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World Blood Donor Day: एक तरफ खून की कमी, दूसरी तरफ स्टोर में रखा ब्लड हो जाता है खराब - पाकुड़ न्यूज

पाकुड़ के पुराने सदर अस्पताल में बना ब्लड बैंक भारी अभाव झेल रहा है. आज ब्लड डोनर डे भले विश्व में लोगों को जागरुक करने के लिए मनाया जा रहा हो लेकिन इस ब्लड बैंक में ब्लड डोनेट करने वाले भी परेशानी झेल रहे है. यहां ना तो डॉक्टर और ना ही टेक्नीशियन सही समय पर उपलब्ध रहते हैं. बिजली की सुविधा 24 घंटे नहीं रहने से स्टोर में रखा ब्लड भी खराब हो रहा है.

पाकुड़ सदर अस्पताल का ब्लड बैंक
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Published : Jun 14, 2019, 1:26 PM IST

पाकुड़: आज पूरा विश्व में ब्लड डोनर डे मना रहा है लेकिन एक ऐसा भी ब्लड बैंक है जो बस नाम का ब्लड बैंक बन कर रहा गया है. उससे भी दुखद स्थिति यह है कि इस ओर किसी का ध्यान नहीं है. जिला मुख्यालय के पुराने सदर अस्पताल में स्थित सालों पहले ब्लड बैंक बनाया गया. ब्लड बैंक की स्थिति ऐसी है कि यदि रात में किसी को ब्लड की जरूरत पड़ जाए तो मरीज के परिजनों को डॉक्टर व टेक्नीशियन की खोजबीन करनी पड़ती है. अभाव झेल रहे इस ब्लड बैंक में ना तो तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध है और ना ही ब्लड डोनेशन से पहले जांच करने की मशीन.

देखें वीडियो

जानकारी के अनुसार ब्लड बैंक में एक डॉक्टर और दो टेक्नीशियन है जिनका पदस्थापन दूसरे स्थान पर है जबकि एक भी एएनएम का पदस्थापन नहीं किया गया है. यहां बिजली नहीं रहने से पूरा ब्लड बैंक अंधेरे में रहता है. कामकाज पूरी तरह ठप हो जाता है. वहीं जानकारों की मानें तो ब्लड स्टोर में 24 घंटे बिजली की आवश्यकता होती है. फ्रीजर का तापमान बिगड़ गया तो स्टोर में रखे ब्लड खराब हो जाते है. इस ब्लड बैंक में एक जेनरेटर और इमरजेंसी के लिए इन्वर्टर है लेकिन इन्वर्टर भी खराब है. डीजल के अभाव में जेनरेटर अधिकांश बंद रहता है. ब्लड बैंक की विशेष आवश्यकता की ओर नजर डाले तो हेपटाइटिस, एचआईबी आदि जांच के लिए एलआइसा मशीन काफी दिनों से खराब है.

ये भी पढे़ं- 'मोदी जी को वोट दिया, अब घर क्यों तोड़ रहे हैं'

एसी खराब होने से ब्लड डोनेट करने वालों को होती है परेशानी

अभावों को दुरुस्त कराने की दिशा में आजतक स्वास्थ विभाग ने कोई ध्यान नहीं दिया है. वर्तमान में ब्लड जांच किट से की जा रही है जिसे स्वास्थ विभाग ही शत प्रतिशत ठीक नहीं मानता है. जानकारों की मानें तो ब्लड देने के समय डोनर को नार्मल वातावरण में रखना पड़ता है. इस ब्लड बैंक में 5 से 6 एसी लगाए गए और सभी खराब है जिस कारण ब्लड देते समय डोनर का तबीयत बिगड़ जाती है.

ब्लड बैंक की स्थिति काफी खराब रहने को लेकर जब सिविल सर्जन एस एन झा से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि जो भी मशीन खराब हुआ है उसे जल्द दुरुस्त कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि डॉक्टर और स्टाफ की कमी है और इसी से हर संभव लोगों को सुविधा मुहैया कराया जा रहा है.

पाकुड़: आज पूरा विश्व में ब्लड डोनर डे मना रहा है लेकिन एक ऐसा भी ब्लड बैंक है जो बस नाम का ब्लड बैंक बन कर रहा गया है. उससे भी दुखद स्थिति यह है कि इस ओर किसी का ध्यान नहीं है. जिला मुख्यालय के पुराने सदर अस्पताल में स्थित सालों पहले ब्लड बैंक बनाया गया. ब्लड बैंक की स्थिति ऐसी है कि यदि रात में किसी को ब्लड की जरूरत पड़ जाए तो मरीज के परिजनों को डॉक्टर व टेक्नीशियन की खोजबीन करनी पड़ती है. अभाव झेल रहे इस ब्लड बैंक में ना तो तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध है और ना ही ब्लड डोनेशन से पहले जांच करने की मशीन.

