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लोहरदगाः आदर्श शिक्षा की तस्वीर पेश करता है यह स्कूल, छात्रों ने परिसर में ही बनाया किचन गार्डन

लोहरदगा के राजकीय कृत मध्य विद्यालय नवाड़ीपाड़ा का परिसर बेहद सुंदर है. यहां शिक्षकों और बच्चों की मेहनत साफ नजर आती है. इस विद्यालय में एक किचन गार्डन बनाया गया है, जहां विभिन्न तरह की सब्जियों को उगाया जाता है. ये सब्जियां स्कूल में बनने वाले मध्यान भोजन में भी प्रयोग की जाती है.

Students built kitchen garden in school campus in Lohardaga
छात्रों ने स्कूल परिसर में बनाया किचन गार्डन
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Published : Dec 4, 2019, 1:52 PM IST

लोहरदगाः जिले में एक ऐसा सरकारी विद्यालय है, जहां रंग-बिरंगे फूल, सजी हुई बगिया, किचन गार्डन और साफ सुथरा परिसर सब है. यहां पर विद्यालय परिवार की मेहनत में एक आदर्श विद्यालय की तस्वीर को प्रस्तुत किया है. शहर के राजकीय कृत मध्य विद्यालय नवाड़ीपाड़ा में बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों की मेहनत ने साबित किया है कि सरकारी विद्यालय में भी कोशिश की जाए तो वह आदर्श स्थापित कर सकता है.

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इस विद्यालय में किचन गार्डन और फुलवारी बच्चों की मेहनत को परिभाषित करती है. विद्यालय परिवार ने मिलकर पूरे विद्यालय परिसर को एक आदर्श के रूप में स्थापित किया है. यहां सिर्फ किताबी शिक्षा ही नहीं मिलती, बल्कि सामाजिक शिक्षा भी दी जाती है. अभिभावक विद्यालय की स्थिति को लेकर प्रशंसा किए बिना नहीं थकते. विद्यालय में अन्य सभी सुविधाएं भी बेहतर हैं. जैसे मध्यान भोजन तैयार करने के लिए रसोई गैस का इस्तेमाल, साफ सुथरा किचन शेड, मीनू के अनुसार भोजन, कचरे को रखने के लिए अलग-अलग कंटेनर, जिसमें हरा और सूखा कचरा रखा जाता है. पेयजल की बेहतर व्यवस्था, साफ सुथरा क्लासरूम, शौचालय, बिजली सहित तमाम सुविधाएं यहां उपलब्ध हैं.

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विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक अरुण राम का कहना है कि उन्होंने तो बस राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपने को साकार करने का प्रयास किया. बापू ने सपना देखा था कि स्कूलों में बच्चों को सिर्फ किताबी शिक्षा न मिले, बल्कि सामाजिक शिक्षा भी दी जाए. जिससे बच्चे जीवन में कभी भी कमजोर साबित न हों. उसी सपने को साकार करने का प्रयास किया है.

लोहरदगाः जिले में एक ऐसा सरकारी विद्यालय है, जहां रंग-बिरंगे फूल, सजी हुई बगिया, किचन गार्डन और साफ सुथरा परिसर सब है. यहां पर विद्यालय परिवार की मेहनत में एक आदर्श विद्यालय की तस्वीर को प्रस्तुत किया है. शहर के राजकीय कृत मध्य विद्यालय नवाड़ीपाड़ा में बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों की मेहनत ने साबित किया है कि सरकारी विद्यालय में भी कोशिश की जाए तो वह आदर्श स्थापित कर सकता है.

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इस विद्यालय में किचन गार्डन और फुलवारी बच्चों की मेहनत को परिभाषित करती है. विद्यालय परिवार ने मिलकर पूरे विद्यालय परिसर को एक आदर्श के रूप में स्थापित किया है. यहां सिर्फ किताबी शिक्षा ही नहीं मिलती, बल्कि सामाजिक शिक्षा भी दी जाती है. अभिभावक विद्यालय की स्थिति को लेकर प्रशंसा किए बिना नहीं थकते. विद्यालय में अन्य सभी सुविधाएं भी बेहतर हैं. जैसे मध्यान भोजन तैयार करने के लिए रसोई गैस का इस्तेमाल, साफ सुथरा किचन शेड, मीनू के अनुसार भोजन, कचरे को रखने के लिए अलग-अलग कंटेनर, जिसमें हरा और सूखा कचरा रखा जाता है. पेयजल की बेहतर व्यवस्था, साफ सुथरा क्लासरूम, शौचालय, बिजली सहित तमाम सुविधाएं यहां उपलब्ध हैं.

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विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक अरुण राम का कहना है कि उन्होंने तो बस राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपने को साकार करने का प्रयास किया. बापू ने सपना देखा था कि स्कूलों में बच्चों को सिर्फ किताबी शिक्षा न मिले, बल्कि सामाजिक शिक्षा भी दी जाए. जिससे बच्चे जीवन में कभी भी कमजोर साबित न हों. उसी सपने को साकार करने का प्रयास किया है.

