पाकुड़: राज्य के हड़ताली मनरेगा कर्मियों को सरकार ने 48 घंटे में काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया है, लेकिन सरकार के इस आदेश के बाद जिले में मनरेगा कर्मियों ने अपना आंदोलन और तेज कर दिया है. सरकार ने ऐसे कर्मियों की संविदा रद्द करने की बात कही है.
राज्य सरकार ने हड़ताली मनरेगा कर्मियों को 48 घंटे के भीतर काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया है. सरकार ने कहा है कि यदि मनरेगा कर्मी 48 घंटे के भीतर काम पर नहीं लौटते हैं तो उनकी सरकार उनकी संविदा को रद्द कर देगी और उनकी जगह दूसरे लोगों को नियुक्त किया जाएगा. इस आदेश के बाद हड़ताली कर्मियों ने अपना आंदोलन और तेज कर दिया है. सरकार की ओर से दिए गए अल्टीमेटम को लेकर हड़ताली मनरेगा कर्मियों ने रविवार को पाकुड़ जिला मुख्यालय के गोकुलपुर आम बगीचा में बैठक की और दिए गए अल्टीमेटम को लेकर राय सुमारी की. बैठक में सभी हड़ताल कर्मी डटे रहने का निर्णय लिया है.
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बैठक के बाद मनरेगा कर्मियों ने मनरेगा आयुक्त के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ पाकुड़ शाखा के जिलाध्यक्ष प्रदीप टुडू ने कहा कि वर्षो से वे सरकार के सामने अपना मांग को रखते आ रहे है, लेकिन सरकार सिर्फ आश्वासन दे रही है. उन्होंने बताया कि सरकार को मनरेगा कर्मियों की कोई चिंता नहीं है. जिस कारण मांग पूरा करने के बजाय धमकी दे रहे है. जिलाध्यक्ष ने कहा कि वे धमकियों से डरने वाले नहीं हैं. जबतक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती हड़ताल जारी रहेगा. वहीं सचिव मंजुला कुमारी ने कहा कि मनरेगा मजदूर से ज्यादा हमारी मजदूरी नहीं है. सरकार की धमकी से कोई भी मनरेगा कर्मी डरने वाला नहीं है. संविदा रद्द ही करनी है तो सभी का एक साथ कर दे.