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अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बिकेंगी पाकुड़ में उपजाई हरी सब्जियां, किसानों को दिया जाएगा विशेष प्रशिक्षण - किसानों को लाभ

पाकुड़ में अमृत महोत्सव दांडी यात्रा का स्मरण करने की एक पहल के तहत एपीडा की ओर से बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें किसानों को लाभ पहुंचाने पर चर्चा की गई. बैठक में पाकुड़ जिले के किसानों द्वारा उपजाए जा रहे दलहन, तेलहन, हरी सब्जी, फल चावल और गेहूं को दूसरे देशों में कैसे निर्यात किया जाए इस पर विस्तार से चर्चा की गई.

Meeting organized by apeda in pakur
एपीडा की बैठक
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Published : Apr 2, 2021, 6:26 AM IST

पाकुड़: जिला मुख्यालय स्थित सूचना भवन में भारत सरकार का अमृत महोत्सव दांडी यात्रा का स्मरण करने की एक पहल के तहत एपीडा की ओर से बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में कृषि विज्ञान केंद्र एवं कृषि विभाग से जुड़े अधिकारी के अलावा जिले के प्रगतिशील किसान, पश्चिम बंगाल और झारखंड के दर्जनों एसपोर्टरों ने भाग लिया.

देखें पूरी खबर
इसे भी पढ़ें: पाकुड़ में बिजली की आंख मिचौली शुरू, सदर अस्पताल में मरिजों को हो रही काफी दिक्कतें


बैठक में पाकुड़ जिले के किसानों द्वारा उपजाए जा रहे दलहन, तेलहन, हरी सब्जी, फल चावल और गेहूं को दूसरे देशों में कैसे निर्यात किया जाए इस पर विस्तार से चर्चा की गई. मौके पर एपीडा के अधिकारी, प्रगतिशील किसान और जिले के अधिकारियों ने समस्याओं से निजात पाने और किसानों द्वारा उपजाए जा रहे फसल, सब्जियों को कैसे बेहतर किया जा सके इस पर विचार विमर्श किया गया.

किसानों को लाभ पहुंचाने के किया जा रहा काम

बैठक में भाग लेने आए व्यवसायियों ने बताया कि पाकुड़ जिले के किसान जैविक तरीके से फसल और हरी सब्जी उपजा रहे हैं, इसकी क्वालिटी में सुधार हो, इस पर ध्यान रखना होगा, तभी दूसरे देशों में निर्यात किया जा सकता है. एपीडा के प्रभारी संदीप कुमार साहा ने बताया कि भारत कृषि के क्षेत्र में शुरू से आगे रहा है, किसानों को बाजार मिले और फसलों का उचित मूल्य मिल सके, इसके लिए दूसरे देशों में निर्यात करना बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि किसान कैसे आगे बढ़े इसके लिए देश के सभी क्षेत्रों में एपीडा काम कर रही है. उन्होंने बताया कि हम कृषि विभाग और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर किसानों को आगे बढ़ाने का काम करेंगे, किसानों के फसलों को दूसरे देशों में बेचने का काम करेंगे, भारत में उपजाए गए हरी सब्जी, फल का डिमांड अंतरराष्ट्रीय बाजार जैसे यूरोप, लंदन, जर्मनी, दुबई आदि कई देशों में है, लेकिन वर्तमान में देश के सभी राज्यों के किसानों के उपजाए जा रहे फसल और सब्जियों को उचित मूल्य पर बेच नहीं पा रहे हैं, क्योंकि इसके लिए सबसे पहले इन क्षेत्रों के किसानों को डिमांड के अनुसार फसल तैयार करना होगा. मौके पर डीडीसी अनमोल कुमार सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी मुनेंद्र दास, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ चंदन के अलावा पश्चिम बंगाल और झारखंड के आए एसपोर्टरों ने अपना-अपना विचार रखा.

पाकुड़: जिला मुख्यालय स्थित सूचना भवन में भारत सरकार का अमृत महोत्सव दांडी यात्रा का स्मरण करने की एक पहल के तहत एपीडा की ओर से बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में कृषि विज्ञान केंद्र एवं कृषि विभाग से जुड़े अधिकारी के अलावा जिले के प्रगतिशील किसान, पश्चिम बंगाल और झारखंड के दर्जनों एसपोर्टरों ने भाग लिया.

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बैठक में पाकुड़ जिले के किसानों द्वारा उपजाए जा रहे दलहन, तेलहन, हरी सब्जी, फल चावल और गेहूं को दूसरे देशों में कैसे निर्यात किया जाए इस पर विस्तार से चर्चा की गई. मौके पर एपीडा के अधिकारी, प्रगतिशील किसान और जिले के अधिकारियों ने समस्याओं से निजात पाने और किसानों द्वारा उपजाए जा रहे फसल, सब्जियों को कैसे बेहतर किया जा सके इस पर विचार विमर्श किया गया.

किसानों को लाभ पहुंचाने के किया जा रहा काम

बैठक में भाग लेने आए व्यवसायियों ने बताया कि पाकुड़ जिले के किसान जैविक तरीके से फसल और हरी सब्जी उपजा रहे हैं, इसकी क्वालिटी में सुधार हो, इस पर ध्यान रखना होगा, तभी दूसरे देशों में निर्यात किया जा सकता है. एपीडा के प्रभारी संदीप कुमार साहा ने बताया कि भारत कृषि के क्षेत्र में शुरू से आगे रहा है, किसानों को बाजार मिले और फसलों का उचित मूल्य मिल सके, इसके लिए दूसरे देशों में निर्यात करना बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि किसान कैसे आगे बढ़े इसके लिए देश के सभी क्षेत्रों में एपीडा काम कर रही है. उन्होंने बताया कि हम कृषि विभाग और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर किसानों को आगे बढ़ाने का काम करेंगे, किसानों के फसलों को दूसरे देशों में बेचने का काम करेंगे, भारत में उपजाए गए हरी सब्जी, फल का डिमांड अंतरराष्ट्रीय बाजार जैसे यूरोप, लंदन, जर्मनी, दुबई आदि कई देशों में है, लेकिन वर्तमान में देश के सभी राज्यों के किसानों के उपजाए जा रहे फसल और सब्जियों को उचित मूल्य पर बेच नहीं पा रहे हैं, क्योंकि इसके लिए सबसे पहले इन क्षेत्रों के किसानों को डिमांड के अनुसार फसल तैयार करना होगा. मौके पर डीडीसी अनमोल कुमार सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी मुनेंद्र दास, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ चंदन के अलावा पश्चिम बंगाल और झारखंड के आए एसपोर्टरों ने अपना-अपना विचार रखा.

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