पाकुड़: जिला प्रशासन ने केवल जरूरतमंदों की पेट की भूख मिटा रहा है. बल्कि स्कूली बच्चों की शिक्षा की भूख मिटाने का भी काम कर रहा है. जिला की सरकारी स्कूल बंद है. इसके बावजूद शिक्षा विभाग स्कूली बच्चों को मध्यान्न भोजन योजना से लाभांवित करने के साथ-साथ उनकी शिक्षा की भूख मिटाने के लिए किताब, कॉपी, कलम, पेंसिल घर बैठे मुहैया करा रहा है.
ऑनलाइन पढ़ाई का विशेष इंतजाम
सरकार की संवेदनशीलता और जिले के शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों और कर्मियों की मेहनत का नतीजा है कि स्कूली बच्चे जो अपने घरों पर लॉकडाउन के दौरान रह रहे हैं. उनकी बेहतर पढ़ाई और उज्जवल भविष्य के लिए किताबें मुहैया कराई गई हैं. साथ ही ऑनलाइन पढ़ाई का भी विशेष इंतजाम किया गया है. यही वजह है कि बच्चे घरों में पढ़ रहे हैं.
ये भी देखें- कोरोना काल में लाउडस्पीकर के सहारे पढ़ रहे बच्चे, शिक्षकों के इस पहल की हो रही प्रशंसा
995 विद्यालयों के बच्चों के बीच किताबोंं का वितरण
जिले में समग्र शिक्षा के तहत कक्षा 1 से 10 के 1 लाख 2989 बच्चों को मुफ्त में किताबें मुहैया कराई गई हैं. जिले के 1,026 विद्यालयों में से 995 विद्यालयों के बच्चों के बीच किताबोंं का वितरण हुआ है. शिक्षा विभाग की ओर से मुफ्त में किताबें मिलने से स्कूली बच्चें काफी खुश है.
क्या कहते हैं जिला शिक्षा अधीक्षक
जिला शिक्षा अधीक्षक दुर्गानंद झा ने बताया कि 1 से 12 तक के विद्यार्थियों को किताबों को बाटने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन 12 की किताबें अब तक प्राप्त नहीं हुई है. डीएसई ने बताया कि 75 प्रतिशत पुस्तकों का वितरण कराया दिया गया है, शेष बचे 25 प्रतिशत किताबों को कुछ दिनों के अंदर बांटा जाएगा. इसके लिए जिले के सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों को दिशा निर्देश दिया गया है.
इसे भी पढ़ें- हादसों का हाईवे है पलामू-रांची NH, सड़क रेंगते हैं वाहन
डीएसई ने बताया कि लॉकडाउन में बच्चे अपने घर मे रहकर पढ़ाई करे और उसके अभिभावक को किताब खरीदने के लिए अतिरिक्त बोझ ना पड़े. इसलिए विभाग बच्चों को मुफ्त में किताब के साथ कॉपी, कलम, पेंसिल मुहैया करा रहा है.