लोहरदगा : बापू के सच्चे अनुयायी माने जाने वाले टाना भगत 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती (mahatma gandhi birth anniversary) पर लोहरदगा में सड़कों पर उतरे. उन्होंने बापू को श्रद्धांजलि दी और मांगों को लेकर आवाज बुलंद की. टाना भगत ने मांगें मांगे जाने तक आंदोलन की चेतावनी दी है.
![tana bhagat protest in lohardaga on mahatma gandhi birth anniversary](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/jh-loh-01-tanabhagat-pkg-jh10011_03102021112507_0310f_1633240507_395.jpg)
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बता दें कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जीवन शैली अपना चुके टाना भगत झारखंड के अलग-अलग हिस्सों में निवास करते हैं. लोहरदगा, गुमला, खूंटी, चतरा, लातेहार और सिमडेगा में बसा यह समुदाय बापू की तरह सत्य और अहिंसा को ही पथप्रदर्शक मानता है. खादी के वस्त्र, चरखा वाले तिरंगा, खादी के थैले, तिरंगे की पूजा, अपना भोजन खुद बनाकर खाने की परंपरा इस समुदाय के लोगों को दूसरों से अलग करती है. इसीलिए इन्हें बापू का सच्चा अनुयायी माना जाता है. इधर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर को लोहरदगा के टाना भगत सड़क पर उतर आए और कई मांगों को पूरी कराने के लिए आवाज बुलंद की.
ये हैं प्रमुख मांगें
टाना भगतों ने कहा कि उनकी नीलाम हो चुकी जमीनों को सरकार वापस दिलाए, 1947 काश्तकारी अधिनियम को फिर से लागू करे. उन्होंने किसी भी प्रकार की मालगुजारी या लगान सरकार को नहीं देने का भी ऐलान किया. इसके अलावा टाना भगत निशुल्क शिक्षा, निशुल्क रेल यात्रा, निशुल्क बस यात्रा आदि की मांग भी कर रहे थे. टाना भगत समुदाय के लोगों का कहना है कि आजादी की लड़ाई में उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर स्वतंत्रता के आंदोलन में हिस्सा लिया था. इसके बावजूद आज सरकार उन्हें उनके अधिकारों से वंचित कर रही है. उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक सरकार उनकी मांग नहीं मान लेती है, तब तक वह आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे.