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जानिए कैसा है आलमगीर आलम के क्षेत्र का हाल, सड़कों की कैसी है व्यवस्था

पाकुड़ के प्यादापुर बाइपास सड़क की हालत बद से बदतर हो गई है. जिसकी वजह से लोगों को आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों ने इसे लेकर सरकार को मामले से अवगत कराए जाने के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ है.

bad condition of pyadapur bypass road in pakur
मंत्री आलमगीर आलम
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Published : Jun 25, 2021, 11:56 AM IST

Updated : Jun 25, 2021, 2:00 PM IST

पाकुड़: किसी भी राज्य और जिले को विकास के नक्शे पर उतारने के लिए सड़कों की जरूरत होती है. लेकिन झारखंड के सबसे पिछड़े जिले पाकुड़ में स्थित प्यादापुर बाइपास सड़क बेहद खराब है. इस विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले मंत्री आलमगीर आलम का भी ध्यान नहीं है. जिसके कारण यहां की लाइफ लाइन कही जाने वाली सड़क की हालात बद से बदतर होते जा रही है. जिसके कारण वाहन चालकों और कारोबारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें- पाकुड़: सड़क हादसे में एक महिला की मौत, तीन को अस्पताल में कराया गया भर्ती

10 साल पहले सड़क का निर्माण

शहरी क्षेत्र के लोगों को ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात दिलाने और पत्थर औद्योगिक क्षेत्र मालपहाड़ी से पत्थरों का परिवहन सड़क मार्ग के जरिए सुनिश्चित कराने के लिए प्यादापुर बाइपास का निर्माण 10 साल पहले कराया गया था. यहां से हर दिन हजारों पत्थर से लदे वाहनों के अलावा अन्य भारी वाहनों का भी परिचालन होता है. जिससे उस सड़क की हालत बद से बदतर हो गई है. सड़क निर्माण के 5 साल के अंदर ही इसकी मरम्मत कराई गई थी. लेकिन उसके बाद इस सड़क की दशा और दिशा पर ध्यान नहीं दिया गया. फिलहाल, इस सड़क की हालात ऐसे है कि यहां से गुजने वाले वाहनों के कलपुर्जे ढीले हो जाते हैं. इसके अलावा व्यवसायियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. सड़क पर गड्ढे और उसमें जलभराव की वजह से एक बड़ी दुर्घटना घटने की आशंका बनी रहती है.

देखें पूरी खबर

मंत्री आलमगीर आलम का नहीं है ध्यान
राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं इसके बाद भी बाइपास की ऐसी हालत से लोग मायूस हैं. पहले यहां के जनप्रतिनिधि ही आरोप लगाते थे कि विपक्ष का एमएलए और एमपी होने के कारण सत्ता पक्ष उनके क्षेत्र के विकास में उपेक्षा नीति अपनाता है. लेकिन अब जबकि राज्य में कांग्रेस-झामुमो गठबंधन की सरकार चल रही है और यहां के विधायक ग्रामीण विकास मंत्री का पद संभाल रहे हैं फिर भी सड़क का वही हाल है.


खराब सड़क को दुरुस्त करने की मांग
इस मामले में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अरुण कुमार भारती का कहना कुछ और है. उन्होंने कहा कि कार्यालय में कर्मियों और अधिकारियों के तालमेल नहीं रहने के कारण फंड की कमी हुई है. उन्होंने बताया कि सरकार के पास पैसे की कमी नहीं है और कार्यालय के सभी कर्मियों, अधिकारियों, अभियंताओं को वैसी सड़क और नाली का चयन करने को कहा गया है, जो काफी खराब है और जल्द उसे दुरुस्त कराया जाएगा.

पाकुड़: किसी भी राज्य और जिले को विकास के नक्शे पर उतारने के लिए सड़कों की जरूरत होती है. लेकिन झारखंड के सबसे पिछड़े जिले पाकुड़ में स्थित प्यादापुर बाइपास सड़क बेहद खराब है. इस विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले मंत्री आलमगीर आलम का भी ध्यान नहीं है. जिसके कारण यहां की लाइफ लाइन कही जाने वाली सड़क की हालात बद से बदतर होते जा रही है. जिसके कारण वाहन चालकों और कारोबारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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10 साल पहले सड़क का निर्माण

शहरी क्षेत्र के लोगों को ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात दिलाने और पत्थर औद्योगिक क्षेत्र मालपहाड़ी से पत्थरों का परिवहन सड़क मार्ग के जरिए सुनिश्चित कराने के लिए प्यादापुर बाइपास का निर्माण 10 साल पहले कराया गया था. यहां से हर दिन हजारों पत्थर से लदे वाहनों के अलावा अन्य भारी वाहनों का भी परिचालन होता है. जिससे उस सड़क की हालत बद से बदतर हो गई है. सड़क निर्माण के 5 साल के अंदर ही इसकी मरम्मत कराई गई थी. लेकिन उसके बाद इस सड़क की दशा और दिशा पर ध्यान नहीं दिया गया. फिलहाल, इस सड़क की हालात ऐसे है कि यहां से गुजने वाले वाहनों के कलपुर्जे ढीले हो जाते हैं. इसके अलावा व्यवसायियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. सड़क पर गड्ढे और उसमें जलभराव की वजह से एक बड़ी दुर्घटना घटने की आशंका बनी रहती है.

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मंत्री आलमगीर आलम का नहीं है ध्यान
राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं इसके बाद भी बाइपास की ऐसी हालत से लोग मायूस हैं. पहले यहां के जनप्रतिनिधि ही आरोप लगाते थे कि विपक्ष का एमएलए और एमपी होने के कारण सत्ता पक्ष उनके क्षेत्र के विकास में उपेक्षा नीति अपनाता है. लेकिन अब जबकि राज्य में कांग्रेस-झामुमो गठबंधन की सरकार चल रही है और यहां के विधायक ग्रामीण विकास मंत्री का पद संभाल रहे हैं फिर भी सड़क का वही हाल है.


खराब सड़क को दुरुस्त करने की मांग
इस मामले में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अरुण कुमार भारती का कहना कुछ और है. उन्होंने कहा कि कार्यालय में कर्मियों और अधिकारियों के तालमेल नहीं रहने के कारण फंड की कमी हुई है. उन्होंने बताया कि सरकार के पास पैसे की कमी नहीं है और कार्यालय के सभी कर्मियों, अधिकारियों, अभियंताओं को वैसी सड़क और नाली का चयन करने को कहा गया है, जो काफी खराब है और जल्द उसे दुरुस्त कराया जाएगा.

Last Updated : Jun 25, 2021, 2:00 PM IST
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