ETV Bharat / state

लॉकडाउन में कड़वा हुआ इमली का स्वाद! हजारों लोग बेरोजगार - लोहरदगा में इमली उत्पादन

लोहरदगा जिला इमली के बड़े उत्पादकों में माना जाता है. इमली तोड़ने, कूटने, पैकिंग करने और बाजार तक पहुंचाने के काम में 8 हजार से ज्यादा परिवार जुड़े हुए है, लेकिन लॉकडाउन से काम की रफ्तार थम गई है, जिस कारण लोगों के सामने खाने की समस्या उत्पन्न हो गई है.

Tamarind business during lockdown
इमली का कारोबार
author img

By

Published : May 11, 2020, 8:21 PM IST

लोहरदगा: इमली का नाम लेते ही लोगों के मुंह में पानी आ जाता है. शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो, जिसने इमली का स्वाद न लिया हो. इमली लोहरदगा में बड़े पैमाने पर उत्पादित होता है. यहां इमली से सैकड़ों परिवारों को रोजगार भी मिलता है. लॉकडाउन की वजह से इमली की बिक्री रूक गई है. ऐसे में रोजगार भी प्रभावित हुआ है.

देखिए स्पेशल स्टोरी

इमली का बड़ा उत्पादक लोहरदगा

लोहरदगा में अमूमन हर गांव में इमली के दर्जनों पेड़ होते हैं. हर साल हजारों मीट्रिक टन इमली का उत्पादन होता है. इसकी वजह से लगभग 500 मजदूरों को इमली कूटने के काम मिल पाता है. इसके अलावा हजारों लोग इमली तोड़ने से लेकर बाजार तक पहुंचाने का काम करते हैं. हर दिन 2 से 3 ट्रक इमली लखनऊ, बरेली, यूपी, बनारस सहित अन्य क्षेत्रों में भेजी जाती है. फिलहाल, इमली का भाव 27 रुपए प्रति किलो है, जबकि पिछले साल इसकी कीमत 30 से 32 रुपए प्रति किलो थी.

Tamarind business during lockdown
इमली का कारोबार

बाजार नहीं पहुंच पाई इमली

इस साल इमली बाजार तक नहीं पहुंच पाया. इमली की कुटाई में भी एक-दो मजदूरों को ही व्यापारी काम में लगा पाए. इसके लिए भी उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है. इमली की वजह से रोजगार पाने वाले सैकड़ों परिवारों के समक्ष विकट स्थिति उत्पन्न हो गई है. इमली की वजह से कई परिवारों की जिंदगी चलती थी. लॉकडाउन ने ऐसा कहर बरपाया कि इमली का कारोबार ही ठप पड़ गया. लोहरदगा में इमली के कारोबार से लगभग एक दर्जन से ज्यादा व्यापारी सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं. लॉकडाउन के कारण इन व्यापारियों के लिए भी परेशानी खड़ी हो गई है.

Tamarind business during lockdown
इमली का कारोबार

ये भी पढे़ं: पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने की मांग, फिर से शुरू हो कृषि आशीर्वाद योजना

चेंबर की मांग सरकार करे पहल

चेंबर ऑफ कॉमर्स के जिलाध्यक्ष अभय अग्रवाल का कहना है कि सरकार को इमली के कारोबार से जुड़े व्यापारी और मजदूरों के लिए पहल करनी चाहिए. इमली वन उत्पाद है और इसके सहारे सैकड़ों लोगों का रोजगार जुड़ा हुआ है. इमली के कारोबार को लेकर फिलहाल कोई स्पष्ट गाइडलाइन नहीं मिल पाई है. जिसकी वजह से इमली की बिक्री और इसका कारोबार प्रभावित हो रहा है. मार्च से लेकर अप्रैल महीने तक इमली तोड़ने और उसे बेचने का काम होता है. यदि समय पर इसकी बिक्री नहीं हो पाई तो इमली की फसल बर्बाद हो जाती है. इस साल बारिश की वजह से भी इमली की फसल काफी बर्बाद हुई है.

Tamarind business during lockdown
इमली का कारोबार

लोहरदगा: इमली का नाम लेते ही लोगों के मुंह में पानी आ जाता है. शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो, जिसने इमली का स्वाद न लिया हो. इमली लोहरदगा में बड़े पैमाने पर उत्पादित होता है. यहां इमली से सैकड़ों परिवारों को रोजगार भी मिलता है. लॉकडाउन की वजह से इमली की बिक्री रूक गई है. ऐसे में रोजगार भी प्रभावित हुआ है.

देखिए स्पेशल स्टोरी

इमली का बड़ा उत्पादक लोहरदगा

लोहरदगा में अमूमन हर गांव में इमली के दर्जनों पेड़ होते हैं. हर साल हजारों मीट्रिक टन इमली का उत्पादन होता है. इसकी वजह से लगभग 500 मजदूरों को इमली कूटने के काम मिल पाता है. इसके अलावा हजारों लोग इमली तोड़ने से लेकर बाजार तक पहुंचाने का काम करते हैं. हर दिन 2 से 3 ट्रक इमली लखनऊ, बरेली, यूपी, बनारस सहित अन्य क्षेत्रों में भेजी जाती है. फिलहाल, इमली का भाव 27 रुपए प्रति किलो है, जबकि पिछले साल इसकी कीमत 30 से 32 रुपए प्रति किलो थी.

Tamarind business during lockdown
इमली का कारोबार

बाजार नहीं पहुंच पाई इमली

इस साल इमली बाजार तक नहीं पहुंच पाया. इमली की कुटाई में भी एक-दो मजदूरों को ही व्यापारी काम में लगा पाए. इसके लिए भी उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है. इमली की वजह से रोजगार पाने वाले सैकड़ों परिवारों के समक्ष विकट स्थिति उत्पन्न हो गई है. इमली की वजह से कई परिवारों की जिंदगी चलती थी. लॉकडाउन ने ऐसा कहर बरपाया कि इमली का कारोबार ही ठप पड़ गया. लोहरदगा में इमली के कारोबार से लगभग एक दर्जन से ज्यादा व्यापारी सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं. लॉकडाउन के कारण इन व्यापारियों के लिए भी परेशानी खड़ी हो गई है.

Tamarind business during lockdown
इमली का कारोबार

ये भी पढे़ं: पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने की मांग, फिर से शुरू हो कृषि आशीर्वाद योजना

चेंबर की मांग सरकार करे पहल

चेंबर ऑफ कॉमर्स के जिलाध्यक्ष अभय अग्रवाल का कहना है कि सरकार को इमली के कारोबार से जुड़े व्यापारी और मजदूरों के लिए पहल करनी चाहिए. इमली वन उत्पाद है और इसके सहारे सैकड़ों लोगों का रोजगार जुड़ा हुआ है. इमली के कारोबार को लेकर फिलहाल कोई स्पष्ट गाइडलाइन नहीं मिल पाई है. जिसकी वजह से इमली की बिक्री और इसका कारोबार प्रभावित हो रहा है. मार्च से लेकर अप्रैल महीने तक इमली तोड़ने और उसे बेचने का काम होता है. यदि समय पर इसकी बिक्री नहीं हो पाई तो इमली की फसल बर्बाद हो जाती है. इस साल बारिश की वजह से भी इमली की फसल काफी बर्बाद हुई है.

Tamarind business during lockdown
इमली का कारोबार
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.