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पति और सास-ससुर को आजीवन कारावास की सजा, दहेज के लिए कर दी थी बहू की हत्या

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Published : Jul 20, 2021, 10:55 PM IST

दहेज के लिए बहू को जहर देकर मार डालने के अपराध में लोहरदगा व्यवहार न्यायालय(Lohardaga Civil Court) ने ससुराल पक्ष के लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

in-laws arrested for murder in dowry and murder case in lohardaga
लोहरदगा: पति और सास-ससुर को उम्र कैद की सजा, दहेज के लिए कर दी थी बहू की हत्या

लोहरदगा: लोहरदगा व्यवहार न्यायालय ने दहेज के लिए बहू को जहर देकर मारने के मामले में आरोपी सास-ससुर को दोषी पाया गया है. विसरा जांच रिपोर्ट में जहर से मौत की पुष्टि हुई थी. अदालत ने मृतिका के पति और सास-ससुर को आजीवन कारावास की सजा (life sentence) सुनाई है. फिलहाल तीनों जेल में बंद हैं. तीन साल में न्यायिक प्रक्रिया की कार्रवाई के बाद अदालत ने अपना फैसला सुना दिया. यह मामला साल 2018 का है.



इसे भी पढ़ें- शर्मनाक : दहेज के लिए बहू काे जिंदा जलाया, पुलिस पर कार्रवाई में भेदभाव का आरोप


एडीजे वन की अदालत ने सुनाया फैसला
बता दें कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम गोपाल पांडे की अदालत ने दहेज हत्या के मामले में आरोपितों को सजा सुनाई है. लोहरदगा जिले के भंडरा थाना (bhandra police station lohardaga) में 29 जनवरी 2018 को मृतिका तमन्ना नाज के पिता सदर थाना क्षेत्र के भुजनिया गांव के रहने वाले सहबान अंसारी ने भंडारा थाना में कांड संख्या 9/18 दर्ज कराया था, जिसमें भादवि की धारा 304B और 34 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. इस मामले में तमन्ना नाज के पति के अलावा हाफिज अंसारी उर्फ रशीद अंसारी, तमन्ना की सास मकिना खातून और ससुर युसूफ अंसारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. इस मामले में भंडरा थाना के सहायक अवर निरीक्षक अनुसंधानकर्ता श्रीकांत दास ने शव के पोस्टमॉर्टम के बाद विसरा को जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला रांची भेज दिया था. जहर से मौत की पुष्टि हुई है. इस मामले में अदालत ने मृतिका के पति, सास और ससुर को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

लोहरदगा: लोहरदगा व्यवहार न्यायालय ने दहेज के लिए बहू को जहर देकर मारने के मामले में आरोपी सास-ससुर को दोषी पाया गया है. विसरा जांच रिपोर्ट में जहर से मौत की पुष्टि हुई थी. अदालत ने मृतिका के पति और सास-ससुर को आजीवन कारावास की सजा (life sentence) सुनाई है. फिलहाल तीनों जेल में बंद हैं. तीन साल में न्यायिक प्रक्रिया की कार्रवाई के बाद अदालत ने अपना फैसला सुना दिया. यह मामला साल 2018 का है.



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एडीजे वन की अदालत ने सुनाया फैसला
बता दें कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम गोपाल पांडे की अदालत ने दहेज हत्या के मामले में आरोपितों को सजा सुनाई है. लोहरदगा जिले के भंडरा थाना (bhandra police station lohardaga) में 29 जनवरी 2018 को मृतिका तमन्ना नाज के पिता सदर थाना क्षेत्र के भुजनिया गांव के रहने वाले सहबान अंसारी ने भंडारा थाना में कांड संख्या 9/18 दर्ज कराया था, जिसमें भादवि की धारा 304B और 34 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. इस मामले में तमन्ना नाज के पति के अलावा हाफिज अंसारी उर्फ रशीद अंसारी, तमन्ना की सास मकिना खातून और ससुर युसूफ अंसारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. इस मामले में भंडरा थाना के सहायक अवर निरीक्षक अनुसंधानकर्ता श्रीकांत दास ने शव के पोस्टमॉर्टम के बाद विसरा को जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला रांची भेज दिया था. जहर से मौत की पुष्टि हुई है. इस मामले में अदालत ने मृतिका के पति, सास और ससुर को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

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