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लोहरदगा: नक्सली ने अधिवक्ता से मांगी लेवी, गिरफ्तार कर भेजा गया जेल

लोहरदगा में गुनहगारों को सजा या निर्दोष साबित करने को लेकर अधिवक्ताओं की सबसे बड़ी भूमिका होती है. नक्सलियों का केस भी अधिवक्ता लड़ते हैं. लोहरदगा में एक ऐसा ही मामला आया है जहां नक्सलियों ने अधिवक्ता से ही लेवी मांग ली. अधिवक्ता ने प्राथमिकी दर्ज करा दी, जिसके बाद नक्सली को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है.

naxalite arrested
गिरफ्तार नक्सली
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Published : Sep 12, 2020, 12:10 PM IST

लोहरदगा : लोहरदगा में जिस पीएलएफआई नक्सली को गिरफ्तार किया गया है, वह नक्सली संगठन के लिए हथियार सप्लाई करने के साथ-साथ लेवी वसूलने का काम भी करता है. पीएलएफआई उग्रवादी संगठन के नाम पर लोहरदगा व्यवहार न्यायालय के वरीय अधिवक्ता से 51 हजार रुपए लेवी मांगने के आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. प्राथमिकी दर्ज होने के 48 घंटे के भीतर इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपित किस्को थाना अंतर्गत होंदगा गांव निवासी जमाल अंसारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. पीएलएफआई उग्रवादी संगठन के नाम पर लगातार लेवी मांगने से परेशान अधिवक्ता ने सदर थाने में किस्को थाना क्षेत्र के होंदगा गांव निवासी स्वर्गीय मुस्तकीम अंसारी के पुत्र जमाल अंसारी के विरूद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी.

इस मामले में सदर थाना पुलिस ने एसपी के निर्देश पर त्वरित कार्रवाई करते हुए 24 घंटे के भीतर आरोपित होंदगा गांव निवासी जमाल अंसारी को गिरफ्तार कर लिया है. वरीय अधिवक्ता कृपा शंकर पांडे ने स्पष्ट किया है कि विगत तीन-चार महीनों से विभिन्न माध्यमों से भया दोहन करने की नियत से जमाल अंसारी उन्हें जान-माल की धमकी दिया करता था. वह कहता था कि वह पीएलएफआई का सक्रिय सदस्य है और संगठन को हथियार और गोली खरीदने तथा उसकी आपूर्ति करने की जिम्मेवारी उसे मिली है. पीएलएफआई उग्रवादी संगठन के लिए चंदा उगाही का काम वह करता है. लोहरदगा शहर से 10 लाख रुपए प्रत्येक माह वसूल करता है. उसने पीएलएफआई उग्रवादी संगठन के लिए अधिवक्ता से पैसे की मांग की थी. जमाल अंसारी ने विभिन्न व्यक्तियों के माध्यम के अलावा खुद भी अधिवक्ता से 51 हजार रुपए की मांग की थी. वह बार-बार धमकी देता था.

ये भी पढ़ें- रांचीः मोरहाबादी मैदान में जुटे दो हजार सहायक पुलिसकर्मी, हक के लिए किया आर-पार का ऐलान

वह कहता था कि मांग के मुताबिक पैसा नहीं दिया जाएगा तो कभी भी कुछ भी हो सकता है. अधिवक्ता का कहना है कि जमाल अंसारी अपराधी प्रवृत्ति का व्यक्ति है और उसका संबंध उग्रवादी संगठन के साथ है. ऐसे में वे भयभीत हो गए थे, अधिवक्ता ने अपने और अपने परिवार की जान माल की रक्षा के लिए जमाल अंसारी को 15 हजार रुपए भी दिया था. बावजूद जमाल अंसारी और उसके सहयोगियों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा था. थक- हार कर उसने थाने में आवेदन देते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी.
लोहरदगा पुलिस ने अधिवक्ता से पीएलएफआई नक्सली संगठन के नाम पर लेवी मांगने के आरोपित को गिरफ्तार किया है. आरोपी ने अधिवक्ता से 51 हजार रुपए लेवी की मांग की थी. अधिवक्ता ने भयवश 15 हजार रुपए दिए थे. इसके बावजूद अधिवक्ता को लगातार धमकी दी जा रही थी, इसके बाद उन्होंने पुलिस से शिकायत की पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.

लोहरदगा : लोहरदगा में जिस पीएलएफआई नक्सली को गिरफ्तार किया गया है, वह नक्सली संगठन के लिए हथियार सप्लाई करने के साथ-साथ लेवी वसूलने का काम भी करता है. पीएलएफआई उग्रवादी संगठन के नाम पर लोहरदगा व्यवहार न्यायालय के वरीय अधिवक्ता से 51 हजार रुपए लेवी मांगने के आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. प्राथमिकी दर्ज होने के 48 घंटे के भीतर इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपित किस्को थाना अंतर्गत होंदगा गांव निवासी जमाल अंसारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. पीएलएफआई उग्रवादी संगठन के नाम पर लगातार लेवी मांगने से परेशान अधिवक्ता ने सदर थाने में किस्को थाना क्षेत्र के होंदगा गांव निवासी स्वर्गीय मुस्तकीम अंसारी के पुत्र जमाल अंसारी के विरूद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी.

इस मामले में सदर थाना पुलिस ने एसपी के निर्देश पर त्वरित कार्रवाई करते हुए 24 घंटे के भीतर आरोपित होंदगा गांव निवासी जमाल अंसारी को गिरफ्तार कर लिया है. वरीय अधिवक्ता कृपा शंकर पांडे ने स्पष्ट किया है कि विगत तीन-चार महीनों से विभिन्न माध्यमों से भया दोहन करने की नियत से जमाल अंसारी उन्हें जान-माल की धमकी दिया करता था. वह कहता था कि वह पीएलएफआई का सक्रिय सदस्य है और संगठन को हथियार और गोली खरीदने तथा उसकी आपूर्ति करने की जिम्मेवारी उसे मिली है. पीएलएफआई उग्रवादी संगठन के लिए चंदा उगाही का काम वह करता है. लोहरदगा शहर से 10 लाख रुपए प्रत्येक माह वसूल करता है. उसने पीएलएफआई उग्रवादी संगठन के लिए अधिवक्ता से पैसे की मांग की थी. जमाल अंसारी ने विभिन्न व्यक्तियों के माध्यम के अलावा खुद भी अधिवक्ता से 51 हजार रुपए की मांग की थी. वह बार-बार धमकी देता था.

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वह कहता था कि मांग के मुताबिक पैसा नहीं दिया जाएगा तो कभी भी कुछ भी हो सकता है. अधिवक्ता का कहना है कि जमाल अंसारी अपराधी प्रवृत्ति का व्यक्ति है और उसका संबंध उग्रवादी संगठन के साथ है. ऐसे में वे भयभीत हो गए थे, अधिवक्ता ने अपने और अपने परिवार की जान माल की रक्षा के लिए जमाल अंसारी को 15 हजार रुपए भी दिया था. बावजूद जमाल अंसारी और उसके सहयोगियों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा था. थक- हार कर उसने थाने में आवेदन देते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी.
लोहरदगा पुलिस ने अधिवक्ता से पीएलएफआई नक्सली संगठन के नाम पर लेवी मांगने के आरोपित को गिरफ्तार किया है. आरोपी ने अधिवक्ता से 51 हजार रुपए लेवी की मांग की थी. अधिवक्ता ने भयवश 15 हजार रुपए दिए थे. इसके बावजूद अधिवक्ता को लगातार धमकी दी जा रही थी, इसके बाद उन्होंने पुलिस से शिकायत की पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.

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