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जानकारी के अनुसार ब्लड बैंक में एक डॉक्टर और दो टेक्नीशियन है जिनका पदस्थापन दूसरे स्थान पर है जबकि एक भी एएनएम का पदस्थापन नहीं किया गया है. यहां बिजली नहीं रहने से पूरा ब्लड बैंक अंधेरे में रहता है. कामकाज पूरी तरह ठप हो जाता है. वहीं जानकारों की मानें तो ब्लड स्टोर में 24 घंटे बिजली की आवश्यकता होती है. फ्रीजर का तापमान बिगड़ गया तो स्टोर में रखे ब्लड खराब हो जाते है. इस ब्लड बैंक में एक जेनरेटर और इमरजेंसी के लिए इन्वर्टर है लेकिन इन्वर्टर भी खराब है. डीजल के अभाव में जेनरेटर अधिकांश बंद रहता है. ब्लड बैंक की विशेष आवश्यकता की ओर नजर डाले तो हेपटाइटिस, एचआईबी आदि जांच के लिए एलआइसा मशीन काफी दिनों से खराब है.

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एसी खराब होने से ब्लड डोनेट करने वालों को होती है परेशानी

अभावों को दुरुस्त कराने की दिशा में आजतक स्वास्थ विभाग ने कोई ध्यान नहीं दिया है. वर्तमान में ब्लड जांच किट से की जा रही है जिसे स्वास्थ विभाग ही शत प्रतिशत ठीक नहीं मानता है. जानकारों की मानें तो ब्लड देने के समय डोनर को नार्मल वातावरण में रखना पड़ता है. इस ब्लड बैंक में 5 से 6 एसी लगाए गए और सभी खराब है जिस कारण ब्लड देते समय डोनर का तबीयत बिगड़ जाती है.

ब्लड बैंक की स्थिति काफी खराब रहने को लेकर जब सिविल सर्जन एस एन झा से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि जो भी मशीन खराब हुआ है उसे जल्द दुरुस्त कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि डॉक्टर और स्टाफ की कमी है और इसी से हर संभव लोगों को सुविधा मुहैया कराया जा रहा है.

Intro:बाइट : गुंजन साहा, संस्था एक पहल
बाइट : एस एन झा, सिविल सर्जन
पाकुड़ : जिला मुख्यालय के पुराना सदर अस्पताल में स्थित वर्षो पूर्व ब्लड बैंक बनाया गया है पर ब्लड बैंक की स्थिति ऐसी है कि यदि रात में किसी को ब्लड की जरूरत पड़ जाए तो मरीज के परिजनों को डॉक्टर व टेक्नीशियन की खोजबीन करनी पड़ती है।


Body:इस ब्लड बैंक में एक डॉक्टर व दो टेक्नीशियन है जिनका पदस्थापन दूसरे स्थान पर है जबकि एक भी एएनएम का पदस्थापन नही किया गया। यहां यदि बिजली चली जाए पूरा ब्लड बैंक अंधेरे में रहता है और कामकाज पूरी तरह ठप हो जाता है। जबकि जानकारों की माने तो ब्लड स्टोर में 24 घंटे बिजली की आवश्यकता होती है। यदि फ्रीजर का तापमान बिगड़ गया तो स्टोर में रखे ब्लड खराब हो जाता है। इस ब्लड बैंक में एक जेनरेटर व इमरजेंसी के लिए इन्वर्टर है परंतु इन्वर्टर खराब है और डीजल के अभाव में जेनरेटर अधिकांश बंद पड़ा रहता है। अब यदि ब्लड बैंक की विशेष आवश्यकता की ओर नजर डाले तो हेपटाइटिस, एचआईबी आदि जांच के लिए एलआइसा मशीन काफी दिनों से खराब है परंतु इसे दुरुस्त कराने की दिशा में आजतक स्वास्थ विभाग ने कोई ध्यान नही दिया और वर्तमान में इन ब्लड जांच किट से की जा रही है जिसे स्वास्थ विभाग ही शत प्रतिशत ठीक नही मानता है। जानकारों की माने तो ब्लड देने के समय डोनर को नार्मल वातावरण में रखना पड़ता है। इस ब्लड बैंक में 5 से 6 एसी लगाए गए और सभी खराब है जिस कारण ब्लड देते समय डोनर का तबियत बिगड़ जाता है।


Conclusion:ब्लड बैंक की स्थिति काफी खराब रहने को लेकर जब सिविल सर्जन एस एन झा से संपर्क किया गया तो उन्होनो बताया कि जो भी मशीन खराब हुआ है उसे जल्द दुरुस्त कराया जाएगा। उन्होनो बताया कि डॉक्टर और स्टाफ की कमी है और इसी से हर संभव लोगो को सुविधा मुहैया कराया जा रहा है।
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