लोहरदगा: सीएए और एनआरसी के लिए निकाले गए जुलूस में हुए हंगामे के बाद कई लोग जख्मी हो गए तो वहीं कई लोगों को जिंदगी और मौत से जूझना पड़ रहा था. ऐसे ही लोहरदगा में हुए हिंसा के शिकार हुए नीरज राम प्रजापति जिंदगी की जंग से हार गए और सोमवार को रांची के रिम्स में मौत हो गई.
रिम्स के ट्रामा सेंटर में उसका इलाज चल रहा था. पिछले 2 दिनों से इलाज करा रहे नीरज राम प्रजापति कि शाम 6:00 बजे मौत हो गई. लोहरदगा की हिंसा में घायल हुए नीरज राम प्रजापति को पहले राजधानी के आर्किड अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उसका इलाज दो दिनों तक चला. शनिवार के बाद उसकी गंभीर हालत को देखते हुए आर्किड अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे बेहतर इलाज के लिए रिम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया, जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई.
मृतक के परिजन ने बताया कि लोहरदगा में हिंसा में कुछ लोगों ने उसके सर पर जोरदार हमला किया था जिस कारण उसकी स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई थी और सोमवार को उसकी मौत हो गई. हालांकि कुछ लोगों ने यह भी बताया कि मृतक की मौत लोहरदगा की घटना में नहीं हुई है, लेकिन आर्किड अस्पताल में जवाब देने के बाद उसे रिम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया जहां ट्रॉमा सेंटर के हेड प्रदीप भट्टाचार्य ने भी उसकी मौत की पुष्टि कर दी है.
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वहीं, मृतक की मौत के बाद कुछ एक संगठनों ने मृतक के परिजनों को मुआवजा और नौकरी देने को लेकर विरोध भी जताया. पीड़ित के परिजनों से मिलने के लिए रांची विधायक और पूर्व मंत्री सीपी सिंह, हटिया विधायक नवीन जयसवाल, जीतू चरण राम और कांके विधायक समरी लाल ने पूरी मदद करने का आश्वासन दिया है.