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लोहरदगा में खरीफ की फसल की खेती की तैयारी शुरू, किसानों को दिए जा रहे हैं हाइब्रिड बीज

बारिश से पहले लोहरदगा में खरीफ की फसल की खेती की तैयारी शुरू हो चुकी है. किसानों के बीच धान के बीज का वितरण किया जा रहा है. सरकार की तरफ से मिले हाइब्रिड बीज से किसान काफी खुश हैं.

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Published : Jun 13, 2022, 11:28 AM IST

Updated : Jun 13, 2022, 2:37 PM IST

लोहरदगा: कृषि प्रधान इस जिले में ज्यादातर आबादी खेती पर निर्भर है. यहां के 80 फीसदी लोग खरीफ, रबी फसल के साथ-साथ सब्जियों की खेती भी करते हैं. देखा जाए तो यहां के समृद्ध किसान के सहारे गांव भी खुशहाल है. खेती पर आश्रित इस जिले में बारिश से पहले खरीफ फसल को लेकर तैयारी की जा रही है. किसानों के बीच धान बीज का वितरण किया जा रहा है. जिससे कि समय रहते किसान धान की खेती से जुड़ सकें. लोहरदगा जिले में सबसे अधिक धान की खेती ही होती है. धान बेचकर किसान अपनी जरूरतों को पूरा कर पाते हैं.

ये भी पढे़ं:- Jharkhand: अंधविश्वास में महिला की हत्या के बाद पहाड़ी से नीचे फेंका शव, सर्च अभियान में तीन दर्जन लोग गिरफ्तार

47 हजार हेक्टेयर में धान की खेती: लोहरदगा में धान की खेती कुल 47 हजार हेक्टेयर में होती है. जिले के अमूमन सभी प्रखंडों में धान की खेती की जाती है. यही कारण है कि कृषि विभाग द्वारा धान बीज का वितरण किया जा रहा है. अब तक लगभग साढ़े तीन सौ क्विंटल हाइब्रिड धान बीज का वितरण कृषि विभाग की ओर से किसानों के बीच किया जा चुका है. राज्य सरकार की योजना के तहत बीज का वितरण हो रहा है. जिला कृषि पदाधिकारी शिव कुमार राम खुदरा वितरण योजना की कमान संभाले हुए हैं. जिसकी वजह से सभी प्रखंडों में बीज का वितरण तेजी से हो रहा है.

देखें पूरी खबर
बाजार से सस्ते दाम में मिल रहे बीज: जिला कृषि विभाग की ओर से जो हाइब्रिड धान का बीज किसानों के बीच वितरित किया जा रहा है, वह काफी सस्ता है. बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर किसानों को मिल पा रहा है. सामान्य रूप से जहां किसानों को एक किलो हाइब्रिड धान बाजार से कम से कम तीन सौ रुपये में खरीदना पड़ता था. वहीं हाइब्रिड बीज अब कृषि विभाग की ओर से महज डेढ़ सौ रुपये अधिकतम मूल्य पर उपलब्ध हो पा रहा है. धान की अलग-अलग वैरायटी किसानों को आसानी से कृषि विभाग उपलब्ध करा रहा है. जिसकी वजह से किसानों का रुझान भी इस योजना की ओर बढ़ा है. यदि कृषि विभाग की योजना सफल होती है, तो इस बार धान की बेहतर पैदावार होगी. जिसके कारण किसान और ज्यादा खुशहाल हो पाएंगे. लोहरदगा जिले में खरीफ की खेती काफी हद तक अर्थव्यवस्था को व्यवस्थित करने में अपना योगदान देती है.

लोहरदगा: कृषि प्रधान इस जिले में ज्यादातर आबादी खेती पर निर्भर है. यहां के 80 फीसदी लोग खरीफ, रबी फसल के साथ-साथ सब्जियों की खेती भी करते हैं. देखा जाए तो यहां के समृद्ध किसान के सहारे गांव भी खुशहाल है. खेती पर आश्रित इस जिले में बारिश से पहले खरीफ फसल को लेकर तैयारी की जा रही है. किसानों के बीच धान बीज का वितरण किया जा रहा है. जिससे कि समय रहते किसान धान की खेती से जुड़ सकें. लोहरदगा जिले में सबसे अधिक धान की खेती ही होती है. धान बेचकर किसान अपनी जरूरतों को पूरा कर पाते हैं.

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47 हजार हेक्टेयर में धान की खेती: लोहरदगा में धान की खेती कुल 47 हजार हेक्टेयर में होती है. जिले के अमूमन सभी प्रखंडों में धान की खेती की जाती है. यही कारण है कि कृषि विभाग द्वारा धान बीज का वितरण किया जा रहा है. अब तक लगभग साढ़े तीन सौ क्विंटल हाइब्रिड धान बीज का वितरण कृषि विभाग की ओर से किसानों के बीच किया जा चुका है. राज्य सरकार की योजना के तहत बीज का वितरण हो रहा है. जिला कृषि पदाधिकारी शिव कुमार राम खुदरा वितरण योजना की कमान संभाले हुए हैं. जिसकी वजह से सभी प्रखंडों में बीज का वितरण तेजी से हो रहा है.

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बाजार से सस्ते दाम में मिल रहे बीज: जिला कृषि विभाग की ओर से जो हाइब्रिड धान का बीज किसानों के बीच वितरित किया जा रहा है, वह काफी सस्ता है. बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर किसानों को मिल पा रहा है. सामान्य रूप से जहां किसानों को एक किलो हाइब्रिड धान बाजार से कम से कम तीन सौ रुपये में खरीदना पड़ता था. वहीं हाइब्रिड बीज अब कृषि विभाग की ओर से महज डेढ़ सौ रुपये अधिकतम मूल्य पर उपलब्ध हो पा रहा है. धान की अलग-अलग वैरायटी किसानों को आसानी से कृषि विभाग उपलब्ध करा रहा है. जिसकी वजह से किसानों का रुझान भी इस योजना की ओर बढ़ा है. यदि कृषि विभाग की योजना सफल होती है, तो इस बार धान की बेहतर पैदावार होगी. जिसके कारण किसान और ज्यादा खुशहाल हो पाएंगे. लोहरदगा जिले में खरीफ की खेती काफी हद तक अर्थव्यवस्था को व्यवस्थित करने में अपना योगदान देती है.
Last Updated : Jun 13, 2022, 2:37 PM IST
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