पाकुड़: लॉकडाउन फेज टू के दौरान जिले के पत्थर व्यवसायी अपने-अपने पत्थर खदानों और क्रशर मशीनों में कुछ शर्तों के साथ अब काम कर पाएंगे. यह जानकारी जिला खनन पदाधिकारी उत्तम कुमार विश्वास ने दी.
मजदूरों के लिए भोजन पानी की हो व्यवस्था
उन्होंने बताया कि पत्थर व्यवसायियों को यह भी बताया गया कि पत्थर खदानों में सिर्फ अपने ही जिले के मजदूरों को वे काम पर रखेंगे और यदि संभव हो तो मजदूर जिन-जिन व्यवसायियों के पत्थर खदानों में काम कर रहे हैं उसके आसपास के ही रहने और भोजन का इंतजाम किया जाए. डीएमओ ने बताया कि दूसरे जिलों एवं राज्यों के मजदूरों को किसी भी सूरत में काम पर नहीं रखने की हिदायत पत्थर व्यवसायियों को दी गयी है. उत्खनित पत्थरों का परिवहन रेल मार्ग से किया जाएगा और इसके लिए भी रेल के अधिकारियों को डीसी ने आवश्यक जानकारी दिया है. वहीं कार्यस्थल पर मजदूरों के लिए मास्क, सेनिटाइजर, थर्मल स्कैनर का भी इंतजाम करने का निर्देश व्यवसायियों को दिया गया.
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1 महीने में 8 करोड़ का नुकसान
बता दे कि कोरोना वायरस से बचाव और रोकथाम को लेकर सरकार के निर्देश पर लॉकडाउन बीते एक महीने से है. वहीं जिस पाकुड़ जिले का मुख्य उद्योग पत्थर का कारोबार पूरी तरह ठप गया है उसकी वजह से हजारों मजदूर बेरोजगार हो गए है. जबकि सिर्फ खनन विभाग को एक महीने में 8 करोड़ राजस्व का नुकसान हुआ और दो करोड़ रुपये डीएमएफटी फंड में भी नहीं आया है.