लोहरदगा: जिले के हिरही में जिला प्रशासन की पहल से महिला समूहों द्वारा डोकरा कला के माध्यम से कई वस्तुओं का निर्माण किया जाता है. जिसे अब संरक्षित करने के लिए अधिकारियों ने कार्य तेज कर दिया है. डोकरा कला को आगे बढ़ाने और इसे संरक्षित करने के लिए झारखंड पंचायती राज विभाग की निदेशक निशा उरांव लोहरदगा पहुंची. इस दौरान उन्होंने डोकरा कला की वस्तुओं का अवलोकन किया और इसे आगे बढ़ाने और संरक्षित करने के लिए पदाधिकारियों को कई दिशा-निर्देश दिए.
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50 लोगों का समूह तैयार कर कराया जा रहा आधुनिक शेड का निर्माणः जिला प्रशासन की ओर से डोकरा कला को संरक्षित करने और आगे बढ़ाने के लिए 50 लोगों का समूह तैयार कर आधुनिक शेड का निर्माण कराया जा रहा है. ताकि, अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल सके और प्राचीन कला बनी रहे. इस संबंध में पंचायती राज की निदेशक आईएएस निशा उरांव ने कहा की डोकरा कला को विकसित कर संरक्षित करने के लिए केंद्र से भी सहायता मिल रही है और इस दिशा में राज्य सरकार भी लगातार कार्य कर रही है. प्रशासन के स्तर से भी इसकी निगरानी रखी जा रही है और इस पर कार्य किया जा रहा है.
कलाकारों से मुलाकात कर हर सहयोग देने का आश्वासनः लोहरदगा में स्वरोजगार को बढ़ावा देने और प्राचीन डोकरा कला को संरक्षित करने को लेकर राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने प्रयास तेज कर दिया है. झारखंड राज्य पंचायती राज विभाग की निदेशक ने लोहरदगा पहुंच कर डोकरा कला से जुड़े कलाकारों से मुलाकात की. उनके द्वारा तैयार किए गए उत्पादों का अवलोकन किया. उनके काम को बढ़ावा देने को लेकर सरकार और प्रशासन के स्तर से सहयोग की जानकारी भी दी. मौके पर ग्रामीणों ने पंचायती राज निदेशक का स्वागत भी किया.