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चक्रवात यास की मार से किसान बेजार, पाकुड़ में 700 हेक्टेयर फसल बर्बाद - Cyclone Yaas

चक्रवात यास की मार से पाकुड़ में किसानों का बुरा हाल है. इस तूफान में जिले की लगभग 700 हेक्टेयर में फसल बर्बाद हो गई है. बारिश के बाद से खेतों में जमे पानी से बची-खुची फसल पर भी खतरा मंडरा रहा है.

crop in 700 hectares completely ruined after Yaas cyclone in Pakur
खेत में जमा पानी
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Published : Jun 5, 2021, 2:50 PM IST

Updated : Jun 6, 2021, 2:16 PM IST

पाकुड़ः चक्रवात यास की मार से पाकुड़ में किसानों का बुरा हाल है. इससे हुई फसल की बर्बादी से एक तरफ केंद्र सरकार के किसानों की आय दोगुनी करने के मकसद को ठेस पहुंची है तो दूसरी तरफ इसने किसानों को और बड़ी आर्थिक परेशानी में धकेल दिया है.

देखें पूरी खबर

बीते दिनों यास तूफान की वजह से पाकुड़ जिले में लगातार तीन दिनों तक हुई बारिश से खासकर पटसन, सब्जी, मक्का और धान की खेती करने वाले किसानों की फसल प्रभावित हुई है. बारिश के बाद खेतों में जमा पानी के कारण पाकुड़ सदर प्रखंड के अलावा ग्रामीण इलाकों सहित महेशपुर और हिरणपुर प्रखंड में सब्जी की खेती करने वाले किसानों को भी खासा नुकसान हुआ है.

crop in 700 hectares completely ruined after Yaas cyclone in Pakur
खेत में जमा पानी

ये भी पढ़ें-मिट्टी के भाव में फसल बेच रहे किसानों को अनलॉक 1 से आस, महामारी ने तोड़ दी है अन्नदाता की कमर

700 हेक्टेयर में लगी फसल बर्बाद

कृषि विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक चक्रवात यास की वजह से हुई घनघोर बारिश से 700 हेक्टेयर से अधिक भूमि में लगी फसल और सब्जी बर्बाद हो गई है. बारिश के बाद खेतों में जमे पानी के कारण फसलों को हुए नुकसान से प्रभावित किसानों ने राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई है. किसानों का कहना है कि एक तो कोरोना के कारण परेशानी झेलनी पड़ रही थी और फिर बारिश के बाद फसलें नष्ट होने के कारण कमर टूट गई है. किसानों ने बताया कि अगर उन्हें सरकारी सहायता या फसलों की क्षति पूर्ति नहीं मिली तो परिवार का भरण पोषण मुश्किल हो जाएगा.

crop in 700 hectares completely ruined after Yaas cyclone in Pakur
खेत में जमा पानी

निचले इलाके में बारिश के पानी का जमाव

पाकुड़ सदर प्रखंड के निचले इलाके में बारिश का पानी नदी नालों के रास्ते जमा हो गया जिस कारण किसानों की फसल बर्बाद हो गई. कृषि विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पाकुड़ सदर प्रखंड के इलामी, तारानगर, कुसमानगर, लखीनारायणपुर, गुलदाहा, रामचंद्रपुर, चांदपुर, काबिलपुर, गंधाईपुर, हरिहरा, हरीगंज, नवादा, इशाकपुर, रहशपुर, सीतापहाड़ी, फरसा, झिकरहट्टी पूर्वी, इस्लामपुर, संग्रामपुर, रणडांगा, हिरणपुर, महेशपुर, मानिकापाड़ा, पृथिवीनगर, मनीरामपुर के अलावे महेशपुर प्रखंड के चंडालमारा, राजापुर, मकदमपुर, लिट्टीपाड़ा प्रखंड के बीचामहल आदि गांवों में हजारों किसानों के फसल बर्बाद हुए हैं.

बीते वर्ष का भी नहीं मिला मुआवजा

किसान बताते हैं कि बीते वर्ष भी 9 हजार किसानों की फसल इन इलाकों में ओला वृष्टि के कारण फसल बर्बाद हुई थी लेकिन अबतक किसानों को इसका मुआवजा नहीं मिला. इस मामले में राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने दूरभाष पर बताया कि किसानों के फसल नुकसान को लेकर जल्द रिपोर्ट जमा करने का निर्देश संबंधित विभाग को दिया गया है, ताकि सरकारी स्तर से उन्हें राहत पहुंचाई जा सके.

crop in 700 hectares completely ruined after Yaas cyclone in Pakur
परेशान किसान

साथ ही डीसी और डीडीसी को नदी नालों के जीर्णोद्धार के लिए प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया है ताकि भविष्य में किसानों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े. वहीं, कृषि विभाग के तकनीकी पदाधिकारी मो. समीम ने बताया कि नुकसान का सर्वे कर लिया गया है और जल्द रिपोर्ट भेजी जाएगी ताकि किसानों को राहत पहुंचाया जा सके.

