लोहरदगा: जिला सदर अस्पताल (Lohardaga Sadar Hospital) में संसाधन है, दवाएं हैं, डॉक्टर भी हैं, यहां इलाज की कमी नहीं है. कमी है तो, बस पानी की. लोहरदगा सदर अस्पताल में यदि आपको इलाज कराना है, या आपका कोई परिजन भर्ती है, तो आपको पीने का पानी अपने साथ लाना होगा. दरअसल, लोहरदगा सदर अस्पताल में भर्ती मरीज, उनके परिजन और अस्पताल कर्मचारी सभी पानी की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं. सदर अस्पताल में जितनी पानी की आवश्यकता प्रतिदिन की है, उसके मुकाबले काफी कम पानी भी बड़ी मुश्किल से मिल पा रहा है. पानी के लिए त्राहिमाम मचा हुआ है.
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60 हजार लीटर की जगह मिलता है मजह 20 हजार लीटर पानी: लोहरदगा सदर अस्पताल में 120 बेड है. इसके अलावा डेढ़ सौ कर्मचारी रहते हैं. कुल मिलाकर लोहरदगा सदर अस्पताल में प्रतिदिन 60 हजार लीटर पानी की जरूरत है. इसके विपरीत महज 20 हजार लीटर पानी बड़ी मुश्किल से मिल पा रहा है. पेयजल एवं स्वच्छता पर मंडल की ओर से बनाए गए संप के माध्यम से 10 हजार लीटर पानी मिलता है जबकि, सदर अस्पताल परिसर में स्थित एक कुआं है. जिससे बड़ी मुश्किल से और 10 हजार लीटर पानी मिल जाता है. हैंडपंप महज दिखावे के लिए साबित हो रहा है. यहां पर आने वाले मरीजों को अपने घर से पानी लेकर आना पड़ता है. स्वास्थ्य विभाग भी मामले को लेकर चिंतित है लेकिन, मजबूरी है कि विभाग कुछ कर नहीं पा रहा है. पेयजल की ही नहीं, बल्कि पानी की दूसरी आवश्यकता के लिए भी यहां काफी ज्यादा परेशानी है.
पानी की कमी से हो रही दुर्गति: नगर परिषद के माध्यम से पानी का टैंकर नहीं मिल पा रहा है. पानी की कमी की वजह से सदर अस्पताल के शौचालय दुर्गंध दे रहे हैं. यहां भर्ती मरीजों के लिए खड़े रह पाना भी मुश्किल है. स्वास्थ्य विभाग की परेशानी को किसी ने समझने की कोशिश नहीं की. समस्या का स्थाई निराकरण भी नहीं हो पा रहा है. यह समस्या एक-दो साल की नहीं है, बल्कि पिछले कई सालों से है.