Intro:jh_loh_01_school_pkg_jh10011 स्टोरी-आदर्श शिक्षा की तस्वीर पेश कर रही यह बच्चों की बगिया एंकर- रंग-बिरंगे फूल, सजी हुई बगिया, किचन गार्डन और साफ सुथरा परिसर. यह किसी निजी विद्यालय की तस्वीर नहीं है, बल्कि यह एक सरकारी विद्यालय है. यहां पर विद्यालय परिवार की मेहनत में एक आदर्श विद्यालय की तस्वीर को प्रस्तुत किया है. शहर के राजकीय कृत मध्य विद्यालय नवाड़ीपाड़ा में बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों की मेहनत ने यह बता दिया कि सरकारी विद्यालय में भी कोशिश की जाए तो वह आदर्श स्थापित कर सकता है. विद्यालय परिसर अपने आप में मुस्कुराता है, बच्चे हंसते हैं, शिक्षक बच्चों की मेहनत में साथ देते हैं, अभिभावक भी सहयोग किये नहीं बिना नहीं रह पाते. बाइट- भगवती कुमारी, छात्रा, मध्य विद्यालय, नवाड़ीपाड़ा बाइट-प्रीति कुमारी, छात्रा, मध्य विद्यालय, नवाड़ीपाड़ा इंट्रो- इस विद्यालय में किचन गार्डन और फुलवारी बच्चों की मेहनत को परिभाषित करती है., विद्यालय परिवार ने मिलकर पूरे विद्यालय परिसर को एक आदर्श के रूप में स्थापित किया है. शांत माहौल, रंग-बिरंगे फूल, किचन गार्डन में लहराती फसल यह बताने के लिए काफी है कि यहां सिर्फ किताबी शिक्षा नहीं मिलती, बल्कि सामाजिक शिक्षा भी दी जाती है. जरूरत पड़े तो बच्चे कलम के साथ कुदाल भी उठा सकते हैं. अपनी किस्मत बदलने की क्षमता खुद मैं होनी चाहिए. किसी पर आश्रित रहने से क्या फायदा. इस विद्यालय की इसी तस्वीर ने दूसरे लोगों को हमेशा ही यह कहने को विवश किया है कि सचमुच सरकारी विद्यालय भी एक आदर्श विद्यालय हो सकता है. अभिभावक विद्यालय की स्थिति को लेकर प्रशंसा किए बिना नहीं थकते. बाइट- पुष्पा देवी, अभिभावक, मध्य विद्यालय, नवाड़ीपाड़ा बाइट- अरुण राम, प्रभारी प्रधानाध्यापक, मध्य विद्यालय, नवाड़ीपाड़ा वी/ओ- विद्यालय में अन्य सभी सुविधाएं भी बेहतर हैं. जैसे मध्यान भोजन तैयार करने के लिए रसोई गैस का इस्तेमाल, साफ सुथरा किचन शेड, मीनू के अनुसार भोजन, कचरे को रखने के लिए अलग-अलग कंटेनर, जिसमें हरा और सूखा कचरा अलग अलग रखा जाता है. पेयजल की बेहतर व्यवस्था, साफ सुथरा क्लासरूम, शौचालय, बिजली सहित तमाम सुविधाएं यहां उपलब्ध है. विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक अरुण राम कहते हैं कि उन्होंने तो बस राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपने को साकार करने का प्रयास किया. बापू ने सपना देखा था कि स्कूलों में बच्चों को सिर्फ किताबी शिक्षा ना मिले, बल्कि सामाजिक शिक्षा भी दी जाए. जिससे बच्चे जीवन में कभी भी कमजोर साबित ना हों. उसी सपने को साकार करने का प्रयास किया है. सचमुच यह विद्यालय यह बताता है कि कोशिश की जाए तो आसमान में भी सुराख हो सकता है, बस एक पत्थर तो तबियत से उछालने की जरूरत है.


Body:इस विद्यालय में किचन गार्डन और फुलवारी बच्चों की मेहनत को परिभाषित करती है., विद्यालय परिवार ने मिलकर पूरे विद्यालय परिसर को एक आदर्श के रूप में स्थापित किया है. शांत माहौल, रंग-बिरंगे फूल, किचन गार्डन में लहराती फसल यह बताने के लिए काफी है कि यहां सिर्फ किताबी शिक्षा नहीं मिलती, बल्कि सामाजिक शिक्षा भी दी जाती है. जरूरत पड़े तो बच्चे कलम के साथ कुदाल भी उठा सकते हैं. अपनी किस्मत बदलने की क्षमता खुद मैं होनी चाहिए. किसी पर आश्रित रहने से क्या फायदा. इस विद्यालय की इसी तस्वीर ने दूसरे लोगों को हमेशा ही यह कहने को विवश किया है कि सचमुच सरकारी विद्यालय भी एक आदर्श विद्यालय हो सकता है. अभिभावक विद्यालय की स्थिति को लेकर प्रशंसा किए बिना नहीं थकते.


Conclusion:इस विद्यालय की बात ही निराली है. किचन गार्डन, फुलवारी सहित तमाम सुविधाएं यह बताती है कि कोशिश करने से किसी भी तस्वीर को बदला जा सकता है. राजकीयकृत मध्य विद्यालय नवाड़ीपाड़ा का परिसर आदर्श विद्यालय की परिभाषा को पूरा करता है. इसमें विद्यालय परिवार के हर एक सदस्य का पूरा सहयोग मिलता है.
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