लोहरदगा: लॉकडाउन की वजह से जिले में किसानों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा है. उनके टमाटर बिक नहीं रहे हैं. इससे परेशान किसानों ने टमाटर को सड़ने के लिए खेतों में ही छोड़ दिया है. उनकी मेहनत और पूंजी दोनों डूबने की स्थिति में है. बाजार तक ले जाने के बाद भी उत्पाद बिक नहीं पा रहे है. किसानों की मेहनत बेकार जा रही है.
नहीं मिल रहा है खरीदार
आमतौर पर गर्मी के इस मौसम में टमाटर की कीमत आसमान छूती है. तीस से 40 रुपए सहज रूप से ही टमाटर की बिक्री हर साल होती थी. इसी उम्मीद के साथ किसानों ने लोहरदगा में बड़े पैमाने पर टमाटर की खेती की है. किसानों को पता नहीं था कि लॉकडाउन इतने लंबे समय तक चलेगा और बाजार का हाल ऐसा हो जाएगा. इन तमाम परिस्थितियों ने किसानों को तगड़ा झटका देने का काम किया है. न सिर्फ किसानों की मेहनत बेकार गई है, बल्कि उनकी पूंजी भी डूबने की स्थिति में है. बाजार में 8 से 10 प्रति किलो ही टमाटर बिक रही है.
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किसानों के समक्ष विकट स्थिति
ऐसी स्थिति में टमाटर को तोड़ने के लिए जब मजदूर लगाए जाते हैं तो उन मजदूरों को देने के लिए पूंजी भी नहीं निकल पा रही. इसी वजह से किसानों ने टमाटर को खेतों में ही सड़ने के लिए छोड़ दिया है. किसान परेशान है कि उनकी पूंजी और मेहनत दोनों बेकार हो रही है. लॉकडाउन और बाजार का हाल ऐसा ही रहा तो उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. सरकार की ओर से भी कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है. दूसरे प्रदेशों में सब्जियों को भेजा नहीं जा रहा है. इन तमाम परिस्थितियों ने किसानों के समक्ष विकट स्थिति उत्पन्न कर दी है.