पाकुड़: जिला में लॉटरी का कारोबार इन दिनों जोर-शोर से चल रहा है. इसे रोकने में पुलिस नाकाम साबित हो रही है. दुमका, देवघर, साहिबगंज, बरहरवा और राजमहल के लॉटरी कारोबारी प्रतिदिन 80 से 90 लाख रुपए की लॉटरी पाकुड़ में खपाई जा रही है. जिले के शहरी के अलावा प्रखंड के ग्रामीण इलाकों की चाय, पान दुकानों में लॉटरी की बिक्री हो रही है. आम लोगों से लेकर खास लोगों तक लॉटरी की खरीदारी कर रहे हैं. लॉटरी के इस खेल में दिहाड़ी मजदूरों सहित छोटे-छोटे दुकानदार भी अपनी कमाई लुटा रहे हैं.
ये भी पढ़ें- लूटपाट और चोरी के आरोप में दो युवक गिरफ्तार, दो आरोपियों की तलाश जारी
इस मामले में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अजित कुमार विमल का कहना है कि लॉटरी कहीं भी खुलेआम नहीं बिकता है, इसलिए कार्रवाई नहीं कर पाते हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस छापेमारी समय-समय पर करती है. साथ ही आम लोगों से लॉटरी के चक्कर में नहीं पड़ने और इसकी सूचना पुलिस को देने की अपील की. लॉटरी का अवैध कारोबार को लेकर सिविल कोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार झा का कहना है कि लॉटरी का अवैध कारोबार पर प्रशासन ने रोक नहीं लगाई तो मजदूर तबके के लोग लालच में पड़कर बर्बाद हो जाएंगे. पाकुड़ जिला में प्रतिदिन करोड़ों की लॉटरी की बिक्री होती है.
कुछ महीनों पहले पाकुड़ जिला मुख्यालय के कुछ लॉटरी माफिया यहां स्टॉक में लॉटरी बेचने का काम किया करते थे, बीच में ही पुलिस ने छापामारी अभियान चलाया और लॉटरी माफिया ने पाकुड़ में स्टॉक करना छोड़ दिया. वहीं कुछ लॉटरी विक्रेता ने बताया कि अब उसे पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला के राजग्राम, नलहटी, मुर्शिदाबाद जिला के धूलियान, चांदपुर से सड़क और रेल मार्ग से अधिकांश लाना पड़ता है. जबकि कुछ कारोबारी जिला मुख्यालय के अलावा हिरणपुर, लिट्टीपाड़ा, अमड़ापाड़ा, महेशपुर, पाकुडिया प्रखंड मुख्यालय सहित ग्रामीण इलाकों में पहुंचाने का काम करता है.