लोहरदगा: बीजेपी ने इस बार झारखंड में 65 प्लस का टारगेट रखा है. लोहरदगा विधानसभा सीट भी बीजेपी के इस टारगेट में शामिल है. लोहरदगा विधानसभा सीट हमेशा से सुर्खियों में रही है. इस बार इस सीट से कई दिग्गज नेता चुनावी मैदान में हैं.
सुखदेव भगत हैं लोहरदगा प्रत्याशी
सुखदेव भगत पर बीजेपी ने इस बार दांव खेला है, हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए सुखदेव भगत इस बार लोहरदगा विधानसभा सीट से अपना भाग्य आजमा रहे हैं. सुखदेव भगत से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की, इस दौरान लोहरदगा विधानसभा सीट की प्राथमिकताएं, जीत के बाद पहला काम, कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर बातचीत, कांग्रेस के तीन पूर्व प्रदेश अध्यक्षों का पार्टी छोड़ना, आजसू का बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ने जैसे सवालों पर बेबाकी से जवाब दिया. सुखदेव भगत ने कहा कि बीजेपी ने हाल के समय में राज्य और देश के विकास को लेकर योजनाबद्ध रूप से काम किया है.
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2015 के बाद कहां थे रामेश्वर उरांव
गरीब आदमी को प्राथमिकता में रखते हुए कई महत्वपूर्ण योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया. गरीब बेटियों की शिक्षा, उनके भविष्य, लोगों के स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल, बिजली सहित कई ऐसे विकास के काम हैं, जिसने आम आदमी को सीधे सरकार के साथ जोड़ने का काम किया है. सुखदेव भगत ने कहा कि चुनाव जीतते हुए सबसे पहले यातायात की समस्या का हल करने वाले बाइपास सड़क निर्माण की प्राथमिकता को पूरा करेंगे. यहां पर बाइपास सड़क निर्माण को लेकर उन्होंने पहले भी कोशिश की है. इस बार जब बीजेपी के साथ वह खड़े होकर चुनाव मैदान में हैं तो जीत मिलते ही सबसे पहले बाइपास सड़क निर्माण की दिशा में पहल की जाएगी. इसके बाद अन्य जरूरतों को पूरा करने को लेकर काम करेंगे. विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव के चुनाव मैदान में उतरने के सवाल पर सुखदेव भगत ने कहा कि लोहरदगा की जनता को रामेश्वर उरांव से यह सवाल करना चाहिए कि वह 2015 के बाद कहां थे.
सत्ता से चिपके रहना आजसू की आदत
कांग्रेस के पास ऐसा प्रत्याशी है जो इस विधानसभा क्षेत्र में अपना वोट तक नहीं डाल सकता है. ऐसी क्या परिस्थितियां हो गई कि कांग्रेस को बाहर से प्रत्याशी लाकर चुनाव लड़ाना पड़ रहा है. कांग्रेस अध्यक्षों के पार्टी छोड़ने के सवाल पर सुखदेव भगत ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल में एक परिवार की तरह काम करने से ही सभी को जोड़े रखा जा सकता है. जब आप कार्रवाई और दंडित करने पर उतर जाएं तो परिवार बिखर जाता है. आजसू पार्टी के वर्तमान स्टैंड पर सुखदेव भगत ने कहा कि सत्ता से चिपके रहना आजसू की आदत रही है, जनता भलीभांति जानती है कि आजसू के साथ क्या करना है. इसके अलावा कई ऐसे बिंदु भी थे, जिस पर सुखदेव भगत ने अपनी बात को रखने का काम किया.