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मिड-डे-मील के लिए बच्चों ने लगाया किचन गार्डेन, प्रमेरिका स्प्रिट कम्यूनिटी अवार्ड से किया जाएगा सम्मानित

बच्चों की पढ़ाई और स्वास्थ्य दोनों ही बेहद आवश्यक है. यही वजह है कि सरकार ने हर स्कूल में मिड-डे-मील की व्यवस्था की है, लेकिन इसकी गुणवत्ता किसी से छिपी नहीं है. लाख कोशिशों के बाद ये ठीक नहीं हुआ तो बाघापारा के बच्चों ने खुद ही अपने पोषण युक्त खाने की व्यवस्था कर ली.

Middle school children put up kitchen garden for mid-day meal  in pakur
मिड-डे-मील के लिए बच्चों ने लगाया किचन गार्डेन
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Published : Feb 18, 2020, 6:14 PM IST

पाकुड़: झारखंड राज्य के अशिक्षित और पिछड़े गांव में भी अब बदलाव की बयार बहने लगी है. इस बयार का ही नतीजा है कि नक्सल प्रभावित अमड़ापाड़ा के सुदूर गांव के विद्यालय में पढ़ने वाले सातवीं कक्षा के बच्चों की सकारात्मक सोच और अनोखी पहल ने पाकुड़ का नाम रौशन कर दिया है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-गौरीकुंज संग्रहालय में सुरक्षित है उपन्यासकार बिभुतिभूषण बंदोपाध्याय की यादें, पर्यटकों को करती हैं आकर्षित

यह सब संभव हुआ है उत्क्रमित मध्य विद्यालय बाघापारा में पढ़ने वाले आदिवासी स्कूली बच्चों की मेहनत से. विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों को एमडीएम में पौष्टिक सब्जी नहीं मिल पाती थी, जिसके चलते स्कूली बच्चों में भोजन के प्रति अभिरुचि नहीं रहती थी. बच्चों का एमडीएम के प्रति अभिरुचि बढ़ाने को लेकर स्कूल के ही बच्चे अनिल मरांडी, पानमुनि टूडू, वैद्यनाथ हेम्ब्रम और छुतार हेम्ब्रम ने संकल्प लिया और स्कूल के कैंपस में ही किचन गार्डन लगाया.

जिसके बाद किचन गार्डन में उगाई गई सब्जी का स्कूली बच्चे सेवन करने लगे और एमडीएम के प्रति बच्चों में अभिरुचि भी बढ़ी. इस अनोखे परिवर्तन का ही परिणाम है कि इन चार स्कूली बच्चों को प्रमेरिका स्प्रिट कम्यूनिटी अवार्ड के लिए चयनित किया गया है. इन बच्चों को दिल्ली में आयोजित एक समारोह में सम्मानित किया जाएगा.

बता दें कि उत्क्रमित मध्य विद्यालय बाघापारा जिले के नक्सल प्रभावित अमड़ापाड़ा प्रखंड के सुदूर क्षेत्र में स्थित है. जिन बच्चों ने किचन गार्डन लगाकर अपने स्कूल के दूसरे बच्चों में एमडीएम के प्रति दिलचस्पी बढ़ाने का काम किया है वह साधारण परिवार से आते हैं. इनके अभिभावक साधारण किसान हैं परंतु नक्सल प्रभावित बाघापारा उत्क्रमित मध्य विद्यालय के इन चार बच्चों ने जो कर दिखाया है काबिल-ए-तारीफ है.

बच्चों की इस पहल को लेकर जिला शिक्षा अधीक्षक दुर्गानंद झा ने कहा कि निश्चित रूप से बच्चों ने प्रेरणादायक काम किया है. उन्होंने कहा कि दूसरे विद्यालय में भी इसके लिए बच्चों को प्रेरित किया जाएगा. जिससे कि बच्चे किचन गार्डन लगाएं और खुद की उपजाई सब्जी का सेवन कर पौस्टिक आहार प्राप्त करें. जिला शिक्षा अधीक्षक ने कहा इस दिशा में विभाग कदम उठाएगा.

पाकुड़: झारखंड राज्य के अशिक्षित और पिछड़े गांव में भी अब बदलाव की बयार बहने लगी है. इस बयार का ही नतीजा है कि नक्सल प्रभावित अमड़ापाड़ा के सुदूर गांव के विद्यालय में पढ़ने वाले सातवीं कक्षा के बच्चों की सकारात्मक सोच और अनोखी पहल ने पाकुड़ का नाम रौशन कर दिया है.

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जिसके बाद किचन गार्डन में उगाई गई सब्जी का स्कूली बच्चे सेवन करने लगे और एमडीएम के प्रति बच्चों में अभिरुचि भी बढ़ी. इस अनोखे परिवर्तन का ही परिणाम है कि इन चार स्कूली बच्चों को प्रमेरिका स्प्रिट कम्यूनिटी अवार्ड के लिए चयनित किया गया है. इन बच्चों को दिल्ली में आयोजित एक समारोह में सम्मानित किया जाएगा.

बता दें कि उत्क्रमित मध्य विद्यालय बाघापारा जिले के नक्सल प्रभावित अमड़ापाड़ा प्रखंड के सुदूर क्षेत्र में स्थित है. जिन बच्चों ने किचन गार्डन लगाकर अपने स्कूल के दूसरे बच्चों में एमडीएम के प्रति दिलचस्पी बढ़ाने का काम किया है वह साधारण परिवार से आते हैं. इनके अभिभावक साधारण किसान हैं परंतु नक्सल प्रभावित बाघापारा उत्क्रमित मध्य विद्यालय के इन चार बच्चों ने जो कर दिखाया है काबिल-ए-तारीफ है.

बच्चों की इस पहल को लेकर जिला शिक्षा अधीक्षक दुर्गानंद झा ने कहा कि निश्चित रूप से बच्चों ने प्रेरणादायक काम किया है. उन्होंने कहा कि दूसरे विद्यालय में भी इसके लिए बच्चों को प्रेरित किया जाएगा. जिससे कि बच्चे किचन गार्डन लगाएं और खुद की उपजाई सब्जी का सेवन कर पौस्टिक आहार प्राप्त करें. जिला शिक्षा अधीक्षक ने कहा इस दिशा में विभाग कदम उठाएगा.

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