पाकुड़: जिला का पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व आलमगीर आलम कर रहे हैं, जो राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री हैं. सरकार बने महीनों बीत गए लेकिन आज भी कई ग्रामीण इलाकों की सड़कें दुरुस्त नहीं हो पायी है क्योंकि काम नहीं हो रहा है. जनप्रतिनिधियों की उदासीनता कहें या सरकार की दूरदर्शिता, गांव से प्रखंड मुख्यालय आने के लिए लोगों को उबरखाबड़ रास्ते, टूटी पुल-पुलिया से गुजरना पड़ रहा है और इस दौरान उन्हें परेशानी भी उठानी पड़ रही है.
कई गांव की सड़कें हैं बदहाल
सदर प्रखंड के बहिरग्राम से झिकरहट्टी, चांचकी से जयकिष्टोपुर, दुर्गापुर से छोटामोहनपुर, महेशपुर से कागजपुर से दमदमा, कासादिघी, रघुनाथपुर, तेतुलिया, लिट्टीपाड़ा प्रखंड के धनगढ़ा से हाथीबथान, जोबोडीह से मोहुलबोना, कुंजबोना डाकबंगला से रोलडीह, कुंजबोना मुख्य पथ से पोसकोटि, हिरणपुर प्रखंड के मोहनपुर से डांगापाड़ा जैसी कई ऐसी ग्रामीण सड़कें हैं जिस पर लोगों का चलना दुर्भर हो गया है. वाहन तो दूर इन सड़कों पर पैदल चलना भी लोगों का मुश्किल है.
इसे भी पढ़ें- फर्जीवाड़ा गिरोह से परेशान पीएम आवास योजना के लाभुक, खाते से हुई लाखों की अवैध निकासी
गड्ढों में तब्दील हो गई है सड़क
सड़क के दुरुस्त नहीं होने से किसानों को अपनी उत्पादित फसलों और साग-सब्जियों को हाट बाजारों में लाने के साथ-साथ लोगों को प्रखंड एवं अंचल कार्यालय आने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों पूर्व यह सड़क का निर्माण हुआ और उसके बाद इन सड़कों की मरम्मती नहीं करायी गयी और ये सड़कें आज गड्ढों में तब्दील हो गई है. जबकि महेशपुर प्रखंड की कई ऐसी सड़कें हैं जिनका निर्माण कराने के लिए विभाग के अभियंता पहुंचे सड़क की लंबाई चौड़ाई मापी गयी और उसके बाद कुछ नहीं हुआ. ग्रामीणों ने बताया कि अगर गांव में कोई बीमार पड़ जाए तो एंबुलेंस इस गांव में नहीं पाता है. मजबूरन मरीज को खाट में लादकर या अन्य किसी माध्यम से मेन रोड तक ले जाना पड़ता है. ग्रामीणों के मुताबिक सड़क निर्माण कराने के लिए अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों का ध्यान आकृष्ट कराया गया और सिर्फ आश्वासन मिला.