लोहरदगा: भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद समीर उरांव रविवार को लोहरदगा पहुंचे. बीजेपी कार्यालय में समीर उरांव ने कोयला आवंटन नीलामी प्रक्रिया को लेकर झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जाने के मुद्दे पर कई अहम बातें कही है. राज्यसभा सांसद ने कहा कि झारखंड सरकार बेवजह का हाय-तौबा मचा रही है. इस नीलामी प्रक्रिया का फायदा यहां की जनता को ही मिलेगा.
उन्होंने कहा कि पहले जब कोयला आवंटन की प्रक्रिया अपनाई जाती थी तो उसका दुरुपयोग किया जाता था. किसी का नाम तो नहीं लेंगे, पर लोग सब कुछ जानते हैं और समझते हैं. नई प्रक्रिया से भ्रष्टाचार पूरी तरह से खत्म हो जाएगा. इसी वजह से झारखंड सरकार इस प्रक्रिया को नहीं अपनाना चाहती है.
पहले झारखंड सरकार ने किया था समर्थन, अब कर रही विरोध
राज्यसभा सांसद समीर उरांव ने कहा कि केंद्र सरकार ने जब कोयला खदानों की नीलामी की बात कही थी, तो झारखंड सरकार के मुख्य सचिव उस बैठक में शामिल हुए थे और उन्होंने अपना मंतव्य भी दिया था. चीफ सेक्रेटरी नीलामी की प्रक्रिया से संतुष्ट थे. यही नहीं झारखंड सरकार ने भी इसका स्वागत किया था. साथ ही आभार भी जताया था, लेकिन आज ऐसी कौन सी आफत आन पड़ी या फिर किसके इशारे पर अब सुप्रीम कोर्ट जाने की नौबत आ गई.
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उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार लोगों को गुमराह करने का काम कर रही है, जबकि आवंटन प्रक्रिया से राज्य को राजस्व और युवाओं को रोजगार मिलेगा. यहां के लोगों को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिल पाएगा. राज्यसभा सांसद ने साफ तौर पर कहा कि नई प्रक्रिया से देश में कोयला उत्पादन बढ़ेगा और कोयला आयात प्रदेश की निर्भरता कम होगी. कोयला क्षेत्र में अधिक कंपनियों को काम करने का अवसर मिलने का अर्थ है कि नहीं प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अधिक अवसर घरेलू उद्योग और स्वदेशी संसाधनों को मिलेंगे.
'संवेदनशील होकर कदम उठाए राज्य सरकार'
झारखंड में पेट्रोलियम पदार्थों पर लगाए गए वैट के मुद्दे पर राज्यसभा सांसद ने कहा कि राज्य सरकार को संवेदनशील होकर कोई भी कदम उठाना चाहिए. यदि टैक्स में कुछ रियायत देकर जनता का भला किया जा सकता है तो राज्य सरकार को वह जरूर करना चाहिए. झारखंड सरकार को नई कोयला आवंटन नीलामी प्रक्रिया के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने के मुद्दे पर राज्यसभा सांसद समीर उरांव ने झारखंड सरकार को कटघरे में खड़ा करने का काम किया.