पाकुड़ः चक्रवात यास की मार से पाकुड़ में किसानों का बुरा हाल है. इससे हुई फसल की बर्बादी से एक तरफ केंद्र सरकार के किसानों की आय दोगुनी करने के मकसद को ठेस पहुंची है तो दूसरी तरफ इसने किसानों को और बड़ी आर्थिक परेशानी में धकेल दिया है.

देखें पूरी खबर

बीते दिनों यास तूफान की वजह से पाकुड़ जिले में लगातार तीन दिनों तक हुई बारिश से खासकर पटसन, सब्जी, मक्का और धान की खेती करने वाले किसानों की फसल प्रभावित हुई है. बारिश के बाद खेतों में जमा पानी के कारण पाकुड़ सदर प्रखंड के अलावा ग्रामीण इलाकों सहित महेशपुर और हिरणपुर प्रखंड में सब्जी की खेती करने वाले किसानों को भी खासा नुकसान हुआ है.

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खेत में जमा पानी

ये भी पढ़ें-मिट्टी के भाव में फसल बेच रहे किसानों को अनलॉक 1 से आस, महामारी ने तोड़ दी है अन्नदाता की कमर

700 हेक्टेयर में लगी फसल बर्बाद

कृषि विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक चक्रवात यास की वजह से हुई घनघोर बारिश से 700 हेक्टेयर से अधिक भूमि में लगी फसल और सब्जी बर्बाद हो गई है. बारिश के बाद खेतों में जमे पानी के कारण फसलों को हुए नुकसान से प्रभावित किसानों ने राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई है. किसानों का कहना है कि एक तो कोरोना के कारण परेशानी झेलनी पड़ रही थी और फिर बारिश के बाद फसलें नष्ट होने के कारण कमर टूट गई है. किसानों ने बताया कि अगर उन्हें सरकारी सहायता या फसलों की क्षति पूर्ति नहीं मिली तो परिवार का भरण पोषण मुश्किल हो जाएगा.

crop in 700 hectares completely ruined after Yaas cyclone in Pakur
खेत में जमा पानी

निचले इलाके में बारिश के पानी का जमाव

पाकुड़ सदर प्रखंड के निचले इलाके में बारिश का पानी नदी नालों के रास्ते जमा हो गया जिस कारण किसानों की फसल बर्बाद हो गई. कृषि विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पाकुड़ सदर प्रखंड के इलामी, तारानगर, कुसमानगर, लखीनारायणपुर, गुलदाहा, रामचंद्रपुर, चांदपुर, काबिलपुर, गंधाईपुर, हरिहरा, हरीगंज, नवादा, इशाकपुर, रहशपुर, सीतापहाड़ी, फरसा, झिकरहट्टी पूर्वी, इस्लामपुर, संग्रामपुर, रणडांगा, हिरणपुर, महेशपुर, मानिकापाड़ा, पृथिवीनगर, मनीरामपुर के अलावे महेशपुर प्रखंड के चंडालमारा, राजापुर, मकदमपुर, लिट्टीपाड़ा प्रखंड के बीचामहल आदि गांवों में हजारों किसानों के फसल बर्बाद हुए हैं.

बीते वर्ष का भी नहीं मिला मुआवजा

किसान बताते हैं कि बीते वर्ष भी 9 हजार किसानों की फसल इन इलाकों में ओला वृष्टि के कारण फसल बर्बाद हुई थी लेकिन अबतक किसानों को इसका मुआवजा नहीं मिला. इस मामले में राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने दूरभाष पर बताया कि किसानों के फसल नुकसान को लेकर जल्द रिपोर्ट जमा करने का निर्देश संबंधित विभाग को दिया गया है, ताकि सरकारी स्तर से उन्हें राहत पहुंचाई जा सके.

crop in 700 hectares completely ruined after Yaas cyclone in Pakur
परेशान किसान

साथ ही डीसी और डीडीसी को नदी नालों के जीर्णोद्धार के लिए प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया है ताकि भविष्य में किसानों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े. वहीं, कृषि विभाग के तकनीकी पदाधिकारी मो. समीम ने बताया कि नुकसान का सर्वे कर लिया गया है और जल्द रिपोर्ट भेजी जाएगी ताकि किसानों को राहत पहुंचाया जा सके.

Last Updated : Jun 6, 2021, 2:16 PM IST
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