लोहरदगा: जिले में सुरक्षा व्यवस्था और भी मजबूत कर दी गई है. कर्फ्यू में छठे दिन किसी भी प्रकार की ढील नहीं दी गई है. जिसके बाद लोग फिर एक बार घरों में ही कैद होने को विवश होकर रह गए हैं. सीएए के समर्थन में 23 जनवरी को लोहरदगा में निकाले गए जुलूस में पत्थरबाजी की घटना के बाद भड़की हिंसा और उपद्रव को लेकर जिला प्रशासन ने पूरे जिले में कर्फ्यू लगा दिया था.
लगातार समीक्षा के बाद जिला प्रशासन ने जहां 26 जनवरी को झंडोत्तोलन के लिए महज आधे घंटे की कर्फ्यू में छूट दिया था. वहीं, 27 जनवरी को कर्फ्यू में 2 घंटे की ढील देते हुए अमन-चैन के साथ शांति स्थापित करने का प्रयास किया गया था. इसका असर भी साफ नजर आने लगा था. अचानक से सोमवार की रात उपद्रवियों ने पतराटोली में खड़े एक ट्रक में आग लगा दी. जिससे कि पुलिस प्रशासन की कोशिशों को चुनौती मिल गई. यही नहीं हिंसा की इस घटना में कथित तौर पर घायल नीरज राम प्रजापति की इलाज के दौरान मौत की घटना को लेकर भी स्थिति तनावपूर्ण हो गई है.
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लोहरदगा में शांति व्यवस्था कायम करना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गई है. उपद्रवी शांति की कोशिशों को लगातार झटका दे रहे हैं. जिसके कारण बाजार में तरह-तरह की अफवाहें फैल रही है. हालांकि, प्रशासन इसे रोकने की पुरजोर कोशिश कर रही है. घटना के बाद से ही पुलिस की चौकसी काफी बढ़ी हुई है. पुलिस के पदाधिकारी सुबह से लेकर देर रात तक सड़क पर नजर आ रहे हैं. हाल की घटनाओं को लेकर फिलहाल कर्फ्यू में किसी भी प्रकार की ढील मंगलवार को प्रदान नहीं की गई.