लोहरदगा: जिले के लिए अलग-अलग क्षेत्रों से आए हुए आदिवासी समाज के लोग झखरा कुंबा में इस धार्मिक अनुष्ठान में शामिल हुए. लोहरदगा शहरी क्षेत्र के महात्मा गांधी पथ में स्थित झखरा कुंबा में पारंपरिक रूप से पाहन और पुजारी द्वारा पूजा-अर्चना संपन्न कराई गई. प्रार्थना के उपरांत आदिवासी समाज के लोगों ने कहा कि प्रकृति अपना संतुलन बना रही है. जब कभी प्रकृति का संतुलन बिगड़ता है तो इस प्रकार की आपदाएं आती है.
प्रकृति हम जनमानस को इस आपदा से जरूर बचाएगी. सभी लोगों ने प्रकृति से प्रार्थना करते हुए उन्हें इस विपदा की स्थिति से बाहर निकालने की प्रार्थना की. इस अनुष्ठान में लोगों ने मास्क पहनकर यह बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए अनुष्ठान के दौरान भी वे काफी सजग और समर्पित हैं. सभी लोगों ने सामाजिक दूरी के नियमों का भी पालन किया. अनुष्ठान के दौरान अनावश्यक रूप से भीड़-भाड़ नहीं हुई थी.
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इस बार पहली बार ऐसा हुआ है कि सरहुल के मौके पर शोभायात्रा नहीं निकाली गई. लोहरदगा के झखरा कुंभा में सरहुल का पर्व मनाया गया. आदिवासी समाज के लोगों ने प्रकृति से प्रार्थना की. विपदा की इस स्थिति में उन्हें बाहर निकालने की विनती प्रकृति से की गई. लोगों ने कहा कि प्रकृति अपना संतुलन बना रही है.