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पारसनाथ सम्मेद शिखरजी विवाद पर मंत्री आलमगीर आलम का बयान, कहा- झारखंड सरकार इसके खिलाफ - Pakur News

पारसनाथ सम्मेद शिखरजी विवाद (Parasnath Sammed Shikharji controversy) को लेकर मंत्री आलमगीर आलम का बयान सामने आया है (Alamgir Alam statement regarding Parasnath). उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यह विवादित फैसला भाजपा की सरकार में लिया गया है. पारसनाथ के पर्यटन स्थल बनने से जैन समाज की आस्था पर ठेस पहुंचेगी इसलिए वर्तमान राज्य सरकार इसके खिलाफ है.

Minister Alamgir Alam statement regarding Parasnath
कांग्रेस भवन में मंत्री आलमगीर आलम एवं अन्य
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Published : Jan 4, 2023, 10:58 PM IST

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पाकुड़: पारसनाथ सम्मेद शिखरजी विवाद (Parasnath Sammed Shikharji controversy) पूरे देश भर में देखा जा रहा है. जैन समाज लगातार पारसनाथ पर्वत को पर्यटन स्थल बनाने का विरोध कर रहा है. अब झारखंड में इस मुद्दे पर भी राजनीति शुरू हो गई है. मामले को लेकर राजनीतिक दलों के आरोप-प्रत्यारोप के बीच ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम का बयान सामने आया है (Alamgir Alam statement regarding Parasnath). मंत्री आलमगीर आलम ने इस विवाद को लेकर भाजपा को दोषी ठहराया है.

ये भी पढ़ें: सम्मेद शिखरजी विवाद पर झारखंड में सियासत, हेमंत सरकार से केंद्र को प्रस्ताव भेजने की मांग

मंत्री आलमगीर आलम ने क्या कहा: दरअसल, राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने पाकुड़ में कांग्रेस भवन में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक का आयोजन किया था, जिसके बाद उन्होंने मीडिया कर्मियों से बात की. इसी दौरान उन्होंने कहा कि पारसनाथ जैन समाज का तीर्थ स्थल है और इसके पर्यटन स्थल बनने से जैन समाज की आस्था पर ठेस पहुंचेगी. कांग्रेस पार्टी और महागठबंधन की सरकार इसके खिलाफ है. पारसनाथ को पर्यटन स्थल बनाने का निर्णय साल 2019 में उस वक्त लिया गया जब भाजपा की सरकार थी.

मंत्री ने भाजपा पर साधा निशाना: मंत्री ने कहा कि पारसनाथ को पर्यटन स्थल बनाने में भारतीय जनता पार्टी की राज्य और केंद्र सरकार की भूमिका रही है. उन्होंने कहा कि हम धर्मनिरपेक्षता और आस्था पर विश्वास रखते हैं. जहां जैन समाज के लोग मांस, मछली, मदिरा का सेवन नहीं करते, वहीं पर्यटन स्थल बनने से होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा में सारे समान वहां बिकेंगे. इससे जैन समाज की आस्था को ठेस पहुंचेगी. उन्होंने कहा कि इस पर केंद्र सरकार को निर्णय लेना चाहिए ताकि किसी की आस्था पर ठेस न पहुंचे. इधर मंत्री ने कांग्रेस भवन में कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों की समस्याएं भी सुनी और निदान निकालने का आश्वासन दिया.

हेमंत सरकार से राजनीतिक दलों की मांग: एक तरफ झारखंड की सत्ताधारी पार्टियों के नेता विवाद का दोष भाजपा पर मढ़ रहे हैं, वहीं भाजपा का कहना है कि गलती किसी से भी हुई हो समाधान का अवसर हमेशा रहते है. हेमंत सरकार इस पर अपना फैसला ले. वहीं झारखंड के कुछ प्रमुख राजनीतिक दलों ने हेमंत सरकार से यह मांग की है कि वे अपने स्तर पर फैसला लेकर केंद्र सरकार को अपना प्रस्ताव भेजे.

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पाकुड़: पारसनाथ सम्मेद शिखरजी विवाद (Parasnath Sammed Shikharji controversy) पूरे देश भर में देखा जा रहा है. जैन समाज लगातार पारसनाथ पर्वत को पर्यटन स्थल बनाने का विरोध कर रहा है. अब झारखंड में इस मुद्दे पर भी राजनीति शुरू हो गई है. मामले को लेकर राजनीतिक दलों के आरोप-प्रत्यारोप के बीच ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम का बयान सामने आया है (Alamgir Alam statement regarding Parasnath). मंत्री आलमगीर आलम ने इस विवाद को लेकर भाजपा को दोषी ठहराया है.

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मंत्री आलमगीर आलम ने क्या कहा: दरअसल, राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने पाकुड़ में कांग्रेस भवन में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक का आयोजन किया था, जिसके बाद उन्होंने मीडिया कर्मियों से बात की. इसी दौरान उन्होंने कहा कि पारसनाथ जैन समाज का तीर्थ स्थल है और इसके पर्यटन स्थल बनने से जैन समाज की आस्था पर ठेस पहुंचेगी. कांग्रेस पार्टी और महागठबंधन की सरकार इसके खिलाफ है. पारसनाथ को पर्यटन स्थल बनाने का निर्णय साल 2019 में उस वक्त लिया गया जब भाजपा की सरकार थी.

मंत्री ने भाजपा पर साधा निशाना: मंत्री ने कहा कि पारसनाथ को पर्यटन स्थल बनाने में भारतीय जनता पार्टी की राज्य और केंद्र सरकार की भूमिका रही है. उन्होंने कहा कि हम धर्मनिरपेक्षता और आस्था पर विश्वास रखते हैं. जहां जैन समाज के लोग मांस, मछली, मदिरा का सेवन नहीं करते, वहीं पर्यटन स्थल बनने से होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा में सारे समान वहां बिकेंगे. इससे जैन समाज की आस्था को ठेस पहुंचेगी. उन्होंने कहा कि इस पर केंद्र सरकार को निर्णय लेना चाहिए ताकि किसी की आस्था पर ठेस न पहुंचे. इधर मंत्री ने कांग्रेस भवन में कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों की समस्याएं भी सुनी और निदान निकालने का आश्वासन दिया.

हेमंत सरकार से राजनीतिक दलों की मांग: एक तरफ झारखंड की सत्ताधारी पार्टियों के नेता विवाद का दोष भाजपा पर मढ़ रहे हैं, वहीं भाजपा का कहना है कि गलती किसी से भी हुई हो समाधान का अवसर हमेशा रहते है. हेमंत सरकार इस पर अपना फैसला ले. वहीं झारखंड के कुछ प्रमुख राजनीतिक दलों ने हेमंत सरकार से यह मांग की है कि वे अपने स्तर पर फैसला लेकर केंद्र सरकार को अपना प्रस्ताव भेजे.

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