पाकुड़: शासन और प्रशासन शिक्षा मे गुणात्मक सुधार के साथ-साथ स्कूली बच्चों की शिक्षा की भूख मिटाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है. बच्चे शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक रूप से मजबूत होकर अपने भविष्य को सजाने और सवांरने में विद्यालयों में दी जा रही शैक्षणिक सुविधा का बेहतर लाभ उठा सकें, इस दिशा में कई सार्थक कदम भी उठाए जा रहे हैं. बावजूद कुछ एक विद्यालयों के हेडमास्टर और शिक्षकों की थोड़ी सी भूल की वजह से कई तरह के सवाल भी खड़े हो रहे हैं.
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बच्चों की शिक्षा की भूख मिटाने के बजाए उनसे कचरा साफ करवाने से भी विद्यालय प्रबंधन बाज नहीं आ रहा. ऐसा ही कुछ जिला मुख्यालय स्थित आदर्श बिल्टू मध्य विद्यालय में देखा गया. इस विद्यालय के बच्चे उस समय हाथ में झाड़ू लेकर कचरे की साफ-सफाई कर रहे थे, जिस वक्त उन्हें कक्षा में पठन पाठन करना था. ईटीवी भारत की नजर जब कचरा साफ कर रहे बच्चों पर पड़ी तो आनन-फानन में विद्यालय के हेडमास्टर पहुंचें और खुद हाथ में झाड़ू लेकर कचरा साफ करने लगे. यह कहते हुए कि हम भी साफ सफाई कर रहे हैं.
जब विद्यालय के हेडमास्टर अमर कुमार मुर्मू से स्कूली बच्चों द्वारा कचरा साफ करने को लेकर पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बाल संसद गठित किया गया है और इसमें शामिल बच्चों को शैक्षणिक गतिविधियों के अलावा विद्यालय परिसर की साफ सफाई की भी रूटीन है. उन्होंने कहा कि कई माह से नगर परिषद के सफाई कर्मियों के नही पहुंचने के कारण कचरा ज्यादा जमा हो गया था.
जिला शिक्षा अधीक्षक ने जांच की कही बात: वहीं जिला शिक्षा अधीक्षक मुकुल राज ने बताया कि विद्यालय में प्रार्थना के पूर्व बच्चे खुद अपने कमरे की सफाई करते हैं, ना कि कचरा का. उन्होंने बताया कि विद्यालय में राशि अन्य खर्च के लिए प्रत्येक वर्ष भेजी जाती है और उसी से कचरे की सफाई भी करानी है. उन्होंने बताया कि जिले में सैकड़ों विद्यालय हैं और किसी में सफाई कर्मी बहाल नहीं है. जिस कारण शिक्षकों सहित बच्चों को परेशानी उठानी पड़ती है. जिला शिक्षा अधीक्षक ने बताया कि पढ़ाई के बीच यदि साफ सफाई का कार्य कराया जाता है तो इसकी जांच करायी जाएगी.