लोहरदगा: काली अंधेरी घनघोर रात हो या फिर दिन का उजाला, यहां से गुजरने वालों की रूह कांप जाती है. रोंगटे खड़े कर देने वाला यह इलाका अपनी कहानियों और रहस्यों की वजह से एक अलग ही माहौल बना देता है. कुछ लोग इसे औरंगजेब के जमाने की गुफा कहते हैं. कुछ लोग अंग्रेजों के जमाने की गुफा बता कर इसके इतिहास का वर्णन करते हैं. कहा जाता है कि इस गुफा में खजाना भरा पड़ा है. खजाने की लालच में जो लोग यहां पर पहुंचते हैं, वह जिंदा वापस नहीं लौटते. रहस्य और खौफ से भरी इस गुफा का इतिहास जानने की कोशिश कई लोगों ने की. कुछ लोग जिंदा होकर भी कुछ बताने के काबिल न रहे, तो कुछ लोगों का शव ही घर लौटा. आज तक यह गुफा रहस्य ही बनी हुई है.
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धर्म परिवर्तन से बचने के लिए बनी थी यह गुफा
धर्म विशेष के लोग जब यहां पर घुसने की कोशिश करते हैं तो उन्हें मौत ही नसीब होती है. स्थानीय ग्रामीण कहते हैं कि 10 साल पहले 4 धर्म विशेष के युवाओं ने यहां पर गुफा में घुसकर चोरी करने की कोशिश की थी. जिसमें से 3 लोगों की मौत हो गई थी. कई बार कई लोगों ने इस गुफा का रहस्य जानने की कोशिश की, लेकिन कोई भी आज तक इस गुफा का रहस्य नहीं जान सका है.
गुफा के अंदर हैं 7 दरवाजे
इस रहस्यमयी गुफा के अंदर 7 दरवाजे हैं. इन 7 दरवाजे में बड़े-बड़े ताले लगे हुए हैं. यहां पर गुफा के अंदर भगवान की प्रतिमा भी है. गुफा के आसपास अजीबोगरीब सामान भी मिलता है. सोने-चांदी के जेवरात भी मिल चुके हैं. गुफा की रक्षा एक अनजानी शक्ति करती है. कई रहस्य, कहानियों और खौफ से भरी इस गुफा के बारे में जानने की कोशिश किसी ने नहीं की. लोग चाहते हैं कि पुरातत्व विभाग की टीम इस गुफा की खुदाई कराएं और यहां के रहस्य को जानने की कोशिश करें. डर का माहौल कुछ ऐसा है कि लोग शाम होते ही यहां से गुजरने में भी खौफ खाते हैं.