों में जनता सरकार को उखाड़ फेंकेगी. उन्होंने कहा कि हम सिर्फ तृतीय और चतुर्थवर्गीय नौकरी में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने की मांग कर रहे हैं. यह झारखंड में रहने वाले लोगों का वाजिब हक है. झामुमो विधायक ने कहा कि आदिवासी हो या गैर आदिवासी, जो यहां के खतियानी रैयत हैं. उन्हे वाजिब हक नहीं मिल रहा है.
झामुमो विधायक ने कहा कि आगामी 5 मार्च के बाद पूरे संथाल परगना प्रमंडल में स्थानीय नियोजन नीति को लागू करने, बाहरी भाषा को क्षेत्रीय भाषा की सूची से हटाने, 1932 का खतियान लागू करने, पांचवीं अनुसुची के प्रावधानों का अनुपालन कराने और पेशा एक्ट 1996 की नियमावली को जल्द तैयार करने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया जायेगा. आयोजित जनसभा के दौरान दर्जनो आदिवासी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन भी किया.