लोहरदगाः मां सरस्वती की पूजा अर्चना को लेकर एक अलग ही उत्साह और उमंग नजर आता है. विशेषकर विद्यार्थियों, युवाओं और बच्चों में मां शारदे की पूजा अर्चना की तैयारियां काफी पहले से शुरू हो जाती है. विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना कर अपने भविष्य की मंगल कामना के लिए प्रार्थना करने वाले लोग इस बार भी पूजा अर्चना की तैयारियों में जुटे हुए हैं. वहीं जिले में कर्फ्यू के बावजूद यहां पर पूजा की तैयारियां तो हो रही है, पर कर्फ्यू का असर जरूर नजर आ रहा है. प्रशासनिक निर्देश की वजह से लोगों में एक संशय का भाव दिखाई दे रहा है. बाजार में सन्नाटा पसरे होने और वर्तमान स्थितियों का प्रभाव मूर्तिकारों की मेहनत पर भी साफ तौर पर पड़ा है.
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कर्फ्यू के कारण इस बार सरस्वती पूजा को लेकर काफी कम स्थानों पर तैयारी की जा रही है. प्रशासन ने साफ तौर पर निर्देश दे रखा है कि सार्वजनिक स्थानों पर न तो पूजा अर्चना करनी है और ना ही गाना और अन्य उत्साहजनक कार्यों को अंजाम देना है. इन परिस्थितियों की वजह से विद्यार्थियों और आयोजकों में एक संशय का भाव है. जिसके कारण लोग इस बार सरस्वती पूजा को लेकर काफी संदेहास्पद स्थिति का सामना कर रहे हैं.
सरस्वती पूजा की तैयारियों में कर्फ्यू का खलल पड़ने के कारण इस बार मूर्तिकारों की मेहनत पर ना सिर्फ प्रभाव पड़ा है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से भी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. सरस्वती पूजा को लेकर विद्यार्थियों में उत्साह तो जरूर है, पर उनमें एक भय का माहौल भी है कि कहीं पूजा-अर्चना के भव्य आयोजन के चक्कर में वे किसी पचड़े में न पड़ जाएं. बावजूद इसके विद्यार्थी मूर्तिकार के यहां पहुंचकर अपनी पसंद की मूर्तियों का चयन जरूर कर रहे हैं.
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सरस्वती पूजा के आयोजन में कर्फ्यू प्रभाव जरूर डाल रही है, पर आस्था पर खौफ का कोई असर नहीं है. शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक सरस्वती पूजा की तैयारियां की गई है. अब देखना यह है कि प्रशासन पूजा की तैयारियों को लेकर क्या निर्देश जारी करती है. विभिन्न थाना क्षेत्रों में हुई शांति समिति की बैठक में पूजा आयोजन को लेकर निर्देश दिए गए हैं कि सार्वजनिक स्थान में पूजा अर्चना करते हुए लोग अपने-अपने घरों में पूजा-अर्चना करें. इससे लोगों की आस्था पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा और कानून का पालन भी हो जाएगा.
सरस्वती पूजा को लेकर लोगों में एक अलग ही उत्साह दिखाई दे रहा है. हर साल लोहरदगा में सैकड़ों की संख्या में लोग पूजा-अर्चना को लेकर अलग-अलग जगह आयोजन करते थे. इस बार वह तैयारियां तो नहीं है, पर लोगों के उत्साह में कोई कमी भी नहीं है. वहीं, दूसरी ओर कर्फ्यू का प्रभाव मूर्तिकारों की मेहनत पर पड़ा है. इस बार काफी कम संख्या में मां सरस्वती की प्रतिमाओं की बिक्री और बुकिंग हुई है.